करनाल: जिले के इंद्री में भारतीय किसान यूनियन और गन्ना एक्शन कमेटी के प्रस्तावित शुगर मिल की तालाबंदी के दौरान किसानों ने भादसों शुगर मिल के गेट को बंद करने का प्रयास किया. इस पर किसान वहां मौजूद पुलिसकर्मियों से उलझ गए. किसानों ने पुलिस के विरोध के बावजूद मिल का गेट बंद कर नारेबाजी शुरू कर दी. तनाव बढ़ने के बाद पुलिस अधिकारी व इंद्री के एसडीएम राजेश पुनिया मौके पर पहुंचे. अधिकारियों ने किसानों को समझा-बुझाकर शुगर मिल के गेट को खुलवा दिया. इस पर किसान गेट के सामने ही दरी बिछाकर धरने पर बैठ गए. किसानों ने गन्ना रेट ना बढ़ाने के विरोध में सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
गन्ना किसानों ने शुगर मिल के गेट पर धरना देकर किसी भी गन्ना ट्रॉली को अंदर नहीं जाने दिया. धरने से पहले किसानों ने मिल में गन्ना लेकर आए किसानों की ट्रॉलियां अंदर करवा दी. शुगर मिल के गेट पर जमा किसानों ने चेतावनी दी है कि यदि किसानों के साथ जोर जबरदस्ती कर उन्हें गेट के सामने से हटाया गया, तो गंभीर परिणाम होंगे.
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इस मौके पर गन्ना एक्शन कमेटी के अध्यक्ष रामपाल चहल ने कहा कि सरकार को गन्ने का रेट बढ़ाने की मांग को लेकर बार-बार ज्ञापन दिए गए, लेकिन सरकार ने अभी तक किसानों की मांग को नजरअंदाज किया हुआ है. इतना ही नहीं, जब भारतीय किसान यूनियन चढूनी ग्रुप का प्रतिनिधिमंडल कृषि मंत्री से मिलने चंडीगढ़ गया, तो कृषि मंत्री किसानों से मिलने ही नहीं आए. ऐसा लगता है कि सरकार जानबूझकर किसानों के साथ उलझना चाह रही है.
उन्होंने कहा कि सरकार को 19 जनवरी तक गन्ने का रेट बढ़ाने का अल्टीमेटम दिया गया था. इसके अनुसार 20 जनवरी को प्रदेश भर के सभी शुगर मिलों में तालाबंदी करने का एलान किया गया था. इसी घोषणा के अनुसार गुरुवार को भादसों शुगर मिल में गन्ने की सप्लाई बंद कर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया गया. उन्होंने कहा कि जब तक किसानों की मांग पूरी नहीं होगी, तब तक शुगर मिल के गेट पर धरना प्रदर्शन जारी रहेगा.
इस दौरान किसानों की गन्ने की कोई ट्रॉली अंदर नहीं जाने दी जाएगी. भारतीय किसान यूनियन चढूनी ग्रुप के इंद्री हल्का प्रधान मनजीत सिंह ने कहा कि 8% महंगाई बढ़ने और खाद, बीज, दवाइयों इत्यादि के रेट बढ़ोतरी होने के बाद गन्ने का रेट भी बढ़ाकर 450 रुपए क्विंटल होना चाहिए. क्योंकि फसलों के उत्पादन लागत में वृद्धि होने पर फसलों की कीमतों में वृद्धि होना बेहद जरूरी है. जबकि इस सीजन अवधि में सरकार ने गन्ने के रेट में कोई वृद्धि नहीं की है.
सरकार हरियाणा में 362 रुपए प्रति क्विंटल की दर से ही गन्ना रेट निर्धारित कर रही है. उन्होंने कहा कि हरियाणा के पड़ोसी राज्य पंजाब में 380 रुपए प्रति क्विंटल गन्ने का रेट पंजाब सरकार द्वारा किसानों को दिया जा रहा है. जबकि हरियाणा देशभर में किसानों को गन्ने का रेट सबसे अधिक देता आ रहा है. उन्होंने कहा कि जब तक गन्ने के रेट में वृद्धि नहीं होगी, पूरे प्रदेश के शुगर मिलों को चलने नहीं दिया जाएगा.
उन्होंने कहा कि गुरुवार को पूरे प्रदेश भर के शुगर मिलों के आगे किसानों ने तालाबंदी कर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है. उधर, इंद्री के एसडीएम राजेश पुनिया ने कहा कि भादसों शुगर मिल किसानों ने जबरन बंद करने का प्रयास किया, लेकिन प्रशासन ने मिल की तालाबंदी नहीं होने दी. किसान शांतिपूर्ण तरीके से मिल के बाहर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. किसी को भी कानून व्यवस्था बिगाड़ने नहीं दी जाएगी.