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गीता जयंती को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने में कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड की महत्वपूर्ण भूमिका, जानें इस साल कब मनायी जाएगी गीता जयंती

International Geeta Jayanti: इस साल 22 दिसंबर को गीता जयंती मनायी जा रही है. मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को गीता जयंती मनायी जाती है. ज्योतिषियों की मानें तो इस बार 5160 वीं गीता जयंती है।गीता जयंती का कुरुक्षेत्र से सीधा सम्बन्ध है. सर्वविदित है कि कुरुक्षेत्र में ही तकरीबन 5000 साल पहले महाभारत युद्ध के दौरान भगवान कृष्ण ने अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया था.

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अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव 2023
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Dec 5, 2023, 5:32 PM IST

Updated : Dec 5, 2023, 8:37 PM IST

अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव 2023

कुरुक्षेत्र: गीता जयंती अब भारत में ही नहीं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी मनायी जा रही है. कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के द्वारा अंतर्राष्ट्रीय गीता जयंती आयोजित की जाती है. गीता जयंती को बड़े पैमाने पर मनाने में कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड का बहुत बड़ा योगदान है.

कुरुक्षेत्र का धार्मिक महत्व: महाभारत का विश्व प्रसिद्ध युद्ध कुरुक्षेत्र की धरती पर आज से लगभग पांच हजार साल पहले लड़ा गया था. कौरव पांडवों के बीच युद्ध के दौरान जब अर्जुन किंकर्तव्यविमूढ़ की स्थिति में आ गये थे तब भगवान कृष्ण ने अर्जुन को बताया था कि उन्हें क्या करना है, किस रास्ते पर चलना है. युद्ध के दौरान ही भगवान कृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था. कुरुक्षेत्र की इतनी धार्मिक मान्यता है कि अगर कोई इंसान यहां आकर रहने लग जाता है तो उसके सभी पाप दूर हो जाते हैं.

कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड का गठन: कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के मानद सचिव उपेंद्र सिंगल के अनुसार सन1968 में कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड का गठन हुआ था.बोर्ड के गठन पूर्व प्रधानमंत्री गुलजारीलाल नंदा की महत्वपूर्ण भूमिका थी. उपेन्द्र सिंगला के अनुसार गुलजारीलाल नंदा जब कुरुक्षेत्र से सांसद हुआ करते थे तो उनको इस बात का मलाल था कि कुरुक्षेत्र का जितना धार्मिक महत्व है उस अनुपात में धार्मिक स्थलों का संरक्षण नहीं किया जा रहा है. अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर करुक्षेत्र का जितना प्रचार प्रसार होना चाहिए था, वह नहीं हो पाया था. इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए उन्होंने कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड का गठन किया. उस समय कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के अध्यक्ष गुलजारीलाल नंदा बने लेकिन उसके बाद से हरियाणा के राज्यपाल कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के अध्यक्ष हुआ करते हैं. उपेन्द्र सिंगल के अनुसार सरकारी स्तर पर गीता महोत्सव 1968 से ही ब्रह्म सरोवर कुरुक्षेत्र में मनाया जा रहा है. उपेंद्र सिंगल ने बताया कि बोर्ड का प्रयास है कि मान्यता के अनुसार कुरूक्षेत्र के 350 से अधिक धार्मिक स्थलों को खोज कर उसका उद्धार किया जा सके .

अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव की शरुआत: कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के मानद सचिव उपेंद्र सिंगल के अनुसार साल 2016 से गीता जयंती को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मनाया जा रहा है. अब तक यह भारत सहित पांच देशों में आयोजित की गयी है. अभी तक अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, लंदन और मॉरिशस में आयोजित की गई है. अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर गीता महोत्सव मनाने का मुख्य उद्देश्य यह है कि हर कोई जाने की उसके जीवन में गीता का कितना महत्व है. गीता का ज्ञान लोगों तक पहुंचाने के लिए कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड समय समय पर सेमिनार और प्रदर्शनी का भी आयोजन करता है.

ये भी पढ़ें: अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में बनेगा विश्व रिकार्ड, 23 दिसंबर को एक मिनिट, एक साथ गीता पाठ का होगा आयोजन

अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव 2023

कुरुक्षेत्र: गीता जयंती अब भारत में ही नहीं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी मनायी जा रही है. कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के द्वारा अंतर्राष्ट्रीय गीता जयंती आयोजित की जाती है. गीता जयंती को बड़े पैमाने पर मनाने में कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड का बहुत बड़ा योगदान है.

कुरुक्षेत्र का धार्मिक महत्व: महाभारत का विश्व प्रसिद्ध युद्ध कुरुक्षेत्र की धरती पर आज से लगभग पांच हजार साल पहले लड़ा गया था. कौरव पांडवों के बीच युद्ध के दौरान जब अर्जुन किंकर्तव्यविमूढ़ की स्थिति में आ गये थे तब भगवान कृष्ण ने अर्जुन को बताया था कि उन्हें क्या करना है, किस रास्ते पर चलना है. युद्ध के दौरान ही भगवान कृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था. कुरुक्षेत्र की इतनी धार्मिक मान्यता है कि अगर कोई इंसान यहां आकर रहने लग जाता है तो उसके सभी पाप दूर हो जाते हैं.

कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड का गठन: कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के मानद सचिव उपेंद्र सिंगल के अनुसार सन1968 में कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड का गठन हुआ था.बोर्ड के गठन पूर्व प्रधानमंत्री गुलजारीलाल नंदा की महत्वपूर्ण भूमिका थी. उपेन्द्र सिंगला के अनुसार गुलजारीलाल नंदा जब कुरुक्षेत्र से सांसद हुआ करते थे तो उनको इस बात का मलाल था कि कुरुक्षेत्र का जितना धार्मिक महत्व है उस अनुपात में धार्मिक स्थलों का संरक्षण नहीं किया जा रहा है. अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर करुक्षेत्र का जितना प्रचार प्रसार होना चाहिए था, वह नहीं हो पाया था. इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए उन्होंने कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड का गठन किया. उस समय कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के अध्यक्ष गुलजारीलाल नंदा बने लेकिन उसके बाद से हरियाणा के राज्यपाल कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के अध्यक्ष हुआ करते हैं. उपेन्द्र सिंगल के अनुसार सरकारी स्तर पर गीता महोत्सव 1968 से ही ब्रह्म सरोवर कुरुक्षेत्र में मनाया जा रहा है. उपेंद्र सिंगल ने बताया कि बोर्ड का प्रयास है कि मान्यता के अनुसार कुरूक्षेत्र के 350 से अधिक धार्मिक स्थलों को खोज कर उसका उद्धार किया जा सके .

अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव की शरुआत: कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के मानद सचिव उपेंद्र सिंगल के अनुसार साल 2016 से गीता जयंती को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मनाया जा रहा है. अब तक यह भारत सहित पांच देशों में आयोजित की गयी है. अभी तक अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, लंदन और मॉरिशस में आयोजित की गई है. अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर गीता महोत्सव मनाने का मुख्य उद्देश्य यह है कि हर कोई जाने की उसके जीवन में गीता का कितना महत्व है. गीता का ज्ञान लोगों तक पहुंचाने के लिए कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड समय समय पर सेमिनार और प्रदर्शनी का भी आयोजन करता है.

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Last Updated : Dec 5, 2023, 8:37 PM IST
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