करनाल: इस बार की दीपावली काफी अलग होने वाली है. चीन के खिलाफ विरोध की लहर को देखते हुए बहुत संभावना है कि इस बार दीपावली पर स्वदेशी जगमगाहट दिखाई दे. इस स्वदेशी जगमगाहट की जमीनी तैयारी अभी से शुरू हो गई है. हर बार दीपावली के बाजारों में चीनी माल की भरमार रहती है, लेकिन इस बार इनकी जगह स्वदेशी सामान नजर आ सकते हैं.
चीनी उत्पादों के बहिष्कार को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का प्रकल्प सेवा भारती भी सक्रिय भूमिका में है. करनाल में सेवा भारती ने एलईडी लड़ियां बनाने का काम शुरू कराया है. इसके माध्यम से शहर की पिछड़ी बस्तियों के जरूरतमंद महिलाओं और युवाओं को रोजगार भी मुहैया हो रहा है. सेवा भारती की ओर से कौशल विकास योजना चलाई जाती है.
सेवा भारती के प्रदेश संरक्षक ओमप्रकाश अत्रेजा ने बताया कि चीनी उत्पादों के बहिष्कार की देशव्यापी अपील को देखते हुए स्वदेशी लड़ियां तैयार कराने का काम हाथ में लिया गया है. दीपावली पर इन्हें सेवा भारती के कौशल विकास केंद्र के माध्यम से पूरे प्रांत में बेचा जाएगा. गुरुग्राम व करनाल में इन्हें बनाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इसका मकसद स्वदेशी का संदेश देना है. ताकि भारत आत्मनिर्भर बन सके.
केंद्र के निर्माण विभाग के इंचार्ज राममेहर ने कहा हम आसपास की बस्तियों की बेरोजगार महिलाओं को एलईडी बल्बों की रंग-बिरंगी लड़ियां बनाने का नि:शुल्क प्रशिक्षण दे रहे हैं, ताकि वे स्वरोजगार से जुड़ सकें. यह ऐसा काम है, जो आसानी से सीखा जा सकता है. इन लड़ियों की अच्छी खपत भी होती है. इसे देखते हुए इस बार लक्ष्य को बढ़ाया गया है. लड़ियां बनाने के लिए देश में ही निर्मित तार, कैप, एलईडी बल्ब इत्यादि सामान का उपयोग किया जाता है. युवाओं का एक बैच काम सीख लेता है. तो दूसरे युवाओं को ये सिखाया जाता है.
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