कुरुक्षेत्र: धर्मनगरी कुरुक्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव का आगाज हो चुका है. हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने गीता जयंती महोत्सव सरस मेले का उद्घाटन (Gita Jayanti Mahotsav Saras Mela Kurukshetra) किया. ब्रह्मसरोवर के मीडिया सेंटर में पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि गीता का संदेश हजारों साल बाद आज भी प्रासंगिक है. सरस मेले से हरियाणा की सांस्कृतिक की महक व पहचान विदेशों तक पहुंचेगी.
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि सरस मेले के माध्यम से हरियाणा के संस्कृति की पहचान विदेशों तक पहुंचेगी. उन्होंने कहा कि सरस मेले में 650 स्टालस लगाए गए हैं. जहां पर दूसरे राज्यों से आए हुए आर्ट व क्राफ्ट देखने को मिलेंगे. हर साल लाखों की संख्या में अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव देखने के लिए पूरे भारत वर्ष से पर्यटक यहां पहुंचते हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि 25 देशों के पर्यटक सरस मेले में आएंगे. दस जिलों से गीता जयंती में आने वाले यात्रियों को किराए में 50% छूट दी जा रही है. उन्होंने गीता जयंती के अंतरराष्ट्रीय स्वरूप पर पिछली सरकारों द्वारा ध्यान ना देने पर कहा कि जब जागे तब सवेरा अगला कार्यक्रम ऑस्ट्रेलिया में प्रस्तावित रहेगा. मुख्यमंत्री ने यह भी जानकारी दी कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 29 नवंबर को गीता जयंती के मुख्य कार्यक्रमों में भाग लेगी उसी दिन राष्ट्रपति महोदया हरियाणा की कई परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे.
इससे पहले मुख्यमंत्री मनोहर लाल पिहोवा के गांव मांड़ी में उदासी अखाड़ा के संस्थापक बाबा श्री चंद जी महाराज के 528 वें प्रकाशोत्सव (birth anniversary of Baba Shri Chand Ji Maharaj) में पहुंचे. यहां पर माननीय मुख्यमंत्री ने श्री गुरूग्रंथ साहिब के माथा ठेका और संतों का आशीर्वाद लिया. सीएम ने गांव मांड़ी में गुरुद्वारा साहिब के पास जमीन उपलब्ध करवाने के बाद 20 बेड का अस्पताल सरकार बना कर देगी. अस्पताल बनने के बाद संचालन संस्था द्वारा किया जाएगा.
गुरुद्वारा साहिब परिसर से बिजली खंभों व तारों को हटाने के आदेश दिए. गुरूद्वारा साहिब की सड़क के दोनों तरफ पेवर ब्लाक लगाने, मांड़ी गांव में विजिबिलटी ओके होने के बाद सीवरेज लाइन डालने, सभी छोटे छोटे कार्यों को पूरा की घोषणा की है. इसके अलावा संगत से अपील की है कि सभी मिल कर नशे जैसी कुरीतियों को दूर करके एक अच्छे समाज का निर्माण करना है. युवा पीढ़ी को बाबा श्री चंद जी महाराज के दिखाए मार्ग पर चलना होगा और उनके जीवन से प्रेरणा लेनी होगी.