कुरुक्षेत्र: अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के बाद कुरुक्षेत्र के पिहोवा में प्रदेश की संस्कृति की छटा देखने को मिली. पिहोवा में तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सरस्वती समारोह का आयोजन किया जा रहा है. इस अंतरराष्ट्रीय महोत्सव में हरियाणा धरोहर के एक छत के नीचे संजोया गया है. प्रदेश की संस्कृति से जुड़ी परंपरागत पुरानी वस्तुओं को प्रदर्शनी में रखा गया है.
हरियाणा दर्शन प्रदर्शनी में हड़प्पा कालीन संस्कृति की पुरानी चीजों की एक प्रदर्शनी लगाई है, जिसमें प्राचीन काल से जुड़े मिट्टी और धातु के बर्तनों को इकट्ठा कर यहां लोगों को देखने के लिए रखा गया है. प्राचीन काल में लोग टाइम का अनुमान किस तरह से लगाते थे, किस तरह से कसरत की जाती थी और बहुत सी पुरानी वस्तुएं रखी गई हैं जो उस समय लोगों की आम जिंदगी से जुड़े जरूरी के समान देखने को मिलते थे.
जींद के गांव चूड़ी खुर्द मैं खुदाई के दौरान निकली आटा चक्की को भी इस प्रदर्शनी में रखा गया है. इतिहासकार की माने तो यह आटा चक्की लगभग 5000 साल पुरानी है. अंतर्राष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव में हमारा हरियाणा प्रदर्शनी को देखने के लिए लोगों की भीड़ लगातार बढ़ रही है. बता दें कि सरस्वती तीर्थ स्थल को इस बार मिनी सूरजकुंड मेले का लुक दिया गया है.
![ancient goods exibition in internation sarswati fair](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/5875119_-df.jpg)
ऐतिहासिक बनावली के प्राचीन कुएं की झलक भी यहां देखने को मिल रही है. तीर्थ स्थल पर मेहमानों के लिए विशेष झोपड़ी तैयार की गई हैं और पर्यटकों को खाने में हरियाणा के व्यंजन चूरमा और बाजरे की खिचड़ी दी जा रही है. यहां हरियाणा के गांव के दर्शन संभव हो सकेंगे.
![ancient goods exibition in internation sarswati fair](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/5875119_-ghf.jpg)
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