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अंतरराष्ट्रीय सरस्वती समारोह में हजारों साल पुरानी वस्तुएं बनी आकर्षण का केंद्र

कुरुक्षेत्र के पिहोवा क्षेत्र में प्राचीन संस्कृति नदी और उसके तटों पर प्राचीन समय के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक झरोखों को भी दिखाने का अनोखा प्रयास किया गया है. तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सरस्वती मेले में प्राचीन काल से जुड़ी वस्तुओं की प्रदर्शनी लोगों को भा रही है, विस्तार से पढे़ं खबर

ancient goods exibition in internation sarswati fair
अंतरराष्ट्रीय सरस्वती समारोह
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Published : Jan 28, 2020, 9:18 PM IST

कुरुक्षेत्र: अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के बाद कुरुक्षेत्र के पिहोवा में प्रदेश की संस्कृति की छटा देखने को मिली. पिहोवा में तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सरस्वती समारोह का आयोजन किया जा रहा है. इस अंतरराष्ट्रीय महोत्सव में हरियाणा धरोहर के एक छत के नीचे संजोया गया है. प्रदेश की संस्कृति से जुड़ी परंपरागत पुरानी वस्तुओं को प्रदर्शनी में रखा गया है.

हरियाणा दर्शन प्रदर्शनी में हड़प्पा कालीन संस्कृति की पुरानी चीजों की एक प्रदर्शनी लगाई है, जिसमें प्राचीन काल से जुड़े मिट्टी और धातु के बर्तनों को इकट्ठा कर यहां लोगों को देखने के लिए रखा गया है. प्राचीन काल में लोग टाइम का अनुमान किस तरह से लगाते थे, किस तरह से कसरत की जाती थी और बहुत सी पुरानी वस्तुएं रखी गई हैं जो उस समय लोगों की आम जिंदगी से जुड़े जरूरी के समान देखने को मिलते थे.

अंतरराष्ट्रीय सरस्वती समारोह में लगी प्रदर्शनी, देखिए रिपोर्ट

जींद के गांव चूड़ी खुर्द मैं खुदाई के दौरान निकली आटा चक्की को भी इस प्रदर्शनी में रखा गया है. इतिहासकार की माने तो यह आटा चक्की लगभग 5000 साल पुरानी है. अंतर्राष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव में हमारा हरियाणा प्रदर्शनी को देखने के लिए लोगों की भीड़ लगातार बढ़ रही है. बता दें कि सरस्वती तीर्थ स्थल को इस बार मिनी सूरजकुंड मेले का लुक दिया गया है.

ancient goods exibition in internation sarswati fair
हडप्पा काल का दीपक

ऐतिहासिक बनावली के प्राचीन कुएं की झलक भी यहां देखने को मिल रही है. तीर्थ स्थल पर मेहमानों के लिए विशेष झोपड़ी तैयार की गई हैं और पर्यटकों को खाने में हरियाणा के व्यंजन चूरमा और बाजरे की खिचड़ी दी जा रही है. यहां हरियाणा के गांव के दर्शन संभव हो सकेंगे.

ancient goods exibition in internation sarswati fair
500 हजार साल पूरानी चक्की

ये भी पढ़िए: बाबा रामदेव को बड़ी राहत! कांग्रेस नेता सुभाष बत्रा ने वापस लिया केस

कुरुक्षेत्र: अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के बाद कुरुक्षेत्र के पिहोवा में प्रदेश की संस्कृति की छटा देखने को मिली. पिहोवा में तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सरस्वती समारोह का आयोजन किया जा रहा है. इस अंतरराष्ट्रीय महोत्सव में हरियाणा धरोहर के एक छत के नीचे संजोया गया है. प्रदेश की संस्कृति से जुड़ी परंपरागत पुरानी वस्तुओं को प्रदर्शनी में रखा गया है.

हरियाणा दर्शन प्रदर्शनी में हड़प्पा कालीन संस्कृति की पुरानी चीजों की एक प्रदर्शनी लगाई है, जिसमें प्राचीन काल से जुड़े मिट्टी और धातु के बर्तनों को इकट्ठा कर यहां लोगों को देखने के लिए रखा गया है. प्राचीन काल में लोग टाइम का अनुमान किस तरह से लगाते थे, किस तरह से कसरत की जाती थी और बहुत सी पुरानी वस्तुएं रखी गई हैं जो उस समय लोगों की आम जिंदगी से जुड़े जरूरी के समान देखने को मिलते थे.

अंतरराष्ट्रीय सरस्वती समारोह में लगी प्रदर्शनी, देखिए रिपोर्ट

जींद के गांव चूड़ी खुर्द मैं खुदाई के दौरान निकली आटा चक्की को भी इस प्रदर्शनी में रखा गया है. इतिहासकार की माने तो यह आटा चक्की लगभग 5000 साल पुरानी है. अंतर्राष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव में हमारा हरियाणा प्रदर्शनी को देखने के लिए लोगों की भीड़ लगातार बढ़ रही है. बता दें कि सरस्वती तीर्थ स्थल को इस बार मिनी सूरजकुंड मेले का लुक दिया गया है.

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हडप्पा काल का दीपक

ऐतिहासिक बनावली के प्राचीन कुएं की झलक भी यहां देखने को मिल रही है. तीर्थ स्थल पर मेहमानों के लिए विशेष झोपड़ी तैयार की गई हैं और पर्यटकों को खाने में हरियाणा के व्यंजन चूरमा और बाजरे की खिचड़ी दी जा रही है. यहां हरियाणा के गांव के दर्शन संभव हो सकेंगे.

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500 हजार साल पूरानी चक्की

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Intro:अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के बाद हरियाणा सरकार का एक अनूठा प्रयास कुरुक्षेत्र जिले की पिहोवा में मनाया जा रहे तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सरस्वती समारोह का कल आगाज हुआ था इस अंतरराष्ट्रीय महोत्सव में हरियाणा धरोहर के एक छत के नीचे संजोया गया है हरियाणा संस्कृति से जुड़ी परंपरागत पुरानी वस्तुओं को इस हरियाणा दर्शन के अंदर लगाई गई प्रदर्शनी में रखा गया है


Body: हरियाणा दर्शन प्रदर्शनी में जिनसे पहुंचे युवक ने हड़प्पा कालीन संस्कृति से लेकर पहुंच सी पुरानी चीजों की एक प्रदर्शनी लगाई है जिसमें प्राचीन काल से जुड़े मिट्टी व धातु के बर्तनों को इकट्ठा कर यहां दर्शाया गया है प्राचीन काल में लोग टाइम का अनुमान किस तरह से लगाते थे किस तरह से कसरत की जाती थी और बहुत सी पुरानी वस्तुएं इस प्रदर्शनी में रखी गई है


Conclusion: जींद के गांव चूड़ी खुर्द मैं खुदाई के दौरान निकली आटा चक्की को भी इस प्रदर्शनी में रखा गया है इतिहासकार की माने तो यह आटा चक्की लगभग 5000 साल पुरानी है अंतर्राष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव में हमारा हरियाणा प्रदर्शनी को देखने के लिए लोगों की भीड़ लगातार बढ़ रही है
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