करनाल: कोरोना महामारी की दूसरी लहर में एक बार फिर जिंदगी पटरी से उतरी नजर आ रही है. हरियाणा में लॉकडाउन की वजह से कॉमर्शियल वाहनों की मूवमेंट ना के बराबर हो गई है. ऐसे में टैक्सी और कैब चालकों के सामने आर्थिक संकट मंडराने लगा है. टैक्सी और कैब संचालक रोजगार के साथ वाहन के लोन की किश्त देने की चिंता में डूबा है.
कोरोना की पहली लहर के बाद धीरे-धीरे से फिर से सामान्य जीवन पटरी पर लौटना शुरू हुआ था. लोगों ने घरों से निकला शुरू कर दिया था. जिसकी वजह से ठप पड़ा टैक्सी और कैब संचालकों का काम भी शुरू हो गया था.
अब कोरोना की दूसरी लहर लोगों पर कहर बनकर टूटी है. ऐसे में फिर से हरियाणा में सरकार ने लॉकडाउन लगा दिया है. लोग फिर से घरों से निकलने में परहेज कर रहे हैं. ऐसे में टैक्सी और कैब संचालकों का काम फिर से ठप हो गया है. जिसकी वजह से उनपर आर्थिक संकट मंडराने लगा है.
हालांकि कमर्शियल वाहनों के आवागमन के लिए सरकार ने ई-पास की व्यवस्था की है. लेकिन सवारियां नहीं मिलने की वजह से इनका काम रुका हुआ है. जो लोग एमरजेंसी में बाहर निकल भी रहे हैं, वो निजी वाहनों का इस्तेमाल कर रहे हैं. जिसकी वजह से कमर्शियल वाहन चालकों के लिए रोजगार का संकट खड़ा हो गया है. ना तो वो दैनिक खर्च पूरा कर पा रहे हैं, ना ही वाहनों की किश्त जमा करवा पा रहे हैं.
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वाहन चालक रविन्द्र, सतीश व जगदीश ने बताया कि उनके पास पिछले 1 साल से काम नहीं है. पहले लॉकडाउन के बाद अब कुछ हालात ठीक होने लगे थे कि फिर से लॉकडाउन ने हमारी सारी व्यवस्था खराब कर दी. अभी तक हम पिछले लगे लॉक डाउन की मार से नहीं उबर पाए थे. अब दूसरे लॉकडाउन में आजिविका के लाले पड़ गए हैं. कमर्शियल वाहन चालकों ने सरकार से राहत की मांग की है.