करनाल: सनातन धर्म में प्रत्येक व्रत एवं त्योहार को विधि विधान से मनाया जाता है. वहीं अगर बात करें हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक महीने के द्वादशी के दिन तुलसी विवाह पर मनाया जा रहा है हिंदू धर्म के लिए यह दिन काफी महत्वपूर्ण होता है. शास्त्रों के अनुसार इस दिन तुलसी माता का विवाह शालिग्राम के साथ कराया जाता है. शालिग्राम को भगवान विष्णु का ही एक रूप माना गया है. मान्यता है कि इन दोनों का विवाह करने से कन्यादान करने जितना फल मिलता है. इसके साथ ही दांपत्य जीवन में खुशहाली आती है. आइए जानते हैं तुलसी विवाह का महत्व क्या है और यह कब है.
तुलसी विवाह शुभ मुहूर्त: पंडित रमाकांत मिश्रा ने बताया कि तुलसी का हिंदू धर्म में बहुत ही ज्यादा महत्व होता है. सनातन धर्म में सभी लोग तुलसी माता की विधिवत रूप से पूजा अर्चना भी करते हैं. हिंदू धर्म में तुलसी को माता का दर्जा दिया गया है. इसलिए हर किसी के आंगन में तुलसी लगी हुई दिखाई देती है, जिसकी सभी पूजा अर्चना करते हैं. हिंदू पंचांग के अनुसार 24 नवंबर के दिन तुलसी विवाह पर्व मनाया जा रहा है. हिंदू पंचांग के तिथि का प्रारंभ 23 नवंबर को रात के 9:01 बजे से शुरू होगा, जबकि इसका समापन 24 नवंबर को शाम के 7:06 बजे होगा. हिंदू धर्म में प्रत्येक व्रत व त्योहार को उदया तिथि के साथ मनाया जाता है. इसलिए तुलसी विवाह पर्व भी 24 नवंबर के दिन मनाया जाएगा. तुलसी विवाह शुभ मुहूर्त 24 नवंबर को दोपहर 1:54 बजे से शुरू होगा और शाम तक रहेगा.
तुलसी विवाह का महत्व: ज्योतिषाचार्य के अनुसार, कार्तिक महीने की द्वादशी के दिन माता तुलसी और भगवान विष्णु परिणय सूत्र में बंधे थे. इसलिए इस दिन को काफी धूमधाम से मनाया जाता है. हिंदू धर्म के लोग चाहे वह भारत में रहते हो या विदेश में तुलसी विवाह के दिन को काफी श्रद्धा के साथ इसको मानते हैं. यह दिन विशेष रूप से तुलसी माता और भगवान विष्णु को समर्पित होता है. यही वजह है कि इस दिन विधिवत रूप से तुलसी माता का भगवान विष्णु के रूप शालिग्राम के साथ विवाह कराया जाता है.
तुलसी विवाह करने से परिवार में बनी रहती है सुख समृद्धि!: यह विवाह ज्यादातर विवाहित महिलाओं के द्वारा कराया जाता है, क्योंकि ऐसी मान्यता है कि तुलसी विवाह करने से कन्यादान करने जितना पुण्य मिलता है. साथ ही विवाहित महिला के पति की आयु लंबी होती है और दांपत्य जीवन सभी प्रकार की कठिनाइयां दूर हो जाती हैं. तुलसी का पूजन हिंदू धर्म में इसलिए किया जाता है क्योंकि इसको मां लक्ष्मी का ही एक अवतार माना गया है. माता तुलसी का विवाह करवाने से परिवार में सुख समृद्धि आती है. उसके परिवार के सदस्यों का स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है.
तुलसी विवाह के दिन बन रहे कई शुभ योग: पंडित के अनुसार, इस वर्ष तुलसी विवाह के दिन कई शुभ योग बन रहे हैं जो काफी अच्छे हैं. तुलसी विवाह के दिन अमृत सिद्धि योग, सिद्धि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहे हैं जो 24 नवंबर को सुबह 9:05 बजे तक रहेंगे.
तुलसी विवाह का विधि-विधान: तुलसी विवाह के दिन सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान इत्यादि करें. जो भी इस दिन व्रत रखना चाहते हैं, वह व्रत रखने का प्रण लें और फिर भगवान विष्णु और माता तुलसी की पूजा अर्चना करें. मंदिर में कलश में पानी/जल डालकर उसकी स्थापना करें. इसके बाद मंदिर में और माता तुलसी के आगे देसी घी का दीपक जलाएं और उनको चंदन का टीका करें. तुलसी विवाह करने के लिए तुलसी माता के गमले या उस स्थान पर मंडप बनाएं और माता तुलसी को दुल्हन की तरह श्रृंगार करें और उनका विधिवत रूप से फिर विवाह कराएं. उसके बाद उनको प्रसाद का भोग लगाने के बाद वहां पर मौजूद सभी लोगों को प्रसाद दें.
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