ETV Bharat / state

कुरुक्षेत्र: मारकंडा नदी पर टूटा बांध, कई गांवों के खेतों में घुसा पानी

शाहबाद में मारकंडा नदी पर बना बांध टूटने के बाद कई गांवों की खेतों में पानी घुस गया है. इस पर ग्रामीणों ने सिंचाई विभाग की लापरवाही को बताया है और कहा कि बांध की रिपेयरिंग सिर्फ कागजों पर ही होती है.

flood in many villages due to damage of dam on Markanda river
flood in many villages due to damage of dam on Markanda river
author img

By

Published : Aug 20, 2020, 1:05 PM IST

कुरुक्षेत्र: शाहबाद मोहनपुर-मदनपुर गांव में मारकंडा नदी पर बनाया तटबंध के टूटने से कई गांवों की खेतों में पानी घुस गया है. जिसके बाद कई एकड़ फसल जलमग्न हो गई है. ग्रामीणों का कहना है कि हर साल ये बांध टूट जाता है और बांध की रिपेरिंग सिर्फ कागजों में ही हो पाती है. ग्रामीणों ने कहा कि पिछले दस साल से इस बांध की कोई भी रिपेयर नहीं हुई है.

ग्रामीणों ने बताया कि इस बांध का रिपेयर सिर्फ कागजों में ही हुआ है. हर साल यहीं स्थिति यहां बनी रहती है. वहीं इस मामले में सिचांई विभाग के एक्सईएन ने कहा कि बांध की ये हालत कुछ शरारती तत्वों ने की है. उन्होंने बताया कि शरारती तत्वों ने बांध के साथ छेड़खानी की है.

मारकंडा नदी पर टूटा बांध, देखें वीडियो

दरअसल हर साल मानसून से पहले मारकंडा में खस्ताहाल पटरी की रिपेयर और बांध बनाने के लिए लाखों रुपये की राशि जारी की जाती है. असल में ये राशि मारकंडा की पटरी की रिपेयर पर खर्च होने की बजाय कागजों में ही बांध के नाम पर सिंचाई विभाग डकार जाता है. मोहनपुर और मदनपुर के बीच ग्रामीणों ने सिंचाई विभाग की लापरवाही को उजागर भी किया है.

ये भी पढ़ें- हरियाणा के विधायकों का घर पर जाकर किया जाएगा कोरोना टेस्ट- अनिल विज

ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि सालों बीत गए लेकिन पटरी की रिपेयर नहीं हुई, जबकि कागजों में हर वर्ष लाखों रुपये की राशि खर्च की जाती है. यहीं नहीं जब मारकंडा में पानी आता है, तभी सिंचाई विभाग जागता है. इतना ही नहीं मोहनपुर और मदनपुर के बीच में बांध बनाने को लेकर ग्रामीण कई बार सिंचाई विभाग को गुहार लगा चुके हैं.

कागजों में बांध की ऊंचाई 8 फीट और चौड़ाई 40 फीट है, लेकिन इसे अभी तक पक्का नहीं किया गया है. उधर सिंचाई विभाग के एक्सईएन गुरविंद्र सिंह ने दावा किया कि कुछ शरातती तत्वों ने बांध के साथ छेड़छाड़ की है. उन्होंने बताया कि मारकंडा के उफान को देखते हुए सिंचाई विभाग पूरी तरह अलर्ट है. बांध के टूटने की सूचना मिलते ही सिंचाई विभाग ने तुरंत काम शुरू कर दिया था और उसे बंद कर दिया था.

कुरुक्षेत्र: शाहबाद मोहनपुर-मदनपुर गांव में मारकंडा नदी पर बनाया तटबंध के टूटने से कई गांवों की खेतों में पानी घुस गया है. जिसके बाद कई एकड़ फसल जलमग्न हो गई है. ग्रामीणों का कहना है कि हर साल ये बांध टूट जाता है और बांध की रिपेरिंग सिर्फ कागजों में ही हो पाती है. ग्रामीणों ने कहा कि पिछले दस साल से इस बांध की कोई भी रिपेयर नहीं हुई है.

ग्रामीणों ने बताया कि इस बांध का रिपेयर सिर्फ कागजों में ही हुआ है. हर साल यहीं स्थिति यहां बनी रहती है. वहीं इस मामले में सिचांई विभाग के एक्सईएन ने कहा कि बांध की ये हालत कुछ शरारती तत्वों ने की है. उन्होंने बताया कि शरारती तत्वों ने बांध के साथ छेड़खानी की है.

मारकंडा नदी पर टूटा बांध, देखें वीडियो

दरअसल हर साल मानसून से पहले मारकंडा में खस्ताहाल पटरी की रिपेयर और बांध बनाने के लिए लाखों रुपये की राशि जारी की जाती है. असल में ये राशि मारकंडा की पटरी की रिपेयर पर खर्च होने की बजाय कागजों में ही बांध के नाम पर सिंचाई विभाग डकार जाता है. मोहनपुर और मदनपुर के बीच ग्रामीणों ने सिंचाई विभाग की लापरवाही को उजागर भी किया है.

ये भी पढ़ें- हरियाणा के विधायकों का घर पर जाकर किया जाएगा कोरोना टेस्ट- अनिल विज

ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि सालों बीत गए लेकिन पटरी की रिपेयर नहीं हुई, जबकि कागजों में हर वर्ष लाखों रुपये की राशि खर्च की जाती है. यहीं नहीं जब मारकंडा में पानी आता है, तभी सिंचाई विभाग जागता है. इतना ही नहीं मोहनपुर और मदनपुर के बीच में बांध बनाने को लेकर ग्रामीण कई बार सिंचाई विभाग को गुहार लगा चुके हैं.

कागजों में बांध की ऊंचाई 8 फीट और चौड़ाई 40 फीट है, लेकिन इसे अभी तक पक्का नहीं किया गया है. उधर सिंचाई विभाग के एक्सईएन गुरविंद्र सिंह ने दावा किया कि कुछ शरातती तत्वों ने बांध के साथ छेड़छाड़ की है. उन्होंने बताया कि मारकंडा के उफान को देखते हुए सिंचाई विभाग पूरी तरह अलर्ट है. बांध के टूटने की सूचना मिलते ही सिंचाई विभाग ने तुरंत काम शुरू कर दिया था और उसे बंद कर दिया था.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.