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पुलिस थाने में शिकायत देना महिलाओं के लिए अभी भी बड़ी चुनौती! देखें ये रिपोर्ट - woman police station

सरकार महिलाओं की सुरक्षा, उत्पीड़न के मामलों और उनकी सुविधाओं को लेकर लगातार कार्य करने का दावा करती है, लेकिन तमाम इंतजामों के बाद आज भी बहुत सी महिलाएं थानों में जाने पर असहज महसूस करती हैं. ईटीवी भारत की टीम ने इस मामले को लेकर पुलिस प्रशासन में छोटे-बड़े अधिकारियों और कुछ महिला शिकायतकर्ताओं से बात की.

women face inconvenience in police station in karnal haryana
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Published : Feb 7, 2021, 5:07 PM IST

करनाल: महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले में हरियाणा देशभर में पहले स्थान पर आता है. सरकार दावा तो करती है कि महिलाएं सुरक्षित हैं, लेकिन जमीनी हालात कुछ और हैं. महिलाओं को लेकर सरकार ने अलग से थाने भी बनाए हैं, ताकि महिलाएं उनके खिलाफ हुए अपराध की आसानी से शिकायत कर सकें, लेकिन तमाम इंतजामों के बावजूद बहुत सी महिलाएं पुलिस स्टेशन जाने में असहज महसूस करती हैं.

क्यों पुलिस स्टेशन जाने से कतराती है महिलाएं?

ईटीवी भारत की टीम ने इस बारे में कुछ महिला शिकायतकर्ताओं से बात की तो उन्होंने भी पुलिस थाने में उनके प्रति व्यवहार को लेकर असंतोष व्यक्त किया. महिलाओं ने कहा कि वो पुलिस स्टेशन आने से पहले कई बार सोचती हैं. उन्हें हर वक्त यही हर सताता है कि उनसे वहां किस तरीके के सवाल पूछ जाएंगे. साथ ही उन्हें कई बार पुलिस स्टेशन के चक्कर लगाने पड़ते हैं.

पुलिस थाने में शिकायत देना महिलाओं के लिए अभी बड़ी चुनौती! देखें ये रिपोर्ट

ये भी पढे़ं- पानीपत पुलिस स्टेशन हुआ डिजिटल, FIR से लेकर चालान हर काम ऑनलाइन

करनाल निवासी मोनिका ने कहा, 'सरकार ने महिलाओं के लिए काफी सुविधा दी है, लेकिन स्थिति जस की तस है. महिलाएं कई बार पुलिस स्टेशन आती हैं, मगर उनकी समस्याओं का समाधान नहीं होता, बल्कि उन्हें पुलिस थाने के चक्कर लगाने पड़ते हैं. एक या दो बार में ही समस्या का समाधान हो जाना चाहिए, ताकि बार-बार पुलिस स्टेशन ना आना पड़े'.

क्या बोले पुलिस अधिकारी?

इस बारे में पुलिस अधिकारियों से बात की गई तो उनका कहना था कि सरकार द्वारा महिला थाना, मित्र कक्ष ,महिला हेल्प डेस्क, महिला हेल्पलाइन नंबर और दुर्गा शक्ति ऐप जैसी सुविधाएं महिलाओं को दी गई हैं. इन सुविधाओं से महिलाओं के लिए शिकायत दर्ज कराना आसान है. हालांकि, उनकी समस्याओं के मद्देनजर कानूनी प्रक्रिया पूर्ण कराने के लिए उन्हें थाने बुलाना आवश्यक होता है.

पुलिस अधिकारी तो यही दावा कर रहे हैं कि उनकी ओर से महिलाओं को हर सुविधा दी जाती है. उनकी यही कोशिश होती है कि कोई भी महिला आसानी से पुलिस स्टेशन आए और अपनी शिकायत दर्ज करवाए. ऐसे में सवाल ये उठता है कि महिलाओं को पुलिस स्टेशन में किन दिक्कतों का सामना करना पड़ता है? या फिर ऐसी कौन सी वजह है कि महिलाएं अभी भी पुलिस स्टेशन जाने में असहज महसूस करती हैं?

ये भी पढे़ं- हरियाणा में 6 नए साइबर क्राइम के पुलिस स्टेशन बनाए जाएंगे- सीएम मनोहर लाल

निश्चित रूप से महिलाएं अपराध के खिलाफ अब खुलकर सामने आ रही हैं, लेकिन अभी भी महिलाओं के लिए न्याय तक पहुंचना इतना आसान नहीं है. महिलाओं को पुलिस थानों की लंबी प्रक्रिया और कानूनी जटिलताओं से बचाने के लिए सरकार और प्रशासन को अभी कई कदम उठाने होंगे, ताकि महिलाएं भी बेखौफ होकर पुलिस स्टेशन आएं और अपराधियों के खिलाफ शिकायत करें.

ये भी पढे़ं- महिला सुरक्षा पर गंभीर हरियाणा पुलिस, दुर्गा शक्ति ऐप भी बन रहा महिलाओं का सहारा

करनाल: महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले में हरियाणा देशभर में पहले स्थान पर आता है. सरकार दावा तो करती है कि महिलाएं सुरक्षित हैं, लेकिन जमीनी हालात कुछ और हैं. महिलाओं को लेकर सरकार ने अलग से थाने भी बनाए हैं, ताकि महिलाएं उनके खिलाफ हुए अपराध की आसानी से शिकायत कर सकें, लेकिन तमाम इंतजामों के बावजूद बहुत सी महिलाएं पुलिस स्टेशन जाने में असहज महसूस करती हैं.

क्यों पुलिस स्टेशन जाने से कतराती है महिलाएं?

ईटीवी भारत की टीम ने इस बारे में कुछ महिला शिकायतकर्ताओं से बात की तो उन्होंने भी पुलिस थाने में उनके प्रति व्यवहार को लेकर असंतोष व्यक्त किया. महिलाओं ने कहा कि वो पुलिस स्टेशन आने से पहले कई बार सोचती हैं. उन्हें हर वक्त यही हर सताता है कि उनसे वहां किस तरीके के सवाल पूछ जाएंगे. साथ ही उन्हें कई बार पुलिस स्टेशन के चक्कर लगाने पड़ते हैं.

पुलिस थाने में शिकायत देना महिलाओं के लिए अभी बड़ी चुनौती! देखें ये रिपोर्ट

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करनाल निवासी मोनिका ने कहा, 'सरकार ने महिलाओं के लिए काफी सुविधा दी है, लेकिन स्थिति जस की तस है. महिलाएं कई बार पुलिस स्टेशन आती हैं, मगर उनकी समस्याओं का समाधान नहीं होता, बल्कि उन्हें पुलिस थाने के चक्कर लगाने पड़ते हैं. एक या दो बार में ही समस्या का समाधान हो जाना चाहिए, ताकि बार-बार पुलिस स्टेशन ना आना पड़े'.

क्या बोले पुलिस अधिकारी?

इस बारे में पुलिस अधिकारियों से बात की गई तो उनका कहना था कि सरकार द्वारा महिला थाना, मित्र कक्ष ,महिला हेल्प डेस्क, महिला हेल्पलाइन नंबर और दुर्गा शक्ति ऐप जैसी सुविधाएं महिलाओं को दी गई हैं. इन सुविधाओं से महिलाओं के लिए शिकायत दर्ज कराना आसान है. हालांकि, उनकी समस्याओं के मद्देनजर कानूनी प्रक्रिया पूर्ण कराने के लिए उन्हें थाने बुलाना आवश्यक होता है.

पुलिस अधिकारी तो यही दावा कर रहे हैं कि उनकी ओर से महिलाओं को हर सुविधा दी जाती है. उनकी यही कोशिश होती है कि कोई भी महिला आसानी से पुलिस स्टेशन आए और अपनी शिकायत दर्ज करवाए. ऐसे में सवाल ये उठता है कि महिलाओं को पुलिस स्टेशन में किन दिक्कतों का सामना करना पड़ता है? या फिर ऐसी कौन सी वजह है कि महिलाएं अभी भी पुलिस स्टेशन जाने में असहज महसूस करती हैं?

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निश्चित रूप से महिलाएं अपराध के खिलाफ अब खुलकर सामने आ रही हैं, लेकिन अभी भी महिलाओं के लिए न्याय तक पहुंचना इतना आसान नहीं है. महिलाओं को पुलिस थानों की लंबी प्रक्रिया और कानूनी जटिलताओं से बचाने के लिए सरकार और प्रशासन को अभी कई कदम उठाने होंगे, ताकि महिलाएं भी बेखौफ होकर पुलिस स्टेशन आएं और अपराधियों के खिलाफ शिकायत करें.

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