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गेहूं की फसल में सुंडी का प्रकोप, किसान ऐसे कर सकते हैं रोकथाम - wheat crop in karnal

हरियाणा के करनाल जिले में किसानों की गेहूं की फसल में इन दिनों सफेद सुंडी (Wheat crop affected by insects) का प्रकोप छाया हुआ है. जिसकी वजह से गेहूं की फसल खराब हो रही है और किसानों की परेशानियां और ज्यादा बढ़ गई है. करनाल के जिला कृषि अधिकारी डॉ. करमचंद ने किसानों को सफेद सुंडी के प्रकोप से बचने के सुझाव भी दिए हैं. पढ़िए पूरी खबर

गेहूं की फसल में सफेद सुंडी
गेहूं की फसल में सफेद सुंडी
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Published : Dec 10, 2022, 4:21 PM IST

गेहूं की फसल में सुंडी का प्रकोप, किसान ऐसे कर सकते हैं रोकथाम

करनाल: हरियाणा में किसान इन दिनों काफी परेशान नजर आ रहा है. एक तरफ किसान इन दिनों खाद ना मिलने से परेशान है तो वहीं अब एक नई चिंता किसानों की परेशानी का सबब बनी हुई है. दरअसल गेहूं की फसल पर सुंडी के (White caterpillar attack on wheat) हमले ने किसानो की चिंता बढ़ा दी है. कृषि विभाग के अधिकारी भी लगातार किसानों को अपनी फसल की संभाल के लिए प्रेरित कर रहे. किसानों का मानना है कि पराली को बिना जलाए सीधे बिजाई की वजह से फसल पर सुंडी ने हमला किया है.

कृषि विशेषज्ञ का भी यही कहना है कि जिन किसानों ने धान के फानों वाले खेत में धान की सीधी बिजाई की गई थी, उस फसल पर सुंडी लग (Wheat crop affected by white sundi) जाती है. अगर किसान समय रहते इसका प्रबंधन ना करें तो यह खेत में गेहूं के पौधों की संख्या कम कर देती है. किसान ध्यान दें कि यह सुंडी सफेद रंग की होती है जो गेहूं के पौधे के नीचे वाले तने में लगती है.

इसमें शुरुआती समय में पौधा धीरे-धीरे पीला पड़ना शुरू हो जाता है. उसके बाद पौधा सूखने लगता है. अगर समय रहते किसान इस पर नियंत्रण न करे तो यह पूरे खेत में भी फैल सकता है. गेहूं की फसल में (wheat crop in karnal) आई सफेद सुंडी नामक बीमारी से कई किसानों की फसल खराब हो गई है. फसल को बीमारी से बचाने के लिए किसान समय से पहले ही छोटे पौधों में ही पानी देने के साथ ही कीटनाशक का स्प्रे कर रहे हैं.

वहीं करनाल के किसान महेंद्र ने बताया कि गेहूं की फसल में लगी सफेद सुंडी के चलते इसके पौधे नीचे से सुखने के कुछ दिन बाद ही नष्ट हो जाते हैं।.उन्होंने बताया कि पानी देने के बाद इसमें कीटनाशक को खाद में मिलाकर गेहूं को सुंडी से बचाने का प्रयास किया जा रहा है. किसान आए दिन किसी ना किसी की सलाह लेकर अपनी गेहूं को सुंडी के कहर से बचाने की कोशिशें लगातार कर रहे हैं.

गेहूं की फसल में सुंडी का प्रकोप
गेहूं की फसल में सुंडी का प्रकोप

ये भी पढ़ें- Fertilizer Shortage in Faridabad: खाद न मिलने से परेशान किसानों ने सरकार को बताया जिम्मेदार

इस समस्या को लेकर करनाल के जिला कृषि अधिकारी डॉ. करमचंद का (District Agriculture Officer on White caterpillar) कहना है कि गेहूं की फसल को सफेद सुंडी से बचाने के लिए किसान इसमें पहला पानी देने के साथ ही 500 मिलीग्राम क्लोरो या मोनो क्रोटोफास कीटनाशक दवा पानी में मिलाकर फसल में डालें या स्प्रे करें. तो इस बीमारी की रोकथाम हो जाएगी. वहीं उन्होंने किसानों को सलाह दी जिन किसानों ने धान के खेत में गेहूं की सीधी बिजाई की है वह किसान अपने खेत में सुबह-शाम अपनी फसल को जरूर देखते रहें. क्योंकि उन खेतों में इसका प्रकोप ज्यादा होता है.


ये भी पढ़ें- सिरसा में जमीन विवाद: पुलिस की मौजूदगी में दो गुटों के बीच जमकर चले लात घूंसे

गेहूं की फसल में सुंडी का प्रकोप, किसान ऐसे कर सकते हैं रोकथाम

करनाल: हरियाणा में किसान इन दिनों काफी परेशान नजर आ रहा है. एक तरफ किसान इन दिनों खाद ना मिलने से परेशान है तो वहीं अब एक नई चिंता किसानों की परेशानी का सबब बनी हुई है. दरअसल गेहूं की फसल पर सुंडी के (White caterpillar attack on wheat) हमले ने किसानो की चिंता बढ़ा दी है. कृषि विभाग के अधिकारी भी लगातार किसानों को अपनी फसल की संभाल के लिए प्रेरित कर रहे. किसानों का मानना है कि पराली को बिना जलाए सीधे बिजाई की वजह से फसल पर सुंडी ने हमला किया है.

कृषि विशेषज्ञ का भी यही कहना है कि जिन किसानों ने धान के फानों वाले खेत में धान की सीधी बिजाई की गई थी, उस फसल पर सुंडी लग (Wheat crop affected by white sundi) जाती है. अगर किसान समय रहते इसका प्रबंधन ना करें तो यह खेत में गेहूं के पौधों की संख्या कम कर देती है. किसान ध्यान दें कि यह सुंडी सफेद रंग की होती है जो गेहूं के पौधे के नीचे वाले तने में लगती है.

इसमें शुरुआती समय में पौधा धीरे-धीरे पीला पड़ना शुरू हो जाता है. उसके बाद पौधा सूखने लगता है. अगर समय रहते किसान इस पर नियंत्रण न करे तो यह पूरे खेत में भी फैल सकता है. गेहूं की फसल में (wheat crop in karnal) आई सफेद सुंडी नामक बीमारी से कई किसानों की फसल खराब हो गई है. फसल को बीमारी से बचाने के लिए किसान समय से पहले ही छोटे पौधों में ही पानी देने के साथ ही कीटनाशक का स्प्रे कर रहे हैं.

वहीं करनाल के किसान महेंद्र ने बताया कि गेहूं की फसल में लगी सफेद सुंडी के चलते इसके पौधे नीचे से सुखने के कुछ दिन बाद ही नष्ट हो जाते हैं।.उन्होंने बताया कि पानी देने के बाद इसमें कीटनाशक को खाद में मिलाकर गेहूं को सुंडी से बचाने का प्रयास किया जा रहा है. किसान आए दिन किसी ना किसी की सलाह लेकर अपनी गेहूं को सुंडी के कहर से बचाने की कोशिशें लगातार कर रहे हैं.

गेहूं की फसल में सुंडी का प्रकोप
गेहूं की फसल में सुंडी का प्रकोप

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इस समस्या को लेकर करनाल के जिला कृषि अधिकारी डॉ. करमचंद का (District Agriculture Officer on White caterpillar) कहना है कि गेहूं की फसल को सफेद सुंडी से बचाने के लिए किसान इसमें पहला पानी देने के साथ ही 500 मिलीग्राम क्लोरो या मोनो क्रोटोफास कीटनाशक दवा पानी में मिलाकर फसल में डालें या स्प्रे करें. तो इस बीमारी की रोकथाम हो जाएगी. वहीं उन्होंने किसानों को सलाह दी जिन किसानों ने धान के खेत में गेहूं की सीधी बिजाई की है वह किसान अपने खेत में सुबह-शाम अपनी फसल को जरूर देखते रहें. क्योंकि उन खेतों में इसका प्रकोप ज्यादा होता है.


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