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लाठीचार्ज का आदेश देने वाले एसएचओ के पिता बोले, हम किसानों के साथ- सजा के लिए भी तैयार - करनाल एसएचओ हरजिंदर किसान विरोध

करनाल में किसानों पर हुए लाठीचार्ज (Karnal lathi charge) का मामला बड़ा होता जा रहा है. किसानों ने इस लाठीचार्ज में शामिल सिख पुलिस अधिकारियों के परिवारों का विरोध किया और उनका सामाजिक बहिष्कार करने का आह्वान भी किया. जिसके बाद करनाल एसएचओ हरजिंदर खैरा के परिवार के सदस्यों ने कहा कि वह अपने सीनियर अधिकारियों के आदेश का पालन कर रहे थे.

karnal SHO Harjinder Khaira
Karnal lathi charge
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Published : Sep 1, 2021, 4:19 PM IST

कुरुक्षेत्र: किसानों पर लाठीचार्ज (Lathi Charge On Farmers) के विरोध में बीते सोमवार को संयुक्त किसान मोर्चा (Sanyukt Kisan Morcha) ने करनाल में महापंचायत की थी. इस महापचंयात की अध्यक्षता किसान नेता गुरनाम चढूनी (Farmer leader Gurnam Chadhuni) ने की थी. महापंचायत को संबोधित करते हुए किसान नेता गुरनाम चढूनी ने इशारों-इशारों में कहा था कि इस पूरे मामले में इनेलो का भी हाथ है. चढूनी के मुताबिक जिस एसडीएम ने किसानों का सिर फोड़ने के आदेश दिए वो INLD (इंडियन नेशनल लोकदल) के बड़े पदाधिकारी के भाई हैं.

वहीं लाठीचार्ज की कमान संभालने वाला इंस्पेक्टर बीजेपी के पूर्व विधायक बख्शीश सिंह का भतीजा है. इसके बाद किसानों ने इस लाठीचार्ज में शामिल सिख पुलिस अधिकारियों के परिवारों का विरोध किया और उनका सामाजिक बहिष्कार करने का आह्वान भी किया. वहीं अब इस मामले को लेकर एसएचओ हरजिंदर सिंह खैरा के परिवार से सफाई पेश की है. हरजिंदर सिंह खैरा के चाचा डॉ. मेजर सिंह ने कहा कि जब हमने हरजिंदर से घटना के बारे में पूछा तो उसका कहना था कि आज मुझे कोम का गद्दार बताया जा रहा है, लेकिन मैं कोम को गद्दान नहीं क्योंकि अगर मैं एक विशेष कोम को छोड़कर दूसरों पर लाठियां चलाता तो कोम बदनाम होती. हमें किसी बात से डर नहीं है क्योंकि हमने कुछ गलत नहीं किया.

ये भी पढ़ें- 1 जनवरी से किसान अपनी फसल बेचेगा दोगुने रेट पर, पीएम मोदी का भी करेंगे प्रचार- टिकैत

बता दें कि लाठीचार्ज में शामिल एसएचओ हरजिंदर के घर के बाहर किसानों के द्वारा उनका पुतला भी फूंका गया था और सामाजिक तौर पर उनके परिवार का बहिष्कार करने की बात कही गई थी. हरजिंदर सिंह के पिता बूटा सिंह इनेलो के नेता हैं. उन्होंने कहा कि हम भी किसान हैं, हमारे पास 300 एकड़ के आसपास जमीन है. हरजिंदर सिंह खेरा को एक षड्यंत्र के तहत बदनाम किया जा रहा है ताकि एक कोम को बदनाम किया जा सके.

उन्होंने कहा कि उस दौरान हरजिंदर सिंह एक किसान नहीं बल्कि एक जवान की भूमिका में था, और अपने सीनियर्स का आदेश मान रहा था. उस दौरान हरजिंदर सिंह को भी अपशब्द भी बोले गये. केवल हरजिंदर सिंह की वीडियो वायरल हो रही अन्य की वीडियो क्यों नहीं वायरल हुई. हमारा परिवार लगातार किसानी संघर्ष में डटा हुआ है. मैं करनाल में किसानों पर हुए लाठीचार्ज की घटना की निंदा करता हूं. मैं पहले की तर्ज पर इस आंदोलन के साथ जुड़ा रहूंगा.

ये भी पढ़ें- लाठीचार्ज मामले में बड़ा दावा, इनेलो नेता के इशारे पर SDM ने दिया सिर फोड़ने का आदेश?

उन्होंने कहा कि मैं संयुक्त किसान मोर्चा से अपील करता हूं कि इस मामले की जांच करवाई जाये क्योंकि हमें एक जाति रंजिश के तहत बदनाम किया जा रहा है. हरजिंदर सिंह खैरा के पिता ने कहा कि मैं इंडियन नेशनल लोकदल का जिला प्रधान हूं. पार्टी के साथ जुड़ा रहूंगा, लेकिन जबतक इस मामले में जांच चल रही है तबतक मैं जिला प्रधान पद के ओहदे का इस्तेमाल नहीं करूंगा. जिसने हमें बदनाम करने की साजिश की है मैं फिलहाल उसका नाम उजागर नही करुंगा. समय आने पर उसका नाम सार्वजनिक करेंगे. संयुक्त किसान मोर्चा हमें जांच के लिये बुलाता है तो हम जायेंगे और स्पष्टीकरण देंगे, अगर दोष साबित होता है तो हमें सजा दी जाये.

कुरुक्षेत्र: किसानों पर लाठीचार्ज (Lathi Charge On Farmers) के विरोध में बीते सोमवार को संयुक्त किसान मोर्चा (Sanyukt Kisan Morcha) ने करनाल में महापंचायत की थी. इस महापचंयात की अध्यक्षता किसान नेता गुरनाम चढूनी (Farmer leader Gurnam Chadhuni) ने की थी. महापंचायत को संबोधित करते हुए किसान नेता गुरनाम चढूनी ने इशारों-इशारों में कहा था कि इस पूरे मामले में इनेलो का भी हाथ है. चढूनी के मुताबिक जिस एसडीएम ने किसानों का सिर फोड़ने के आदेश दिए वो INLD (इंडियन नेशनल लोकदल) के बड़े पदाधिकारी के भाई हैं.

वहीं लाठीचार्ज की कमान संभालने वाला इंस्पेक्टर बीजेपी के पूर्व विधायक बख्शीश सिंह का भतीजा है. इसके बाद किसानों ने इस लाठीचार्ज में शामिल सिख पुलिस अधिकारियों के परिवारों का विरोध किया और उनका सामाजिक बहिष्कार करने का आह्वान भी किया. वहीं अब इस मामले को लेकर एसएचओ हरजिंदर सिंह खैरा के परिवार से सफाई पेश की है. हरजिंदर सिंह खैरा के चाचा डॉ. मेजर सिंह ने कहा कि जब हमने हरजिंदर से घटना के बारे में पूछा तो उसका कहना था कि आज मुझे कोम का गद्दार बताया जा रहा है, लेकिन मैं कोम को गद्दान नहीं क्योंकि अगर मैं एक विशेष कोम को छोड़कर दूसरों पर लाठियां चलाता तो कोम बदनाम होती. हमें किसी बात से डर नहीं है क्योंकि हमने कुछ गलत नहीं किया.

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बता दें कि लाठीचार्ज में शामिल एसएचओ हरजिंदर के घर के बाहर किसानों के द्वारा उनका पुतला भी फूंका गया था और सामाजिक तौर पर उनके परिवार का बहिष्कार करने की बात कही गई थी. हरजिंदर सिंह के पिता बूटा सिंह इनेलो के नेता हैं. उन्होंने कहा कि हम भी किसान हैं, हमारे पास 300 एकड़ के आसपास जमीन है. हरजिंदर सिंह खेरा को एक षड्यंत्र के तहत बदनाम किया जा रहा है ताकि एक कोम को बदनाम किया जा सके.

उन्होंने कहा कि उस दौरान हरजिंदर सिंह एक किसान नहीं बल्कि एक जवान की भूमिका में था, और अपने सीनियर्स का आदेश मान रहा था. उस दौरान हरजिंदर सिंह को भी अपशब्द भी बोले गये. केवल हरजिंदर सिंह की वीडियो वायरल हो रही अन्य की वीडियो क्यों नहीं वायरल हुई. हमारा परिवार लगातार किसानी संघर्ष में डटा हुआ है. मैं करनाल में किसानों पर हुए लाठीचार्ज की घटना की निंदा करता हूं. मैं पहले की तर्ज पर इस आंदोलन के साथ जुड़ा रहूंगा.

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उन्होंने कहा कि मैं संयुक्त किसान मोर्चा से अपील करता हूं कि इस मामले की जांच करवाई जाये क्योंकि हमें एक जाति रंजिश के तहत बदनाम किया जा रहा है. हरजिंदर सिंह खैरा के पिता ने कहा कि मैं इंडियन नेशनल लोकदल का जिला प्रधान हूं. पार्टी के साथ जुड़ा रहूंगा, लेकिन जबतक इस मामले में जांच चल रही है तबतक मैं जिला प्रधान पद के ओहदे का इस्तेमाल नहीं करूंगा. जिसने हमें बदनाम करने की साजिश की है मैं फिलहाल उसका नाम उजागर नही करुंगा. समय आने पर उसका नाम सार्वजनिक करेंगे. संयुक्त किसान मोर्चा हमें जांच के लिये बुलाता है तो हम जायेंगे और स्पष्टीकरण देंगे, अगर दोष साबित होता है तो हमें सजा दी जाये.

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