कुरुक्षेत्रः मेहनत के साथ अगर हौंसले बुलंद हों तो निश्चित रुप से सफलता हासिल होती है. चाहे जो बाधाएं आएं, लेकिन मेहनतकश आदमी अपनी राह बना ही लेते हैं. कुरुक्षेत्र जिले के भौर सैयदा गांव के रहने वाले अमृत सिंह बाजवा उन्हीं में से एक है. जिन्होंने खेती के साथ मशरूम उत्पादन से आज लाखों रुपए आमदनी कमाई है. अमृत सिंह बाजवा ने आधा एकड़ की मशरूम की खेती से शुरू करने के बाद आज कई एकड़ में मशरूम का फॉर्म हाउस बना दिया है. अमृत सिंह बाजवा के फॉर्म हाउस में उगाई गई मशरूम की मांग देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी है.
आधे एकड़ से 10 एकड़ तक का सफर
मात्र आधे एकड़ जमीन से मशरूम का उत्पादन शुरू करने वाले बाजवा आज लगभग 10 एकड़ में मशरूम उत्पादन का व्यवसाय कर रहे हैं. इससे उन्हें काफी अच्छा मुनाफा हो रहा है. अमृत सिंह बाजवा ने बताया कि सन 1994 में उनके पिता ने आधा एकड़ की खेती से ये मशरूम का व्यवसाय शुरू किया था. जिसके बाद दिन प्रतिदिन ये व्यवसाय बढ़ता चला गया और आज देश के हर कोने से किसान उनके पास से यहां बीज खाद लेने के लिए पहुंचते हैं.
कम लागत में अधिक मुनाफा
अमृत सिंह बाजवा ने बताया कि उन्होंने सिर्फ अपनी शौक के लिए ये खेती की थी और उसके बाद से ही दिन पर दिन वो इस व्यवसाय में मुनाफा कमाते गए. उन्होंने बताया कि आज लगभग 10 एकड़ में उनका ये मशरुम का फॉर्म हाउस फैल चुका है. इसके अलावा वे अभी 18 एकड़ में और मशरूम उगाने की तैयारी कर रहे हैं. अमृत सिंह ने बताया कि हर किसान को ये खेती करनी चाहिए कम लागत में इसमें अधिक मुनाफा कमाया जा सकता है और आजकल के युवा जो देश विदेश में जाकर लगभग खेती के कार्य में ही लगते हैं वो अपने देश में रहकर भी अधिक मुनाफा कमा सकते हैं.
मशरूम उगाने की विधि
युवा किसान अमृत सिंह ने बताया कि मशरूम लगाने की विधि बहुत ही सरल है. जिसमें पराली और भूसे को गला सड़ा कर उसके अंदर मशरूम के बीज डाल दिए जाते हैं और इस तैयार मिश्रण को एक साइड लगाकर ट्रिवाइज लगाकर रख दिया जाता है. जब ये फंगस फैलने लगता है तो इसके ऊपर फिर मिश्रण का एक लेयर लगा दिया जाता है और हल्के पानी के छिड़काव के बाद लगभग 5 से 10 दिन में मशरूम उगना शुरू हो जाते हैं. उन्होंने बताया कि 1 एकड़ में लगभग 10 से 12 साइड लगाकर हर साइड से लगभग 25 से 30 हजार का मुनाफा कमाया जा सकता है.
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