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त्यौहारी सीजन पर वाहन व्यापारियों को नहीं मिला कोई 'गिफ्ट', जानें कारण

कोरोना काल बनकर उभरे साल 2020 ने हर वर्ग और व्यापार को बुरी तरह चोट पहुंचाई है. कोरोना महामारी के कारण काफी समय तक देश में लॉकडाउन लगा रहा. इसी बीच देश में अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हुई. हालांकि अभी भी कुछ व्यापार ऐसे हैं, जो कोरोना की मार से उभर नहीं पाए हैं. उन्हीं में से एक है ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री.

karnal vehicle sell decrease
इस साल त्योहारों पर वाहनों की बिक्री हुई कम
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Published : Dec 1, 2020, 4:42 PM IST

करनालः त्योहारी सीजन होने के बाद भी अक्टूबर में हरियाणा में वाहनों की बिक्री में 60 से 70 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है. कोरोना के चलते मध्यम और निम्न वर्ग जिस तरह प्रभावित हुआ है. उसका सीधा असर बाजारों पर पड़ रहा है, वाहनों की बिक्री में भी इसे देखा जा रहा है. हालांकि त्यौहारी सीजन में वाहनों बिक्री ज्यादा होती है जिसको देखते हुए कंपनी मालिकों को इस सीजन का काफी समय से इंतजार था.

'उम्मीदों पर फिरा पानी'

सड़कों पर दौड़ने वाले दोपहिया और चारपहिया वाहनों की कोरोना के दौरान काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. एक वाहन के कंपनी के सेल्स मैनेजर जोगिंदर ने कहा कि अबकी बार करोना कि मार हमारे काम पर बुरी तरह से पड़ी है. जिसे हमारा काम पूरी तरह से प्रभावित हुआ है. हालांकि हमें पूरी उम्मीद थी कि त्योहारों के दिनों में हमारी अच्छी बिक्री होगी लेकिन हमारी सारी उम्मीदों पर पानी फिर गया क्योंकि पहले की अपेक्षा हमारा काम 60 से 70% ही बचा हुआ है.

त्यौहारी सीजन पर वाहन व्यापारियों को नहीं मिला कोई 'गिफ्ट', जानें कारण

'मंदी की मार झेल रही कंपनी'

वहीं कंपनी मालिक वरूण सिंगला का कहना है कि उन्हें इस त्यौहारी सीजन से काफी उम्मीदें थी. कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन के बाद उन्हें इसी सीजन का इंतजार था ताकि वाहनों की बिक्री अच्छी हो और ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री भी मंदी के दौर से बाहर निकल पाए. लेकिन कोरोना के कारण उनकी सारी उम्मीदों पर मानों पानी फिर गया.

ये भी पढ़ेंः 9 महीने बाद सिरसा से चली ट्रेन, पहले दिन सिर्फ एक ही बुकिंग हुई

2019 और 2020 का अंतर

देश में लगे लॉकडाउन के कारण लोगों की नौकरियां चली गई, काम धंधे चौपट हो गए ऐसे में लोगों के पास इतने पैसे ही नहीं है कि वो वाहन खरीदें. साल 2019 के मुकाबले इस बार त्योहारी सीजन होने के बावजूद वाहनों की बिक्री में कोई इजाफा देखने को नहीं मिला है. साल 2019 के त्यौहारी सीजन में जहां ढाई सौ वाहन बिक जाते थे तो वहीं इस बार वो संख्या मात्र डेढ़ सौ के करीब रह गई है. यानी पिछले साल की अपेक्षा इस बार बाजार में 30 से 40 परसेंट मंदी छाई हुई है.

कब पटरी पर लौटेगा व्यापार?

बता दें, बीते साल इस क्षेत्र पर आर्थिक मंदी का असर देखने को मिला था तो वहीं इस साल कोरोना वायरस लॉकडाउन के कारण लोगों ने वाहनों से किनारा कर लिया. हालांकि अन्य व्यापारों की तरह कोरोना के संकट से मोटर वाहन कारोबार धीरे-धीरे उबर रहा है, स्थिति बहुत अच्छी नहीं पर कंपनी मालिकों को उम्मीद है कि उनका धंधा भी जल्द पटरी पर लौटेगा.

करनालः त्योहारी सीजन होने के बाद भी अक्टूबर में हरियाणा में वाहनों की बिक्री में 60 से 70 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है. कोरोना के चलते मध्यम और निम्न वर्ग जिस तरह प्रभावित हुआ है. उसका सीधा असर बाजारों पर पड़ रहा है, वाहनों की बिक्री में भी इसे देखा जा रहा है. हालांकि त्यौहारी सीजन में वाहनों बिक्री ज्यादा होती है जिसको देखते हुए कंपनी मालिकों को इस सीजन का काफी समय से इंतजार था.

'उम्मीदों पर फिरा पानी'

सड़कों पर दौड़ने वाले दोपहिया और चारपहिया वाहनों की कोरोना के दौरान काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. एक वाहन के कंपनी के सेल्स मैनेजर जोगिंदर ने कहा कि अबकी बार करोना कि मार हमारे काम पर बुरी तरह से पड़ी है. जिसे हमारा काम पूरी तरह से प्रभावित हुआ है. हालांकि हमें पूरी उम्मीद थी कि त्योहारों के दिनों में हमारी अच्छी बिक्री होगी लेकिन हमारी सारी उम्मीदों पर पानी फिर गया क्योंकि पहले की अपेक्षा हमारा काम 60 से 70% ही बचा हुआ है.

त्यौहारी सीजन पर वाहन व्यापारियों को नहीं मिला कोई 'गिफ्ट', जानें कारण

'मंदी की मार झेल रही कंपनी'

वहीं कंपनी मालिक वरूण सिंगला का कहना है कि उन्हें इस त्यौहारी सीजन से काफी उम्मीदें थी. कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन के बाद उन्हें इसी सीजन का इंतजार था ताकि वाहनों की बिक्री अच्छी हो और ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री भी मंदी के दौर से बाहर निकल पाए. लेकिन कोरोना के कारण उनकी सारी उम्मीदों पर मानों पानी फिर गया.

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2019 और 2020 का अंतर

देश में लगे लॉकडाउन के कारण लोगों की नौकरियां चली गई, काम धंधे चौपट हो गए ऐसे में लोगों के पास इतने पैसे ही नहीं है कि वो वाहन खरीदें. साल 2019 के मुकाबले इस बार त्योहारी सीजन होने के बावजूद वाहनों की बिक्री में कोई इजाफा देखने को नहीं मिला है. साल 2019 के त्यौहारी सीजन में जहां ढाई सौ वाहन बिक जाते थे तो वहीं इस बार वो संख्या मात्र डेढ़ सौ के करीब रह गई है. यानी पिछले साल की अपेक्षा इस बार बाजार में 30 से 40 परसेंट मंदी छाई हुई है.

कब पटरी पर लौटेगा व्यापार?

बता दें, बीते साल इस क्षेत्र पर आर्थिक मंदी का असर देखने को मिला था तो वहीं इस साल कोरोना वायरस लॉकडाउन के कारण लोगों ने वाहनों से किनारा कर लिया. हालांकि अन्य व्यापारों की तरह कोरोना के संकट से मोटर वाहन कारोबार धीरे-धीरे उबर रहा है, स्थिति बहुत अच्छी नहीं पर कंपनी मालिकों को उम्मीद है कि उनका धंधा भी जल्द पटरी पर लौटेगा.

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