ETV Bharat / state

World Cancer Day 2023: सीएम सिटी करनाल में कैंसर के डर से पलायन को मजबूर ग्रामीण, प्रशासन बेखबर

author img

By

Published : Feb 4, 2023, 8:51 PM IST

विश्व कैंसर दिवस 2023 (World Cancer Day 2023) पर बात करेंगे हरियाणा के उस जिले की जिसे सीएम सिटी कहा जाता है. सीएम सिटी के नाम से जाना जाने वाला करनाल में कैंसर के मामले बढ़ते नजर आ रहे हैं. हैरानी की बात यह है कि प्रशासन अब भी इस गांव के बढ़ते कैंसर के मामलों से अनजान है.

World Cancer Day 2023:
सीएम सिटी करनाल में कैंसर के मामलों में बढ़ोतरी
सीएम सिटी करनाल में कैंसर के मामलों में बढ़ोतरी

करनाल: हर साल चार फरवरी को विश्व कैंसर दिवस 2023 मनाया जाता है. विश्व कैंसर दिवस मनाने का उद्देश्य कैंसर के प्रति लोगों को जागरूक करना है. स्वास्थ्य के प्रति लोगों को जागरूक करने जिम्मा हेल्थ डिपार्टमेंट के पास है. स्वास्थ्य विभाग इसको लेकर जन जागरूकता कार्यक्रम भी चलाती है. लेकिन स्वास्थ्य विभाग की ये पहल सिर्फ कागजों तक ही सीमित दिखाई दे रही है. दरअसल, करनाल के बड़थल गांव में कैंसर के बढ़ते मामले स्वास्थ्य विभाग पर सवालिया निशान खड़ा कर रहा है.

जानकारी के मुताबिक पिछले करीब एक दशक से गांव में कैंसर से 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. लेकिन प्रशासनिक अमला अभी भी इससे अंजान बना हुआ है. माना जा रहा है कि सरकार की ओर से चलाया जा रहा जागरूकता अभियान शहरी क्षेत्रों में तो पहुंच जाता है, लेकिन ग्रामीण एरिया में अभी भी कुछ ऐसी जगहें हैं जहां जागरूकता की कमी पाई जाती है.

कुछ लोग तो इसे बदलती लाइफ स्टाइल का एक कारण मानते हैं. अगर ग्रामीण क्षेत्र की बात करें तो वह लोग आज भी अपने पुराने समय की तरह ही जीवन जीना पसंद करते हैं. उनमें भी कैंसर के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. बड़थल गांव के लोगों का कहना है कि कैंसर से पिछले 10 सालों में मौत का आंकड़ा 100 से भी ज्यादा पहुंच चुका है, और गांव में कुछ ऐसे परिवार भी हैं, जिनमें एक परिवार में 4 से 5 मौत हो चुकी है. मौजूदा समय में भी 10 के करीब ग्रामीण कैंसर से पीड़ित हैं.

गंदे पानी से कैंसर को बढ़ावा: गांव वालों ने बताया कि उनके गांव में पानी की बड़ी समस्या है. सरकारी ट्यूबवेल से जो पानी ग्रामीणों के घर में पहुंच रहा है वह बिल्कुल गंदा होता है. यह समस्या पिछले कई दशक से चलती आ रही है. स्थानीय प्रशासन व स्थानीय विधायक को इस बारे में कई बार अवगत कराया गया है लेकिन उसके बाद भी सिर्फ गांव वालों को आश्वासन ही मिलता है, जिसकी वजह से कैंसर जैसी भयानक बीमारी को बढ़ावा मिल रहा है.

कैंसर के डर से पलायन को मजबूर ग्रामीण: गांव में आलम यह है कि ग्रामीण अब गांव में रहने से डरने लगे हैं. गांव में किसी भी इंसान को यह बीमारी ना हो जाए, इस डर से वह अब पलायन करने की सोच रहे हैं. ग्रामीणों का आरोप है कि यहां 12वीं करने के बाद युवा भी बाहर जाने का रुख करते हैं. ग्रामीणों में ये डर है कि अगर वह यहां रहेंगे तो उन्हें कैंसर हो जाएगा.

करनाल स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने बताया कि जिले में मौजूदा समय में जो स्वास्थ्य विभाग में रजिस्टर के केस हैं, उनमें 626 कैंसर के मामले हैं. हालांकि ऐसे बहुत से मामले होते हैं जिनमें लोग स्वास्थ्य विभाग से उपचार ना लेकर कहीं प्राइवेट या बड़े हॉस्पिटल में उपचार लेते हैं. स्वास्थ्य विभाग अधिकारी ने खुद माना है कि ऐसे बहुत से लोग हैं जो बाहर से उपचार करा रहे हैं जो विभाग में रजिस्टर नहीं है. उन्होंने कहा कि कैंसर एक बहुत बड़ी बीमारी है जिसका उपचार बहुत ही मुश्किल है. एक अनुमान के अनुसार जिले में हजारों की संख्या में कैंसर पीड़ित लोग हैं.

कैंसर होने के कारण: स्वास्थ्य विभाग अधिकारी ने कोई ठोस कारण ना देते हुए कहा कि आजकल के लाइफस्टाइल से यह मामले बढ़ रहे हैं. लोगों का खाने-पीने का लाइफस्टाइल बदला है उसकी वजह से भी इन मामलों में इजाफा हुआ है. लेकिन ग्रामीणों ने बताया कि लाइफस्टाइल से नहीं ग्रामीण क्षेत्र में पानी की व्यवस्था सही नहीं है जिसके चलते यह मामले बढ़े हैं. जब उनसे सवाल किया गया कि करनाल के कस्बे नीलोखेड़ी के गांव बड़थल के आसपास काफी मामले बढ़ चुके हैं.

तो उन्होंने इस बात पर भी कहा कि यह केवल एक कस्बे की बात नहीं पूरे जिले में ही मामले बढ़ रहे हैं. अब सवाल ये उठता है कि जब अधिकारियों को ही पता है कि मामले बढ़ रहे हैं तब इस पर संज्ञान क्यों नहीं लिया जाता है. स्वास्थ्य विभाग अधिकारी ने बताया कि टीमें तैनात कर दी गई हैं, जो गांव में जाकर स्क्रीनिंग टेस्ट करेंगे. अभी कैंसर के शुरुआती लक्षण में ही कैंसर की जांच हो जाए और उसका समय से इलाज हो जाए. सीएम सिटी करनाल में कैंसर के मामले बढ़ते जा रहे हैं.

ये भी पढ़ें: Cancer Patients in Faridabad: फरीदाबाद के नागरिक अस्पताल में होगा कैंसर रोगियों का इलाज

सीएम सिटी करनाल में कैंसर के मामलों में बढ़ोतरी

करनाल: हर साल चार फरवरी को विश्व कैंसर दिवस 2023 मनाया जाता है. विश्व कैंसर दिवस मनाने का उद्देश्य कैंसर के प्रति लोगों को जागरूक करना है. स्वास्थ्य के प्रति लोगों को जागरूक करने जिम्मा हेल्थ डिपार्टमेंट के पास है. स्वास्थ्य विभाग इसको लेकर जन जागरूकता कार्यक्रम भी चलाती है. लेकिन स्वास्थ्य विभाग की ये पहल सिर्फ कागजों तक ही सीमित दिखाई दे रही है. दरअसल, करनाल के बड़थल गांव में कैंसर के बढ़ते मामले स्वास्थ्य विभाग पर सवालिया निशान खड़ा कर रहा है.

जानकारी के मुताबिक पिछले करीब एक दशक से गांव में कैंसर से 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. लेकिन प्रशासनिक अमला अभी भी इससे अंजान बना हुआ है. माना जा रहा है कि सरकार की ओर से चलाया जा रहा जागरूकता अभियान शहरी क्षेत्रों में तो पहुंच जाता है, लेकिन ग्रामीण एरिया में अभी भी कुछ ऐसी जगहें हैं जहां जागरूकता की कमी पाई जाती है.

कुछ लोग तो इसे बदलती लाइफ स्टाइल का एक कारण मानते हैं. अगर ग्रामीण क्षेत्र की बात करें तो वह लोग आज भी अपने पुराने समय की तरह ही जीवन जीना पसंद करते हैं. उनमें भी कैंसर के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. बड़थल गांव के लोगों का कहना है कि कैंसर से पिछले 10 सालों में मौत का आंकड़ा 100 से भी ज्यादा पहुंच चुका है, और गांव में कुछ ऐसे परिवार भी हैं, जिनमें एक परिवार में 4 से 5 मौत हो चुकी है. मौजूदा समय में भी 10 के करीब ग्रामीण कैंसर से पीड़ित हैं.

गंदे पानी से कैंसर को बढ़ावा: गांव वालों ने बताया कि उनके गांव में पानी की बड़ी समस्या है. सरकारी ट्यूबवेल से जो पानी ग्रामीणों के घर में पहुंच रहा है वह बिल्कुल गंदा होता है. यह समस्या पिछले कई दशक से चलती आ रही है. स्थानीय प्रशासन व स्थानीय विधायक को इस बारे में कई बार अवगत कराया गया है लेकिन उसके बाद भी सिर्फ गांव वालों को आश्वासन ही मिलता है, जिसकी वजह से कैंसर जैसी भयानक बीमारी को बढ़ावा मिल रहा है.

कैंसर के डर से पलायन को मजबूर ग्रामीण: गांव में आलम यह है कि ग्रामीण अब गांव में रहने से डरने लगे हैं. गांव में किसी भी इंसान को यह बीमारी ना हो जाए, इस डर से वह अब पलायन करने की सोच रहे हैं. ग्रामीणों का आरोप है कि यहां 12वीं करने के बाद युवा भी बाहर जाने का रुख करते हैं. ग्रामीणों में ये डर है कि अगर वह यहां रहेंगे तो उन्हें कैंसर हो जाएगा.

करनाल स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने बताया कि जिले में मौजूदा समय में जो स्वास्थ्य विभाग में रजिस्टर के केस हैं, उनमें 626 कैंसर के मामले हैं. हालांकि ऐसे बहुत से मामले होते हैं जिनमें लोग स्वास्थ्य विभाग से उपचार ना लेकर कहीं प्राइवेट या बड़े हॉस्पिटल में उपचार लेते हैं. स्वास्थ्य विभाग अधिकारी ने खुद माना है कि ऐसे बहुत से लोग हैं जो बाहर से उपचार करा रहे हैं जो विभाग में रजिस्टर नहीं है. उन्होंने कहा कि कैंसर एक बहुत बड़ी बीमारी है जिसका उपचार बहुत ही मुश्किल है. एक अनुमान के अनुसार जिले में हजारों की संख्या में कैंसर पीड़ित लोग हैं.

कैंसर होने के कारण: स्वास्थ्य विभाग अधिकारी ने कोई ठोस कारण ना देते हुए कहा कि आजकल के लाइफस्टाइल से यह मामले बढ़ रहे हैं. लोगों का खाने-पीने का लाइफस्टाइल बदला है उसकी वजह से भी इन मामलों में इजाफा हुआ है. लेकिन ग्रामीणों ने बताया कि लाइफस्टाइल से नहीं ग्रामीण क्षेत्र में पानी की व्यवस्था सही नहीं है जिसके चलते यह मामले बढ़े हैं. जब उनसे सवाल किया गया कि करनाल के कस्बे नीलोखेड़ी के गांव बड़थल के आसपास काफी मामले बढ़ चुके हैं.

तो उन्होंने इस बात पर भी कहा कि यह केवल एक कस्बे की बात नहीं पूरे जिले में ही मामले बढ़ रहे हैं. अब सवाल ये उठता है कि जब अधिकारियों को ही पता है कि मामले बढ़ रहे हैं तब इस पर संज्ञान क्यों नहीं लिया जाता है. स्वास्थ्य विभाग अधिकारी ने बताया कि टीमें तैनात कर दी गई हैं, जो गांव में जाकर स्क्रीनिंग टेस्ट करेंगे. अभी कैंसर के शुरुआती लक्षण में ही कैंसर की जांच हो जाए और उसका समय से इलाज हो जाए. सीएम सिटी करनाल में कैंसर के मामले बढ़ते जा रहे हैं.

ये भी पढ़ें: Cancer Patients in Faridabad: फरीदाबाद के नागरिक अस्पताल में होगा कैंसर रोगियों का इलाज

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.