कुरुक्षेत्र: किसान आंदोलन को तीन साल पूरे हो चुके हैं. इस उपलक्ष्य में भारतीय किसान यूनियन चढूनी ग्रुप ने कुरुक्षेत्र में जन आक्रोश रैली की. भारतीय किसान यूनियन चढूनी ग्रुप के प्रदेश अध्यक्ष कर्म सिंह मथाना ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि सरकार ने हमारी 10 बातों में से सिर्फ एक ही बात मांगी थी, बाकी बातें अभी भी वहीं पर हैं. जिनके लिए भारतीय किसान यूनियन किसानों के साथ मिलकर संघर्ष कर रही है.
सरकार ने किसान आंदोलन को काफी बड़ा होता देख सिर्फ एक लॉलीपॉप दिया था कि किसानों की सभी मांगे पूरी की जाएंगी, लेकिन अभी तक उन पर कोई भी विचार विमर्श नहीं हुआ, किसानों की मुख्य मांग है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य लागू किया जाए, लेकिन अभी तक सरकार के द्वारा वो लागू नहीं किया गया. जिसके लिए वो लगातार लड़ाई लड़ रहे हैं और आगे भी लड़ाई लड़ते रहेंगे. रैली में आए अन्य किसानों ने ईटीवी भारत से बातचीत की.
किसानों ने कहा कि अगर किसानों की बातों को उठाने के लिए गुरनाम सिंह अगर किसी पार्टी का दामन थमते हैं या कोई नई पार्टी बनाते हैं तो क्या आप लोगों का साथ दोगे, तो किसानों ने कहा कि गुरनाम सिंह ने हमेशा किसानों के लिए लड़ाई लड़ी है. गुरनाम सिंह का जो भी फैसला होगा. हम उनके साथ हैं, क्योंकि किसानों की अभी बहुत सी मांगे हैं. जिनको सरकार ने मना नहीं है. अगर इसके लिए हमें एक बार फिर से आंदोलन करना पड़े, तो वो आंदोलन करने के लिए तैयार हैं.
बता दें कि तीन साल पहले किसान आंदोलन के तहत हजारों की संख्या में किसानों ने दिल्ली बॉर्डर पर डेरा डाल दिया था. इस आंदोलन की शुरुआत कुरुक्षेत्र के पीपली से हुई थी. जब तीन कृषि कानून के विरोध में किसानों ने रैली की थी. इस रैली में आए किसानों ने हाईवे जाम कर दिया था. जिसके बाद पुलिस ने किसानों पर लाठीचार्ज किया. इसके बाद किसानों ने दिल्ली कूच का ऐलान किया और किसान दिल्ली बॉर्डर पर पक्का मोर्चा लगाकर बैठ गए थे. इस आंदोलन के तीन साल पूरा होने पर एक बार फिर से पीपली अनाज मंडी में किसानों ने रैली की. इस रैली में दूसरे राज्यों के किसान भी शामिल हुए.