करनाल: हिंदू कैलेंडर के अनुसार चैत्र शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के बाद वैशाख महीने की शुरुआत होती है. 7 अप्रैल को हिंदू वर्ष का दूसरा महीना वैशाख शुरू हो रहा है. हिंदुओं के लिए इस महीने का बहुत ज्यादा महत्व होता है. शास्त्रों में बताया गया है कि वैशाख महीने के बराबर कोई दूसरा महीना नहीं है. सृष्टि रचयिता भगवान ब्रह्मा ने भी वैशाख महीने को सभी महीनों से ज्यादा उत्तम बताया है.
मान्यता है कि वैशाख महीने से त्रेता युग का आरंभ हुआ था. जिसकी वजह से हिंदू धर्म में इसका महत्व और बढ़ जाता है. इस महीने को माधव महीने के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि माधव विष्णु का ही एक उपनाम है. इसलिए वैशाख में विष्णु भगवान की पूजा करने का विशेष महत्व हिंदू शास्त्रों में बताया गया है. वैशाख महीने का समापन 5 मई को होगा. इसके बाद हिंदू वर्ष के तीसरे महीने ज्येष्ठ की शुरुआत हो जाएगी.
वैशाख महीने का महत्व: इस महीने में व्रत, पूजा के साथ ही गंगा स्नान करने का विशेष महत्व बताया गया है. गंगा स्नान के बाद दान करने पर विशेष फल मिलता है. कहा जाता है कि इस महीने का विशाखा नक्षत्र से संबंध होता है, इसी कारण इसका नाम वैशाख रखा गया है. हिंदू पंचांग के अनुसार वैशाख पूर्णिमा के दिन चंद्र देवता विशाखा नक्षत्र में होते हैं, इसलिए इस महीने में चंद्र देव की पूजा को काफी महत्वपूर्ण बताया गया है.
वैशाख महीने में करें विष्णु भगवान की पूजा: इस महीने में भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करनी चाहिए, क्योंकि शास्त्रों में बताया गया है कि भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए इस महीने से ज्यादा अच्छा और कोई महीना नहीं है. शास्त्रों के अनुसार वैशाख महीने में जल का दान सबसे बड़ा दान माना गया है. ऐसा करने वाले व्यक्ति को सभी तीर्थ स्थलों के दर्शन करने के बराबर पुण्य मिलता है.
वैशाख में जल के दान का है विशेष महत्व: इस महीने में किसी व्यक्ति या जीव जंतु या राहगीर को पानी पिलाते हैं तो उसका ज्यादा फल मिलता है. शास्त्र में यह भी बताया गया है कि राहगीरों को विश्राम कराना और पानी पिलाने का महत्व सभी तीर्थ स्थलों के दर्शन करने के समान होता है. क्योंकि इस महीने में गर्मी पूरे चरम सीमा पर होती है. इस महीने में कुछ प्रमुख त्योहार आते हैं जो हिंदू धर्म के लोगों के लिए काफी महत्वपूर्ण होते हैं.
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वैशाख महीने के प्रमुख त्योहार: महीने की शुरुआत 7 अप्रैल से हो रही है जबकि इसका पहला त्योहार 9 अप्रैल को संकष्टी चतुर्थी व्रत, 13 अप्रैल को कालाष्टमी व्रत, 16 अप्रैल को वरुथिनी एकादशी व्रत और 17 अप्रैल को प्रदोष व्रत है. इस महीने 18 अप्रैल को वैशाख मासिक शिवरात्रि है. वहीं 20 अप्रैल को सूर्य ग्रहण है. 22 अप्रैल को अक्षय तृतीया, 26 अप्रैल को गंगा सप्तमी और 29 अप्रैल को सीता नवमी है. 1 मई को मोहिनी एकादशी है और 4 मई को नरसिम्हा जयंती है. 5 मई को वैशाख पूर्णिमा, बुद्ध पूर्णिमा है. वैशाख पूर्णिमा के साथ ही इस महीने का समापन हो जाएगा और हिंदू वर्ष के तीसरे महीने ज्येष्ठ की शुरुआत हो जाएगी.