कुरुक्षेत्र: नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने इन दिनों पटाखे की बिक्री और इस्तेमाल पर रोक लगा दी है. यह बैन 30 नवंबर तक लागू रहेगा. एनजीटी की तरफ से दिए गए आदेशों तुरंत प्रभाव से राज्य सरकारों और जिले के प्रशासन ने संज्ञान लेते हुए सभी पटाखा कारोबारियों को पटाका नहीं बेचने की हिदायत दी है और गोदामों को बंद रखने की सलाह दी है. ऐसे में पटाखों का स्टॉक रखने वाले कारोबारियों पर आर्थिक संकट गहरा चुका है. उनका सवाल है कि उनके पास जो स्टॉक पड़ा है उसे कहां रखे और कैसे बेचे?
कुरुक्षेत्र में कई कारोबारी राकेश ने लाखों का माल स्टॉक कर लिया था. एनजीटी के आदेश के बाद मायूस पटाखा कारोबारियों का कहना है कि सरकार और एनजीटी ने यह आदेश पहले दिए होते तो वह इतनी भारी मात्रा में माल को स्टॉक ना करते. आज जब 3 दिन दिवाली को शेष रह गए तो प्रशासन और सरकार की तरफ से पटाखे की बिक्री पर बैन लगा दिया गया, इससे उन्हें बहुत भारी नुकसान हुआ है.
'राज्य सरकारों टैक्स वसूला, अब बेचने नहीं दे रहे'
पटाखा कारोबारी मौसम का कहना है कि पूरा साल इस सीजन का इंतजार करते हैं. अब जब उन्होंने स्टॉक किया तो उन्हें कोई हिदायत नहीं दी गई ऊपर से दोनों सरकारों की तरफ से उनसे टैक्स भी वसूल लिया गया. अब जब हमें बेचने का समय आया तो बिक्री और चलाने पर बैन लगा दिया गया.
उधार पर छोटे दुकानदारों को पटाखा देने वाले भी परेशान
कारोबारियों का कहना है कि उन्होंने कर्ज लेकर भी यह माल का स्टॉक किया. अब उन्हें अपने पटाखों के माल गोदाम की पहरेदारी करनी पड़ रही है. शहर में जो पटाखा के बड़े व्यापारी (हॉलसेलर) है उन्होने छोटे दुकानदारों से जो एडवांस लेकर थोड़ा बहुत माल दिया था वह भी अब उलझन में है.
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