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इंडो इजराइल सब्जी उत्कृष्ट केंद्र ने तैयार किया बिना बीज का बैंगन, स्वाद अच्छा और पैदावार भी शानदार - इंडो इजराइल सब्जी उत्कृष्ट केंद्र करनाल

अगर आप पथरी की शिकायत से परेशान होकर बैंगन नहीं खा पाते हैं तो आपके लिए खुशखबरी है. इंडो इजराइल सब्जी उत्कृष्ट केंद्र करनाल ने बिना बीज का बैंगन (Seedless Brinjal Farming in Karnal) तैयार किया है. बैंगन की नई किस्म में सामान्य बैंगन की तरह बीज नहीं होते हैं जिससे इसे पथरी के मरीज भी आसानी से खा सकते हैं. करीब चार साल की मेहनत के बाद वैज्ञानिकों को ये सफलता मिली है. इस बैगन की खेती से किसान भी अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं क्योंकि इसकी पैदावार सामान्य बैंगन से काफी ज्यादा होती है.

seedless brinjal Production in Karnal
seedless brinjal Production in Karnal
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Published : Dec 13, 2022, 6:32 PM IST

इंडो इजराइल सब्जी उत्कृष्ट केंद्र तैयार किया बिना बीज का बैंगन.

करनाल: इंडो इजरायल सब्जी उत्कृष्ट केंद्र करनाल के वैज्ञानिकों ने बिना बीज के बैंगन (Seedless Brinjal Farming in Karnal) की किस्म तैयार करने में सफलता हासिल की है. बिना बीज के फसल का उत्पादन करना आम तौर पर मात्र कल्पना लगती है लेकिन वैज्ञानिकों ने ये कर दिखाया है. करनाल के घरौंडा स्थित इंडो इजरायल सब्जी उत्कृष्ट केंद्र पर वैज्ञानिकों की चार साल के ट्रायल के बाद बिना बीज का ये बैंगन तैयार किया गया है. बैंगन की इस वैरायटी में इसमें दो किस्में शामिल हैं जिनकी पैदावार अच्छी है.

इंडो इजरायल उत्कृष्ट केंद्र करनाल (Indo Israel Vegetable Center of Excellence Karnal) के वैज्ञानिकों ने जिन किस्मों का सफल ट्रायल किया है उनमें फरीदा और फिटो नाम की दो किस्में हैं. यह किस्म ऐसी है जिसमे बीज नहीं होते. पूरे भारत में पहली बार इस किस्म को इंडो इजरायल सब्जी उत्कृष्ट सेंटर पर तैयार किया गया है. हालांकि इस केंद्र के लिए कई किस्मों का चयन किया गया था, जिसमे दो किस्म ही अच्छे से तैयार हो पाई है.

seedless brinjal Production in Karnal
बिना बीज का बैंगन

ये भी पढ़ें- Winter Crop Care: सर्दी के सीजन में सब्जी किसान ऐसे करें फसल की देखभाल

वैज्ञानिकों के मुताबिक इस बैंगन में पोटेशियम व मैंगनीशियम पाया जाता है जो कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करता है. इसमें विटामिन सी भी पाया जाता है जो किसी भी तरह के संक्रमण से दूर रखने में कारगर है. यह रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में भी काफी मदद करता है. बैगन की इन किस्मों में आयरन भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है. इस बैंगन की किस्म को लगाकर किसान भी अच्छी पैदावार ले सकते हैं क्योंकि सामान्य बैंगन की तुलना में बिना बीज का बैगन काफी अच्छे रेट पर बिकता है.

इंडो इजराइल सब्जी उत्कृष्ट केंद्र में सब्जेक्ट मैटर स्पेशलिस्ट डॉक्टर लवलेश के मुताबिक नार्मल बैंगन में बीज पाए जाते हैं, लेकिन इस किस्म के बैंगन में बीज नहीं होता है. यह स्वाद में भी सामान्य बैंगन से बेहतर होता है. भर्ते के लिए इस बैगन को ज्यादा बेहतर माना जाता है. आम लोगों में बैंगन को लेकर जो समस्या है वो बीज की है. बीज की वजह से कई लोग इसे खाते नहीं हैं क्योंकि बीज में कैल्शियम ऑक्सलेट होता है जिसके चलते किडनी की पथरी होती है. उस लिहाज से ये बैंगन बेहद अच्छा है. इसमें कोई बीज नहीं होता है. जो छोट-छोटे बीज हैं भी वो एकदम कच्चे होते हैं.

seedless brinjal Production in Karnal
नॉर्मल बैगन से अलग

डॉक्टर लवलेश बताते हैं कि पॉलीहाउस या नेट हाउस के अंदर किसी भी प्रकार की पॉलिनेशन की आवश्यकता नहीं होती. जिस जगह पर फसल लगी हुई है नेट हाउस है. पॉलीहाउस के अंदर हमने दो 2 मीटर की दूरी पर बेड बनाए हुए हैं. हर एक लाइन पर एक-एक पौधा लगाया है, जिसमें प्रत्येक पौधे की दूरी 2 फीट है. अब किसान भी बिना बीज का बैंगन अपने खेत में उगा (how to produce seedless brinjal) सकते हैं. इसे पॉली हाउस में उगाया जाता है. इसमें फल छेदक कीड़ा नहीं लगता.

ये भी पढ़ें- यूट्यूब से सीखी खेती की तकनीक और अब बिना मिट्टी उगा रहा सब्जी

पौधे को अगस्त में खेत में रोपित किया जाता है और यह मई तक फल देता है. साढ़े नौ माह की अवधि तक इससे फल मिलता है. रोपित करने के 60 दिन बाद इसमें फल लग जाता है. एक फल का वजन 250 ग्राम तक होता है. अगर किसान इसको पॉलीहाउस में लगाते हैं तो कीटनाशकों का खर्चा भी नाममात्र ही होता है. ऐसे में किसान को अतिरिक्त आमदनी होगी. एक पौधे से किसान को करीब 10 से 12 किलो तक बैंगन मिल जाते हैं अगर मौसम सही है तो 12 किलो तक भी इसकी पैदावार जा सकती है.

seedless brinjal Production in Karnal
दो किस्म के बैंगन का हुआ ट्रायल

इस बैंगन की खासियत यह है कि इस बैंगन में आयरन बड़ी मात्रा में होता है और यह एनीमिया रोगियों के लिए काफी कारगर साबित हो सकता है. यह घीया की तरह कुकर की एक ही सीटी में पक जाता है. इसकी बाजार में मांग है और उत्पादन भी बेहतर है. वैज्ञानिकों की मानें तो इस किस्म का बैंगन करीब साढ़े नौ माह तक उत्पादन देता है. पॉलीहाउस में बिना बीज के बैंगन की काश्तकार काफी लाभ कमा सकते हैं. बैंगन की फसल पर किसान को कुछ रुपये तक का खर्च करना होता है. जिसका वह दो साल तक लाभ उठा सकता है.

प्रति एकड़ में बैंगन के लगभग 4 हजार पौधे लगाए जा सकते हैं. जिस पर लगभग 24 हजार रुपये तक का खर्च आता है. पौधे लगाने के 60 दिन बाद ही फल लगने शुरू हो जाते हैं. फरीदा किस्म के बैंगन का एक पौधा लगभग 15 किलोग्राम तक की पैदावार देता है. सामान्य बैंगन की मार्केट में 20 से 30 रुपये प्रति किलो के हिसाब से खरीद होती है जबकि यह बैंगन इंडो इजरायल सब्जी उत्कृष्ट केंद्र के स्टॉल पर 60 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिक रहा है.

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चार साल के ट्रायल के बाद बिना बीज का बैंगन तैयार

इंडो इजराइल केंद्र के वैज्ञानिक लवलेश के मुताबिक अभी हमारे पास दो किस्म है फरीदा और फिटो. दोनो बिना बीज की किस्म हैं. लेकिन पैदावार के मामले में फरीदा ज्यादा बेहतर है. अगर हरियाणा के किसान बिना बीज के बैंगन को लगाना चाहते हैं तो वह बागवानी विभाग से संपर्क करके इसका बीज व पौधा इंडो इजराइल सब्जी उत्कृष्ट केंद्र घरौंडा से ले सकते हैं.

ये भी पढ़ें- जानें क्यों किसानों को परंपरागत खेती छोड़ सब्जियों की फसल लगानी चाहिए?

इंडो इजराइल सब्जी उत्कृष्ट केंद्र तैयार किया बिना बीज का बैंगन.

करनाल: इंडो इजरायल सब्जी उत्कृष्ट केंद्र करनाल के वैज्ञानिकों ने बिना बीज के बैंगन (Seedless Brinjal Farming in Karnal) की किस्म तैयार करने में सफलता हासिल की है. बिना बीज के फसल का उत्पादन करना आम तौर पर मात्र कल्पना लगती है लेकिन वैज्ञानिकों ने ये कर दिखाया है. करनाल के घरौंडा स्थित इंडो इजरायल सब्जी उत्कृष्ट केंद्र पर वैज्ञानिकों की चार साल के ट्रायल के बाद बिना बीज का ये बैंगन तैयार किया गया है. बैंगन की इस वैरायटी में इसमें दो किस्में शामिल हैं जिनकी पैदावार अच्छी है.

इंडो इजरायल उत्कृष्ट केंद्र करनाल (Indo Israel Vegetable Center of Excellence Karnal) के वैज्ञानिकों ने जिन किस्मों का सफल ट्रायल किया है उनमें फरीदा और फिटो नाम की दो किस्में हैं. यह किस्म ऐसी है जिसमे बीज नहीं होते. पूरे भारत में पहली बार इस किस्म को इंडो इजरायल सब्जी उत्कृष्ट सेंटर पर तैयार किया गया है. हालांकि इस केंद्र के लिए कई किस्मों का चयन किया गया था, जिसमे दो किस्म ही अच्छे से तैयार हो पाई है.

seedless brinjal Production in Karnal
बिना बीज का बैंगन

ये भी पढ़ें- Winter Crop Care: सर्दी के सीजन में सब्जी किसान ऐसे करें फसल की देखभाल

वैज्ञानिकों के मुताबिक इस बैंगन में पोटेशियम व मैंगनीशियम पाया जाता है जो कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करता है. इसमें विटामिन सी भी पाया जाता है जो किसी भी तरह के संक्रमण से दूर रखने में कारगर है. यह रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में भी काफी मदद करता है. बैगन की इन किस्मों में आयरन भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है. इस बैंगन की किस्म को लगाकर किसान भी अच्छी पैदावार ले सकते हैं क्योंकि सामान्य बैंगन की तुलना में बिना बीज का बैगन काफी अच्छे रेट पर बिकता है.

इंडो इजराइल सब्जी उत्कृष्ट केंद्र में सब्जेक्ट मैटर स्पेशलिस्ट डॉक्टर लवलेश के मुताबिक नार्मल बैंगन में बीज पाए जाते हैं, लेकिन इस किस्म के बैंगन में बीज नहीं होता है. यह स्वाद में भी सामान्य बैंगन से बेहतर होता है. भर्ते के लिए इस बैगन को ज्यादा बेहतर माना जाता है. आम लोगों में बैंगन को लेकर जो समस्या है वो बीज की है. बीज की वजह से कई लोग इसे खाते नहीं हैं क्योंकि बीज में कैल्शियम ऑक्सलेट होता है जिसके चलते किडनी की पथरी होती है. उस लिहाज से ये बैंगन बेहद अच्छा है. इसमें कोई बीज नहीं होता है. जो छोट-छोटे बीज हैं भी वो एकदम कच्चे होते हैं.

seedless brinjal Production in Karnal
नॉर्मल बैगन से अलग

डॉक्टर लवलेश बताते हैं कि पॉलीहाउस या नेट हाउस के अंदर किसी भी प्रकार की पॉलिनेशन की आवश्यकता नहीं होती. जिस जगह पर फसल लगी हुई है नेट हाउस है. पॉलीहाउस के अंदर हमने दो 2 मीटर की दूरी पर बेड बनाए हुए हैं. हर एक लाइन पर एक-एक पौधा लगाया है, जिसमें प्रत्येक पौधे की दूरी 2 फीट है. अब किसान भी बिना बीज का बैंगन अपने खेत में उगा (how to produce seedless brinjal) सकते हैं. इसे पॉली हाउस में उगाया जाता है. इसमें फल छेदक कीड़ा नहीं लगता.

ये भी पढ़ें- यूट्यूब से सीखी खेती की तकनीक और अब बिना मिट्टी उगा रहा सब्जी

पौधे को अगस्त में खेत में रोपित किया जाता है और यह मई तक फल देता है. साढ़े नौ माह की अवधि तक इससे फल मिलता है. रोपित करने के 60 दिन बाद इसमें फल लग जाता है. एक फल का वजन 250 ग्राम तक होता है. अगर किसान इसको पॉलीहाउस में लगाते हैं तो कीटनाशकों का खर्चा भी नाममात्र ही होता है. ऐसे में किसान को अतिरिक्त आमदनी होगी. एक पौधे से किसान को करीब 10 से 12 किलो तक बैंगन मिल जाते हैं अगर मौसम सही है तो 12 किलो तक भी इसकी पैदावार जा सकती है.

seedless brinjal Production in Karnal
दो किस्म के बैंगन का हुआ ट्रायल

इस बैंगन की खासियत यह है कि इस बैंगन में आयरन बड़ी मात्रा में होता है और यह एनीमिया रोगियों के लिए काफी कारगर साबित हो सकता है. यह घीया की तरह कुकर की एक ही सीटी में पक जाता है. इसकी बाजार में मांग है और उत्पादन भी बेहतर है. वैज्ञानिकों की मानें तो इस किस्म का बैंगन करीब साढ़े नौ माह तक उत्पादन देता है. पॉलीहाउस में बिना बीज के बैंगन की काश्तकार काफी लाभ कमा सकते हैं. बैंगन की फसल पर किसान को कुछ रुपये तक का खर्च करना होता है. जिसका वह दो साल तक लाभ उठा सकता है.

प्रति एकड़ में बैंगन के लगभग 4 हजार पौधे लगाए जा सकते हैं. जिस पर लगभग 24 हजार रुपये तक का खर्च आता है. पौधे लगाने के 60 दिन बाद ही फल लगने शुरू हो जाते हैं. फरीदा किस्म के बैंगन का एक पौधा लगभग 15 किलोग्राम तक की पैदावार देता है. सामान्य बैंगन की मार्केट में 20 से 30 रुपये प्रति किलो के हिसाब से खरीद होती है जबकि यह बैंगन इंडो इजरायल सब्जी उत्कृष्ट केंद्र के स्टॉल पर 60 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिक रहा है.

seedless brinjal Production in Karnal
चार साल के ट्रायल के बाद बिना बीज का बैंगन तैयार

इंडो इजराइल केंद्र के वैज्ञानिक लवलेश के मुताबिक अभी हमारे पास दो किस्म है फरीदा और फिटो. दोनो बिना बीज की किस्म हैं. लेकिन पैदावार के मामले में फरीदा ज्यादा बेहतर है. अगर हरियाणा के किसान बिना बीज के बैंगन को लगाना चाहते हैं तो वह बागवानी विभाग से संपर्क करके इसका बीज व पौधा इंडो इजराइल सब्जी उत्कृष्ट केंद्र घरौंडा से ले सकते हैं.

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