करनाल: जिस तरह मौसम बदल रहा है वो गेहूं की फसल के लिए फायदेमंद साबित होगा. कृषि वैज्ञानिकों ने उम्मीद जताई है की अगर ठंड लंबी चली तो इस बार गेहूं का रिकॉर्ड उत्पादन हो सकता है. बता दें कि शुक्रवार को करनाल के राष्ट्रीय गेहूं अनुसंधान संस्थान में किसान प्रशिक्षण कार्यक्रर्म आयोजित किया गया.
संस्थान के निदेशक डॉ. ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह ने बताया की इस कार्यक्रम में लाहौल स्पीति (हिमाचल) से आए किसानों को कृषि और बागवानी की आधुनिक तकनीक से रूबरू कराया जा रहा है और उन्हें नई किस्मों की जानकारी दी जा रही है.
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उन्होंने कहा की संस्थान ने डीबीडब्ल्यू 187 किस्म विकसित की है जिसमें 100 क्विंटल प्रति हेक्टेयर गेहूं उत्पादन की क्षमता है. इससे किसान को 12 से 15 हजार का फायदा मिलेगा. उन्होंने बताया की अब ऐसी किस्में बाजार में हैं जिनमें बीमारी की संभावना न के बराबर है. इसके आलावा 11 ऐसी किस्में विकसित की गई हैं जिनमें आयरन और प्रोटीन की मात्रा काफी अधिक है.
सांसद संजय भाटिया ने कहा की केंद्र सरकार किसानों की आय को दोगुना करना चाहती है. ऐसे रिसर्च संस्थान इस दिशा में काफी अच्छा काम कर रहे हैं. जल्द ही इसके अच्छे परिणाम देखने को मिलेंगे.