कुरुक्षेत्र: सूरजमुखी खरीद को लेकर कुरुक्षेत्र के शाहाबाद में दिल्ली-चंडीगढ़ नेशनल हाईवे जाम करने वाले किसानों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया है. लाठीचार्ज से पहले किसानों पर वाटर कैनन का भी इस्तेमाल किया गया. जिसके बाद पुलिस ने किसानों से हाईवे को खाली करवा दिया. बताया जा रहा है कि पुलिस ने 30 से ज्यादा किसानों को हिरासत में लिया है. वहीं 5 से 6 किसान घायल भी बताये जा रहे हैं.
पहले पुलिस ने किसानों से काफी समय तक हाईवे खाली करवाने को कहा. लेकिन किसानों ने कोई भी बात नहीं सुनी. इसके बाद पुलिस की ओर से हाईकोर्ट के आदेशों का हवाला देते हुए कहा गया कि आम जन की सुविधा को देखते हुए हाईवे जाम नहीं किया जा सकता. लेकिन किसानों ने प्रशासन की कोई भी बात नहीं सुनी. जिसके चलते पहले तो पुलिस ने किसानों पर वाटर कैनन का इस्तेमाल किया और उसके बाद 7 बजे के बाद लाठीचार्ज कर हाईवे खाली करवाया गया.
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पुलिस के लाठीचार्ज के दौरान 6 से 7 किसान घायल बताए जा रहे हैं. पुलिस ने करीब 30 से ज्यादा किसानों को हिरासत में भी लिया है. फिलहाल इस घटनाक्रम को लेकर कोई भी अधिकारी कुछ भी कहने को तैयार नहीं है. आपको बता दें कि किसानों को रोकने के लिए 9 ड्यूटी मजिस्ट्रेट तैनात किए गए थे और 700 से ज्यादा पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई थी. इसके बावजूद भी किसान हाईवे जाम लगाने में सफल रहे हैं. जाहिर है कि हजारों की संख्या में पहुंचे किसानों को रोकना पुलिस के लिए चुनौती भरा रहा.
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पूरा मामला जानें: गौरतलब है कि सूरजमुखी खरीद को लेकर मंगलवार को किसानों ने नेशनल हाईवे जाम करने की चेतावनी पहले से ही सरकार को दी थी. जिसके चलते पुलिस प्रशासन ने किसानों को रोकने के लिए बैरिकेडिंग कर पूरे इंतजाम किए थे. लेकिन हजारों किसान शहीद उधम सिंह स्मारक के रास्ते शहीद को श्रद्धांजलि देने के बाद पुल के ऊपर से होकर नेशनल हाईवे पर जा पहुंचे. जिसके बाद किसानों ने दोनों तरफ से हाईवे को जाम कर दिया. इस दौरान दोनों तरफ गाड़ियां फंसी रही. जिसके चलते पुलिस को रूट डायवर्ट करने पड़े. वहीं, भाकियू अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने ऐलान किया था, कि उन्हें हाईवे से हटाने के लिए बल का प्रयोग किया गया, तो पूरे प्रदेश को बंद कर दिया जाएगा.
क्या है किसानों की मांग: किसानों की मांग है कि सूरजमुखी को सरकार एमएसपी पर खरीदे. गुरनाम सिंह चढूनी का कहना है कि 10 मई से ही मंडियों में सूरजमुखी की आवक शुरू हो गई थी. किसान अपनी फसल वापस ले जाने को मजबूर हैं. जिससे किसानों पर आर्थिक बोझ पड़ रहा है. गुरनाम सिंह चढूनी ने सरकार को पहले ही सख्त लफ्जों में चेतावनी दी थी, कि जब तक सरकार एमएसपी पर सूरजमुखी की खरीद नहीं करती तब तक किसान सड़क नहीं छोड़ेंगे. बेशक पुलिस जो चाहे कार्रवाई करे. हालांकि किसानों और सरकार की बैठक हुई थी, जो कि बेनतीजा रही. जिसके बाद किसानों ने सरकार को 5 जून तक का अल्टीमेटम दिया था.
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