कुरुक्षेत्र: गन्ने के समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी न होने पर किसान धरना दे रहे हैं. किसानों का कहना है कि हरियाणा सरकार गन्ने के रेट में बढ़ोतरी नहीं कर रही है. जिससे किसान समाज प्रदेश के मुखिया से नाराज है और जब तक उनकी मांगे नहीं मान ली जाती तब तक वह ऐसे ही प्रदर्शन करते रहेंगे. वहीं शाहाबाद में गन्ने के रेट को लेकर किसानों के धरने प्रदर्शन में भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी शामिल हुए.
साथ ही हरियाणा शुगर फेड के चेयरमैन व कुरुक्षेत्र के शाहबाद हल्का विधायक रामकरण काला किसानों के धरना प्रदर्शन में पहुंचे. विधायक ने माना कि सरकार गन्ने के रेट को बढ़ाने को लेकर बेवजह अड़ी हुई है. सरकार में होते हुए भी जजपा विधायक रामकरण काला ने कहा कि सरकार को किसानों और सरपंचों की मांग मान लेनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि अगर बात बढ़ाएंगे तो बात बढ़ती रहेगी. सरकार को रेट देना है तो सहमति क्यों नहीं देती है. अगर सहमति बनती है तो किसान और सरपंच सभी खुश हो जायेंगे. विधायक ने कहा कि सीएम और डिप्टी सीएम दोनों ही ठीक हैं, लेकिन सलाहकार गलत है. अगर ऐसे ही सरकार चलती रही तो धरने प्रदर्शन चलते रहेंगे. भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि सरकार बेवजह बालहठ पर अड़ी हुई है.
उन्होंने कहा कि किसानों ने कुछ गलत नहीं मांगा है, लेकिन राजा अड़े हुए हैं. किसानों ने कोई रियासत नहीं मांगी. किसान केवल जिन्दा रहने का साधन चाहते हैं. किसान केवल खेती करते रहें और उनका रोजगार चलता रहे. सरकार के लोगों ने ही कहा था कि 2022 में किसान की आमदनी दोगुनी कर देंगे. लेकिन हम तो कहते हैं हमें 2014 वाली ही दे दो.
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अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि 23 जनवरी को कोई भी बड़ा निर्णय हो सकता है. उन्होंने कहा कि कमेटी के नाम पर किसानों की आंखों में धूल झोंकी जा रही है. पूरे देश में कभी गन्ने और फसलों के नाम पर कमेटी नहीं बनी. सरकार किसानों का सब कुछ खा लिया है. राजनीतिक पार्टियों में किसानों के नाम पर दलाली की जा रही है. अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी राहुल गांधी से किसान नेताओं के मिलने पर भी कटाक्ष किया. इस मौके पर किसानों ने जोरदार नारेबाजी भी की.