करनाल: करनाल में शनिवार को बीजेपी की प्रदेश कार्यकारिणी (Karnal BJP meeting) की अहम बैठक हुई. इस दौरान किसानों ने भी विरोध दर्ज (farmer protest) करते हुए जोरदार प्रदर्शन किया. किसानों को रोकने के लिए पुलिस के द्वारा लाठीचार्ज (karnal farmer lathi charge) किया गया. वहीं अब एक वीडियो सामने आया है जिसमें करनाल के एसडीएम आयुष सिन्हा पुलिस वालों को ये कह रहे हैं कि कोई भी किसान अगर बैरिकेडिंग से आगे आए तो उसका सिर फोड़ देना.
वीडियो में करनाल एसडीएम आयुष सिन्हा पुलिस को ये आदेश दे रहे हैं-
'मेरा आदेश सिंपल है. जो भी हो. इससे बाहर कोई भी नहीं जायेगा. किसी तरह से स्पष्ट कर देता हूं. सिर फोड़ देना. नहीं जायेगा. मैं ड्यूटी मजिस्ट्रेट हूं. लिखित में दे रहा हूं. सीधे लट्ठ मारो. कोई डाउट (पुलिस वाले कहते हैं..नहीं सर). मारोगे? (पुलिस वाले कहते हैं...यस सर). कोई जायेगा इधर से (पुलिस वाले कहते हैं...नहीं सर). सीधे उठा उठाकर मारना. कोई डाउट नहीं है. कोई डायरेक्शन की जरूरत नहीं है. ये रास्ता हम किसी भी हालत में ब्रीच नहीं होने देंगे. हमारे पास पर्याप्त फोर्स है.'
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एसडीएम आगे कहते हैं कि 'कोई ईश्यू नहीं है. मारोगे ना लट्ठ (पुलिस वाले कहते हैं यस सर). हम पूरी रात नहीं सोए हैं यार. दो दिन से ड्यूटी कर रहे हैं. क्लियर है? (पुलिस वाले कहते हैं...यस सर). यहां से एक बंदा नहीं जाना चाहिए. मेरे पास आए नहीं. और अगर आए तो उसका सिर फूटा होना चाहिए. ठीक है. क्लियर है ना आपको.(पुलिस वाले कहते हैं...यस सर).'
करनाल एसडीएम का ये आदेश देने वाला वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. वहीं कांग्रेस के महासचिव और मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने इस वीडियो को लेकर कहा कि सीएम और डिप्टी सीएम का करनाल में किसानों पर कातिलाना हमला करने का षड्यंत्र ड्यूटी मैजिस्ट्रेट के आदेशों से साफ है, जो पुलिस को किसानों का सर फोड़ने और सर पर लाठियां बरसाने का आदेश दे रहे हैं. भाजपा-जजपा है 'जनरल डायर' सरकार.
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बता दें कि निकाय चुनाव को लेकर शनिवार को करनाल में बीजेपी प्रदेश कार्यकारिणी (Karnal BJP meeting) की एक अहम बैठक हो रही थी. जिसमें मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर सहित, प्रदेश अध्यक्ष ओपी धनखड़ समेत कई नेता शामिल हुए. बैठक में प्रदेश की 90 विधानसभाओं के बीजेपी प्रत्याशी और मौजूदा विधायक भी मौजूद रहे. बता दें कि किसानों ने पहले ही बीजेपी के इस कार्यक्रम का विरोध करने की चेतावनी दी थी. जिसके बाद किसानों ने बसताड़ा टोल प्लाजा पर विरोध किया और किसानों को रोकने के लिए पुलिस का बल का इस्तेमाल करना पड़ा.