कुरुक्षेत्र: कुरुक्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव 2023 का आयोजन चल रहा है. इस अवसर पर अलग -अलग तरह के कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. कई प्रकार के स्टॉल लगाए गए हैं. शिल्पकारों, कलाकारों को अपनी कला का प्रदर्शन करने के लिए मंच मिला हुआ है. कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय और कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड द्वारा भी हरियाणा पवेलियन खोला गया है जहां पर्यटक प्रदेश की आधुनिक और प्राचीन संस्कृति के बारे में जानकारी प्राप्त कर रहे हैं.
हरियाणा पवेलियन की खासियत: 17 दिसंबर 2023 को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने हरियाणा पवेलियन का उद्घाटन किया था. उद्घाटन के बाद से ही हरियाणा पवेलियन में बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंच रहे हैं. हरियाणा की संस्कृति के बारे में उन्हें जानकारी मिल रही है. पहले लोग किन किन चीजों का इस्तेमाल करते थे, कैसे कामकाज किया जाता था, किस-किस प्रकार की वस्तुएं बनायी जाती थी, इन तमाम चीजों के बार में एक साथ जानकारी मिल जा रही है. पवेलियन में हरियाणा की पुरानी धरोहरों की प्रदर्शनी लगायी गयी है जिसको देखने के लिए लोगों की भारी भीड़ उमड़ रही है.
आभूषणों और परिधानों का स्टॉल: हरियाणा पवेलियन में लगा हरियाणावीं आभूषणों और परिधानों का स्टॉल सबको अपनी ओर आकर्षित कर रहा है. पवेलियन में आने वाली महिलाएं और लड़कियां इस स्टॉल पर रानीहार, कंठी, मटरमाला, छालरा सहित अन्य आभूषणों को देखने के साथ-साथ खरीद भी रही हैं. सबसे ज्यादा रानीहार और मटरमाला की खरीददारी हो रही है. गुरूग्राम से खासतौर पर अंजू दहिया को बुलाया गया है, जो परम्परागत हरियाणा के आभूषणों और परिधानों को बनाने के लिए प्रसिद्ध हैं.
हरियाणवी लोक कला बुणाई: हरियाणवी लोक कला बुणाई के बारे में भी पर्यटकों को जानकारी मिल रही है. खाट बुणाई, पीढ़ा बुणाई तथा खटौला बुणाई का पर्यटकों में ज्यादा आकर्षण है. पवेलियन में लोकजीवन में इस्तेमाल होने वाले खाट, पीढ़ा, खटौला, पलंग, मचान, माचा, डहला, दहला, मंजी-मंजा, सेज दर्शकों को देखने को मिल रहे हैं. हरियाणा पैवेलियन के संयोजक प्रो. महासिंह पुनिया ने बताया कि पर्यटकों को प्रदेश की समृद्ध लोक संस्कृति के बारे में जानने का मौका मिल रहा है. पर्यटक पुरातन वस्तुओं को देख ही नहीं रहे बल्कि उसके बारे में जान भी रहे हैं.