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अनाज मंडियों को लेकर सियासत तल्ख, कृषि मंत्री बोले- इससे किसानों को होगा फायदा

हरियाणा में अनाज मंडी बंद होने के मामले पर कृषि मंत्री जेपी दलाल ने प्रतिक्रिया दी (JP Dalal statement on Mandi close news) है. जेपी दलाल ने कहा है कि खुले में अनाज पड़ा रहने से खराब हो जाता था. ऐसे में अनाज को सुरक्षित रखने के लिए अडानी गोदाम में स्टॉक करवाने के निर्देश दिए है. इससे किसानों को फायदा होगा.

JP Dalal statement on Mandi close news
JP Dalal statement on Mandi close news
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Published : Mar 21, 2022, 10:46 AM IST

कुरुक्षेत्र: हरियाणा में एक बार फिर से सियासत गर्माती नजर आ रही है. जब से राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने अनाज मंडियों के बंद होने के मामले को लेकर ट्वीट किया है, उसके बाद से प्रदेश की सियासत में एक बार फिर से सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई है. दरअसल प्रदेश में अनाज मंडियों के बंद होने को लेकर दीपेंद्र हुड्डा ने सरकार पर निशाना साधा था. जिसे लेकर हरियाणा के कृषि एवं पशुपालन मंत्री जेपी दलाल ने जवाब (JP Dalal statement on Mandi close news) दिया है.

गौरतलब है कि हाल ही में एफसीआई ने एक पत्र लिखा था कि पेहीवा अनाज मंडी में गेहूं के लिए बारदाना नहीं देगी. किसानों को अपना गेहूं सोलु माजरा अडानी गोदाम में दिया जाएगा. इस बारे कृषि मंत्री ने कहा कि पहले अनाज काफी भारी मात्रा खुले में पड़ा रहता था और सड़ जाता था. अब अनाज सुरक्षित रहेगा और अनाज खुले में नहीं पड़ा रहेगा. इससे किसानों को नुकसान नहीं होगा बल्कि उन्हें फायदा होगा. रविवार को कृषि मंत्री जेपी दलाल कुरुक्षेत्र को लोहार माजरा जयराम शिक्षण संस्थान के वार्षिकोत्सव कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे थे.

बंद होगी अनाज मंडियां ?, कृषि मंत्री बोले- इससे किसानों को होगा फायदा

ये है मामला- दरअसल राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने ट्वीट (Deepender Hooda tweet on mandi) कर लिखा था कि 'किसान आंदोलन के दौरान सरकार लगातार झूठ बोलती रही कि मंडियां बंद नहीं होगी। लेकिन ये लेटर सरकार की मंडी विरोधी मानसिकता को उजागर करता है। सरकार ने हरियाणा की आधा दर्जन मंडियों के दरवाजे बंद करके इसबार गेहूं सीधे अडानी गोदाम ले जाने के आदेश दिए हैं। यह मंडियां खत्म करने की शुरुआत है?'

ये भी पढ़ें- क्या हरियाणा में बंद होगी अनाज मंडियां? दीपेंद्र हुड्डा ने ट्वीट कर बोले- सरकार की मंडी विरोधी मानसिकता

15 मार्च को भारतीय खाद्य निगम कैथल/कुरुक्षेत्र की तरफ से जारी पत्र का हवाला देते हुए दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि सरकार बिना कानून बनाए ही अपनी मंडी विरोधी नीति आगे बढ़ा रही है. उन्होंने बताया कि एफसीआई की तरफ से जारी पत्र में निर्देश दिए गए हैं कि इस बार किसान अपना गेहूं ढांड, कौल, पिहोवा, पूंडरी, सोलुमाजरा और गुमथला की मंडियों में लाने की बजाए सीधा अडानी के गोदाम में पहुंचाए. लेटर में साफ कहा गया है कि इन मंडियों में किसानों को बारदाना भी उपलब्ध नहीं करवाया जाए. भारतीय खाद्य निगम के आदेश में ये भी कहा गया है कि FCI बारदानों का भुगतान नहीं करेगा. जिसके बाद प्रदेश में सियासत का रंग बदलता नजर आ रहा है.

वहीं कृषि मंत्री ने एसवाईएल का पानी दिलवाने के बारे में कहा कि मामला अभी उच्च न्यायालय में है. हमारी जीत भी हो चुकी है. उन्होंने कहा कि पंजाब हमारा बड़ा भाई है और हम बार-बार प्रार्थना भी करते हैं कि छोटे भाई को उसका हक जरूर दें. हरियाणा की प्यासी धरती और हरियाणा के किसानों को उनका हक जरूर दें. कृषि मंत्री जेपी दलाल ने बढ़ती हुई गर्मी और पानी के बारे में कहा कि प्राकृतिक संसाधन को लेकर प्रदेश सरकार भी चिंतित है.

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कुरुक्षेत्र: हरियाणा में एक बार फिर से सियासत गर्माती नजर आ रही है. जब से राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने अनाज मंडियों के बंद होने के मामले को लेकर ट्वीट किया है, उसके बाद से प्रदेश की सियासत में एक बार फिर से सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई है. दरअसल प्रदेश में अनाज मंडियों के बंद होने को लेकर दीपेंद्र हुड्डा ने सरकार पर निशाना साधा था. जिसे लेकर हरियाणा के कृषि एवं पशुपालन मंत्री जेपी दलाल ने जवाब (JP Dalal statement on Mandi close news) दिया है.

गौरतलब है कि हाल ही में एफसीआई ने एक पत्र लिखा था कि पेहीवा अनाज मंडी में गेहूं के लिए बारदाना नहीं देगी. किसानों को अपना गेहूं सोलु माजरा अडानी गोदाम में दिया जाएगा. इस बारे कृषि मंत्री ने कहा कि पहले अनाज काफी भारी मात्रा खुले में पड़ा रहता था और सड़ जाता था. अब अनाज सुरक्षित रहेगा और अनाज खुले में नहीं पड़ा रहेगा. इससे किसानों को नुकसान नहीं होगा बल्कि उन्हें फायदा होगा. रविवार को कृषि मंत्री जेपी दलाल कुरुक्षेत्र को लोहार माजरा जयराम शिक्षण संस्थान के वार्षिकोत्सव कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे थे.

बंद होगी अनाज मंडियां ?, कृषि मंत्री बोले- इससे किसानों को होगा फायदा

ये है मामला- दरअसल राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने ट्वीट (Deepender Hooda tweet on mandi) कर लिखा था कि 'किसान आंदोलन के दौरान सरकार लगातार झूठ बोलती रही कि मंडियां बंद नहीं होगी। लेकिन ये लेटर सरकार की मंडी विरोधी मानसिकता को उजागर करता है। सरकार ने हरियाणा की आधा दर्जन मंडियों के दरवाजे बंद करके इसबार गेहूं सीधे अडानी गोदाम ले जाने के आदेश दिए हैं। यह मंडियां खत्म करने की शुरुआत है?'

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15 मार्च को भारतीय खाद्य निगम कैथल/कुरुक्षेत्र की तरफ से जारी पत्र का हवाला देते हुए दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि सरकार बिना कानून बनाए ही अपनी मंडी विरोधी नीति आगे बढ़ा रही है. उन्होंने बताया कि एफसीआई की तरफ से जारी पत्र में निर्देश दिए गए हैं कि इस बार किसान अपना गेहूं ढांड, कौल, पिहोवा, पूंडरी, सोलुमाजरा और गुमथला की मंडियों में लाने की बजाए सीधा अडानी के गोदाम में पहुंचाए. लेटर में साफ कहा गया है कि इन मंडियों में किसानों को बारदाना भी उपलब्ध नहीं करवाया जाए. भारतीय खाद्य निगम के आदेश में ये भी कहा गया है कि FCI बारदानों का भुगतान नहीं करेगा. जिसके बाद प्रदेश में सियासत का रंग बदलता नजर आ रहा है.

वहीं कृषि मंत्री ने एसवाईएल का पानी दिलवाने के बारे में कहा कि मामला अभी उच्च न्यायालय में है. हमारी जीत भी हो चुकी है. उन्होंने कहा कि पंजाब हमारा बड़ा भाई है और हम बार-बार प्रार्थना भी करते हैं कि छोटे भाई को उसका हक जरूर दें. हरियाणा की प्यासी धरती और हरियाणा के किसानों को उनका हक जरूर दें. कृषि मंत्री जेपी दलाल ने बढ़ती हुई गर्मी और पानी के बारे में कहा कि प्राकृतिक संसाधन को लेकर प्रदेश सरकार भी चिंतित है.

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