करनाल: हरियाणा के करनाल जिले की अनाज मंडियों में आज से गेहूं की सरकारी खरीद का काम शुरू हो गया है. एक तरफ प्रशासन का दावा है कि गेहूं खरीद के लिए सभी तैयारियां पूरी हैं, हकीकत ये है कि अनाज मंडियों में अभी तक साफ सफाई तक नहीं हो पाई है. जिले की सभी मंडियों में गंदगी के ढेर लगे हैं. बारिश की वजह से अनाज मंडियों में अव्यवस्था का आलम है. बारिश के चलते इस बार हरियाणा में गेहूं की कटाई लगभग 10 अप्रैल से शुरू होने की उम्मीद है.
जो किसान मंडी में गेहूं की फसल लेकर पहुंचे भी उन्हें व्यवस्था के नाम पर झूठे दावे मिले. अनाज मंडी में पहुंचे किसानों के मुताबिक मंडी प्रबंधन ने साफ सफाई, बिजली-पानी की व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने का दावा किया था. वास्तविकता ये है कि मंडियों में गंदगी के ढेर लगे हैं. अगर मौसम साफ रहा तो गेहूं की कटाई अगले सप्ताह में शुरू हो सकती है. इस बार बारिश की वजह से गेहूं की फसल भीग गई है. जिसे सूखने में थोड़ा वक्त लगेगा.
इसी वजह से इस बार गेहूं फसल की कटाई थोड़ी लेट होगी. मंडी प्रशासन की तरफ से कहा गया है कि गेट पास कटने के किसानों की फसल की सरकारी एजेंसियों द्वारा खरीदी की जाएगी. कुटेल गांव के किसान सुभाष ने बताया कि मंडी में अव्यवस्था का आलम है, मंडी में ट्रकों की भरमार है. कोई गेट पास काटने वाला नहीं, मंडी में पानी भरा हुआ है. किसान का आरोप है कि अभी तक अनाज मंडी में बारदाना तक की सप्लाई नहीं हो पाई है.
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वहीं मंडी असिस्टेंट सेक्टरी संदीप चौहान ने बताया कि बारिश के कारण इस बार गेहूं का काम देरी से हो रहा है. अभी बारदाना भी नहीं आया है. सफाई, बिजली और पानी का कार्य प्रगति पर है. इस बार गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2125 रुपये तय किया गया है. उन्होंने कहा कि इस बार जिले में गेहूं खरीद का लक्ष्य 85 लाख क्विंटल रखा गया है. उन्होंने कहा कि अनाज मंडी की व्यवस्थाओं को जल्द ही दुरूस्त किया जाएगा.