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छठ पर्व के लिए ब्रह्मसरोवर पहुंचे हजारों श्रद्धालु, गुरुग्राम में भी दिया गया उगते सूर्य को अर्घ्य - गुरुग्राम में छठ पूजा

उगते सूर्य को अर्घ्य देने का साथ ही लोक आस्था का महापर्व छठ आज खत्म हो गया है. छठ व्रतियों ने देश भर के अलग-अलग जलाशयों में उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया. इसी तरह हरियाणा में भी छठ का ये महापर्व धूमधाम से मनाया गया.

हरियाणा में मनाया गया छठ पर्व का त्यौहार
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Published : Nov 3, 2019, 12:05 PM IST

कुरुक्षेत्रः जिले में पूर्वांचली लोगों ने छठ पर्व को बड़े धूमधाम से मनाया. कुरुक्षेत्र के ब्रह्मसरोवर पर हजारों की संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं में उगते सूरज की आराधना की और अर्घ्य दिया. इसी तरह साइबर सिटी गुरुग्राम में भी छठ के अलग-्लग रंग देखने को मिले. जहां हजारों लोगों ने गुरुग्राम के बसई तालाब पर छठ मैया की पूजा की. इस मौके पर सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए गए थे.

छठ पर्व की धूम

देशभर में छठ पर्व की धूम मची है. जहां शनिवार शाम सूर्य उपासना के महापर्व छठ पूजा पर महिलाओं ने अर्घ्य दिया. वहीं अब रविवार सुबह सूर्योदय के दौरान छठ पूजा का ऊर्ध्वागामी अर्घ्य दिया गया. हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड समेत देशभर में रह रहे पूर्वांचलवासी छठ पूजा को धूमधाम से मना रहे हैं.

हरियाणा में मनाया गया छठ पर्व का त्यौहार

हजारों की संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं
श्रद्धालुओं ने बताया कि पहले दिन डूबते सूरज की पूजा आराधना की जाती है और अगले दिन सुबह उगते हुए सूरज को अर्घ्य देकर उपासना कर अपने सुख समृद्धि के लिए सूर्य भगवान को जल में खड़े रहकर पूजा की जाती है. श्रद्धालुओं ने बताया कि ये प्राचीन समय में चलती आ रही एक परंपरा है. हजारों की संख्या में ब्रह्मसरोवर पर पहुंचे श्रद्धालुओं ने बताया कि जिले के कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड ने ब्रह्मसरोवर पर बहुत अच्छी व्यवस्था की है.

chhath pooja
उगते सूर्य को दिया अर्घ्य

ये है मान्यता

मान्यता है कि त्रेता युग से यह परंपरा चली आ रही है भगवान राम ने भी इस छठ पूजा को किया था उसके बाद द्वापर युग में श्री कृष्ण भगवान ने द्रोपती से इस व्रत को रखने के लिए कहा था उसके बाद से ये परंपरा चली आ रही है. सुख समृद्धि बीमारी से निजात और अपने पति की दीर्घायु के लिए महिलाएं इस व्रत को रखती है.

कुरुक्षेत्रः जिले में पूर्वांचली लोगों ने छठ पर्व को बड़े धूमधाम से मनाया. कुरुक्षेत्र के ब्रह्मसरोवर पर हजारों की संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं में उगते सूरज की आराधना की और अर्घ्य दिया. इसी तरह साइबर सिटी गुरुग्राम में भी छठ के अलग-्लग रंग देखने को मिले. जहां हजारों लोगों ने गुरुग्राम के बसई तालाब पर छठ मैया की पूजा की. इस मौके पर सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए गए थे.

छठ पर्व की धूम

देशभर में छठ पर्व की धूम मची है. जहां शनिवार शाम सूर्य उपासना के महापर्व छठ पूजा पर महिलाओं ने अर्घ्य दिया. वहीं अब रविवार सुबह सूर्योदय के दौरान छठ पूजा का ऊर्ध्वागामी अर्घ्य दिया गया. हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड समेत देशभर में रह रहे पूर्वांचलवासी छठ पूजा को धूमधाम से मना रहे हैं.

हरियाणा में मनाया गया छठ पर्व का त्यौहार

हजारों की संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं
श्रद्धालुओं ने बताया कि पहले दिन डूबते सूरज की पूजा आराधना की जाती है और अगले दिन सुबह उगते हुए सूरज को अर्घ्य देकर उपासना कर अपने सुख समृद्धि के लिए सूर्य भगवान को जल में खड़े रहकर पूजा की जाती है. श्रद्धालुओं ने बताया कि ये प्राचीन समय में चलती आ रही एक परंपरा है. हजारों की संख्या में ब्रह्मसरोवर पर पहुंचे श्रद्धालुओं ने बताया कि जिले के कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड ने ब्रह्मसरोवर पर बहुत अच्छी व्यवस्था की है.

chhath pooja
उगते सूर्य को दिया अर्घ्य

ये है मान्यता

मान्यता है कि त्रेता युग से यह परंपरा चली आ रही है भगवान राम ने भी इस छठ पूजा को किया था उसके बाद द्वापर युग में श्री कृष्ण भगवान ने द्रोपती से इस व्रत को रखने के लिए कहा था उसके बाद से ये परंपरा चली आ रही है. सुख समृद्धि बीमारी से निजात और अपने पति की दीर्घायु के लिए महिलाएं इस व्रत को रखती है.

Intro:कुरुक्षेत्र जिले में पूर्वांचली लोगों ने छठ पर्व को बड़े धूमधाम से मनाया कुरुक्षेत्र के ब्रह्मसरोवर पर हजारों की संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं में उगते सूरज की आराधना की।

श्रद्धालुओं ने बताया कि पहले दिन डूबते सूरज को की पूजा आराधना की जाती है और अगले दिन सुबह उगते हुए सूरज को अर्घ देकर उपासना कर अपने सुख समृद्धि के लिए सूर्य भगवान को जल में खड़े रहकर पूजा की जाती है श्रद्धालुओं ने बताया कि यह प्राचीन समय में चलती आ रही एक परंपरा है त्रेता युग से यह परंपरा चली आ रही है भगवान राम ने भी इस छठ पूजा को किया था उसके बाद द्वापर युग में श्री कृष्ण भगवान ने द्रोपती से इस व्रत को रखने के लिए कहा था उसके बाद से यह परंपरा चली आ रही है सुख समृद्धि बीमारी से निजात और अपने पति की दीर्घायु के लिए महिलाएं इस व्रत को रखती है।
हजारों की संख्या में ब्रह्मसरोवर पर पहुंचे श्रद्धालुओं ने बताया कि जिले के कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड ने ब्रह्मसरोवर पर बहुत अच्छी व्यवस्था की है और वह कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड का आभार व्यक्त करते हैं।
बाईट:-पंडित कमल भार्गव
बाईट:-दीपा
बाईट:-उमा


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