करनाल: मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर दर्ज सीमांत (सीमा से लगते) प्रदेशों के किसान करनाल-यूपी बॉर्डर पर मौजूद हैं, लेकिन प्रदेश सरकार ने यूपी का धान खरीदने (Paddy Procurement) के लिए मंडी प्रशासन को परमिशन नहीं दी है. जिसके चलते पोर्टल पर दर्ज करीब 16 हजार किसानों के सामने धान बेचने की मुसीबत खड़ी हो चुकी है. डीसी डॉ. निशांत यादव ने कहा फिलहाल यूपी के किसानों का धान नहीं खरीदा जाएगा.
मंडियों में अब तक करीब 12 सौ करोड़ की पेमेंट जारी हो चुकी है, वहीं 95 फीसदी धान मंडियों में आ चुका है. वहीं मंडी सचिव चंद्रप्रकाश ने बताया कि मंडी में धान खरीद को लेकर कोई परेशानी नहीं है, यूपी के किसानों के धान खरीद को लेकर जैसे ही सरकार के आदेश होंगे. उनके अनुसार खरीद की जाएगी. फिलहाल मंडी में यूपी के किसानों का धान नहीं खरीदा जाएगा. चंद्रप्रकाश, सचिव, मार्केट बोर्ड करनाल ने बताया, यूपी के किसानों का धान फिलहाल मंडी में नहीं खरीदा जाएगा, क्योंकि सरकार के यूपी के किसानों के धान खरीदने के आदेश नहीं है.
यूपी के कुछ किसान धान लेकर पहले आए थे, लेकिन उन्हें वापस भेज दिया. मंडी में हरियाणा के किसानों का ही धान खरीदा जाएगा. उन्होंने कहा कि पिछले साल अब तक करीब 22 लाख क्विंटल धान आई थी, इस बार 17 लाख क्विंटल धान आ चुका हैं. उन्होंने कहा कि जैस ही सरकार के आदेश होंगे, उसी अनुसार धान की खरीद होगी. अभी तक मंडी में करीब 261 करोड़ रुपये की पैमेंट किसानों के खातों में भेजी जा चुकी हैं.
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करनाल उपायुक्त निशांत यादव ने बताया कि जिले में 9 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा जा चुका हैं, पिछले साल 13 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद हुई थी. 12 करोड़ रुपये की पेमेंट किसानों को दी जा चुकी है. उन्होंने बताया कि जिले में 95 प्रतिशत धान की खरीद हो चुकी है. उन्होंने कहा कि सीमांत प्रदेशों का धान खरीदने को लेकर अभी कोई आदेश नहीं आए हैं, क्योंकि धान की परचेज भारत सरकार ओर खाद्य आपूर्ति विभाग करता हैं.
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करनाल उपायुक्त निशांत यादव ने बताया कहा कि हरियाणा के किसानों को धान बेचने में कोई परेशानी नहीं आने दी जाएगी. वहीं सीमांत प्रदेशों के किसानों की धान को लेकर सरकार के जो आदेश आएंगे, उनके अनुसार ही काम किया जाएगा. फिलहाल बाहरी किसानों की धान नहीं खरीदी जा रही है.
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