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ब्रह्मसरोवर पर पूजा पाठ करने वाले पंडित प्रशासन से नाराज, ये है वजह - brahmasarovar reopen after lockdown

ब्रह्मसरोवर पर पूजा पाठ करवाने वाले पंडित पुरोहत कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड से काफी खफा हैं. उनका कहना है कि सूर्य ग्रहण और शनि जयंति पर लोग पूर्जा अर्चना के लिए आते हैं, लेकिन प्रशासन ने ब्रह्मसरोवर को खोलने का फैसला कुछ घंटों पहले लिया. यही कारण है कि अधिकतर श्रद्धालुओं को इस बारे में जानकारी ही नहीं मिली है.

brahmasarovar kurukshetra
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Published : Jun 10, 2021, 12:37 PM IST

कुरुक्षेत्र: धर्मनगरी में आज सूर्य ग्रहण के साथ-साथ शनि जयंती के लिए पूजा-अर्चना कराई जा रही है. इस पूजा अर्चना के लिए धर्मनगरी कुरुक्षेत्र में दो ही स्थानों को निर्धारित किया गया है, जिनमें सन्निहित सरोवर और ब्रह्मसरोवर प्रमुख जगह हैं. लेकिन ब्रह्मसरोवर बिल्कुल सुनसान दिखाई दिया.

पंडितों ने बताया कि उन्होंने प्रशासन से आग्रह किया था कि जिस तरह से और धार्मिक स्थल खोले गए हैं उसी कड़ी में ब्रह्मसरोवर को भी खोला जाए. लेकिन प्रशासन ने इसमें काफी देर की. प्रशासन ने खोलने का फैसला तो लिया, लेकिन 9 जून रात 8 बजे. ऐसे में श्रद्धालुओं को इस बारे में जानकारी मिली ही नहीं.

ब्रह्मसरोवर पर पूजा पाठ करने वाले पंडित प्रशासन से नाराज, ये है वजह

ये भी पढे़ं- राष्ट्रपति से सम्मानित ज्योतिषाचार्य से जानें इस दुर्लभ सूर्य ग्रहण के समय क्या करें

पंडितों ने बताया कि ये सूचना अगर एक या 2 दिन पहले दी जाती तो दूर से आने वाले श्रद्धालु भी पहुंच सकते थे, लेकिन वो सुबह 4 बजे से ही श्रद्धालुओं का इंतजार कर रहे हैं और इक्का-दुक्का श्रद्धालु ही पूजा पाठ के लिए पहुंच रहे हैं.

उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के बाद से ही वो आर्थिक तंगी झेल रहे हैं. प्रशासन ने उनके लिए कोई सकारात्मक निर्णय नहीं लिया. उन्होंने कहा कि अगर आने वाले त्योहार और आयोजनों पर प्रशासन को इस तरह के निर्णय समय रहते लेने होंगे, नहीं तो उनके सामने काफी परेशानी खड़ी हो जाएगी.

ये भी पढ़ें- 10 जून को वलयाकार सूर्य ग्रहण : भारत में केवल अरुणाचल प्रदेश, लद्दाख से दिखेगा

कुरुक्षेत्र: धर्मनगरी में आज सूर्य ग्रहण के साथ-साथ शनि जयंती के लिए पूजा-अर्चना कराई जा रही है. इस पूजा अर्चना के लिए धर्मनगरी कुरुक्षेत्र में दो ही स्थानों को निर्धारित किया गया है, जिनमें सन्निहित सरोवर और ब्रह्मसरोवर प्रमुख जगह हैं. लेकिन ब्रह्मसरोवर बिल्कुल सुनसान दिखाई दिया.

पंडितों ने बताया कि उन्होंने प्रशासन से आग्रह किया था कि जिस तरह से और धार्मिक स्थल खोले गए हैं उसी कड़ी में ब्रह्मसरोवर को भी खोला जाए. लेकिन प्रशासन ने इसमें काफी देर की. प्रशासन ने खोलने का फैसला तो लिया, लेकिन 9 जून रात 8 बजे. ऐसे में श्रद्धालुओं को इस बारे में जानकारी मिली ही नहीं.

ब्रह्मसरोवर पर पूजा पाठ करने वाले पंडित प्रशासन से नाराज, ये है वजह

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पंडितों ने बताया कि ये सूचना अगर एक या 2 दिन पहले दी जाती तो दूर से आने वाले श्रद्धालु भी पहुंच सकते थे, लेकिन वो सुबह 4 बजे से ही श्रद्धालुओं का इंतजार कर रहे हैं और इक्का-दुक्का श्रद्धालु ही पूजा पाठ के लिए पहुंच रहे हैं.

उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के बाद से ही वो आर्थिक तंगी झेल रहे हैं. प्रशासन ने उनके लिए कोई सकारात्मक निर्णय नहीं लिया. उन्होंने कहा कि अगर आने वाले त्योहार और आयोजनों पर प्रशासन को इस तरह के निर्णय समय रहते लेने होंगे, नहीं तो उनके सामने काफी परेशानी खड़ी हो जाएगी.

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