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सूरत अग्गिकांड के बाद हरियाणा में कितने जागे कोचिंग सेंटर, जानें हकीकत

सूरत अग्निकांड के बाद ईटीवी भारत की टीम ने करनाल में कोचिंग संस्थानों में पढ़ने वालो छात्रों से बात की. छात्रों ने कोचिंग संस्थानों पर सुरक्षा के इंतजाम ना होने के आरोप लगाए हैं.

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Published : May 27, 2019, 8:02 PM IST

कोचिंग संस्थान में बढ़ने वाले छात्रों ने किए खुलासे

करनाल: सूरत में कोचिंग सेंटर में हुए हादसे से देश अभी तक उबरा नहीं है. देश भर में लाखों की संख्या में रोज छात्र-छात्राएं कोचिंग करने के लिए जाते हैं. हर शहर में बड़ी संख्या में कोचिंग सेंटर बने हुए हैं. देश में हर जगह कोचिंग के लिए बनी बड़ी-बड़ी इमारतों के लिए प्रशासन ने कुछ नियम बना रखे हैं, ज्यादातर कोचिंग संस्थान इन नियमों का पालन नहीं करते. शायद यही वजह है कि गुजरात के सूरत में कोचिंग सेंटर में लगी आग में 20 से ज्यादा छात्रों ने अपनी जान गवां दी.

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इन सभी बातों का जायजा लेने के लिए ईटीवी भारत की टीम आज करनाल की उन गलियों में पहुंची जहां कोचिंग सेंटर चलते हैं. यहां छात्रों से बात की. छात्रों ने कोचिंग संस्थानों को लेकर बड़े-बड़े खुलासे किए. छात्रों ने ईटीवी भारत की टीम को बताया कि उनसे मोटी फीस वसूली जाती है लेकिन उनकी सुरक्षा के नाम पर कोचिंग संस्थानों के पास कुछ भी नहीं है. इमरजेंसी की स्थिति से निपटने के लिए भी कोचिंग सेंटर के पास कोई इंतजाम नहीं हैं.

करनाल: सूरत में कोचिंग सेंटर में हुए हादसे से देश अभी तक उबरा नहीं है. देश भर में लाखों की संख्या में रोज छात्र-छात्राएं कोचिंग करने के लिए जाते हैं. हर शहर में बड़ी संख्या में कोचिंग सेंटर बने हुए हैं. देश में हर जगह कोचिंग के लिए बनी बड़ी-बड़ी इमारतों के लिए प्रशासन ने कुछ नियम बना रखे हैं, ज्यादातर कोचिंग संस्थान इन नियमों का पालन नहीं करते. शायद यही वजह है कि गुजरात के सूरत में कोचिंग सेंटर में लगी आग में 20 से ज्यादा छात्रों ने अपनी जान गवां दी.

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इन सभी बातों का जायजा लेने के लिए ईटीवी भारत की टीम आज करनाल की उन गलियों में पहुंची जहां कोचिंग सेंटर चलते हैं. यहां छात्रों से बात की. छात्रों ने कोचिंग संस्थानों को लेकर बड़े-बड़े खुलासे किए. छात्रों ने ईटीवी भारत की टीम को बताया कि उनसे मोटी फीस वसूली जाती है लेकिन उनकी सुरक्षा के नाम पर कोचिंग संस्थानों के पास कुछ भी नहीं है. इमरजेंसी की स्थिति से निपटने के लिए भी कोचिंग सेंटर के पास कोई इंतजाम नहीं हैं.

Intro:सूरत में हुए अग्निकांड हादसे के बाद क्या जिला प्रशासन सबक लेते हुए अवैध रूप से चलने व फायर फाइटिंग के मापदंडों को पूरा ना करने वाले ऐसे कोचिंग सेंटर पर क्या कसेगा शिकंजा , शहर में चल रहे कोचिंग सेंटरों में फायर फाइटिंग सिस्टम बदहाल, नहीं उठाते निगम और फायर ब्रिगेड के अधिकारी कभी यह जांचने की जहमत की सुरक्षा इंतजाम पूरे है या नहीं ,कोचिंग लेने वाले बच्चों का कहना मोटी फीस वसूलने के बाद भी कोचिंग सेंटर संचालक नहीं करते कोई फायर फाइटिंग की व्यवस्था, जितना संचालक इस लापरवाही के लिए है जिम्मेदार उससे कहीं ज्यादा प्रशासन भी है दोषी, फायर विभाग के अधिकारियों को यह तक पता नहीं कि आखरी बार कब हुई थी कोचिंग सेंटरों में सुरक्षा इंतजाम की जांच ,हादसा होने के बाद फिर नहीं लेता कोई भी जिम्मेदारी ।


Body:हादसा ना जगह देखता है ना वक्त कभी भी और कहीं भी हो सकता है । प्रशासन सूरत की घटना से भी सबक लेता नजर नहीं आ रहा है । यही वजह है कि इस घटना के बाद अभी तक भी कोचिंग सेंटर की जांच के लिए कोई सख्त कदम नहीं उठाए गए हैं । जबकि शहर में 90% कोचिंग सेंटर फायर फाइटिंग सिस्टम की ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं । इसके इलावा आपात स्थिति में सेंटर से निकलने के लिए कोई अतिरिक्त इंतजाम भी नहीं है । अभिभावकों से बात की तो उन्होंने कहा कि वह क्या कर सकते हैं इस और तो प्रशासन को ही ध्यान देना चाहिए ।

अग्निशमन विभाग की तरफ से होना तो यह चाहिए कि नियमित जांच में हादसे के वक्त उस जगह से जल्दी से जल्दी कैसे निकल सकते हैं ,आग बुझाने के पर्याप्त उपकरण होने चाहिए यह देखा जाना चाहिए कि बिल्डिंग पूरी तरह से सुरक्षित है या नहीं ,परन्तु हो यह रहा है कि शत-प्रतिशत बिल्डिंग की एक बार भी जांच नहीं होती है, फायर ब्रिगेड विभाग के कर्मचारी अभी आते हैं जब आग लग जाए, प्रशासन भी इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है ।

निगम के स्तर पर भी होना यह चाहिए कि बिल्डिंग का नक्शा पास होता है इसमें प्रावधान है कि यदि आग बुझाने के पर्याप्त इंतजाम नहीं है तो इसे पास नहीं किया जाता । नक्शा जमा कराते वक्त ऐसे इंतजाम का दावा होता है । यह होना चाहिए निगम के अधिकारी मौके पर जाकर इसकी जांच करें । इसके साथ ही समय-समय पर जांच होती रहनी चाहिए जिससे इंतजाम में कोई कमी हो तो समय रहते दूर की जाए ,,लेकिन हो रहा है यह की नक्शा पास कराते वक्त जो बिल्डिंग दिखाई जाती है इसमें कुछ समय बाद ही बदलाव कर लिया जाता है जिससे आपात स्थिति से निपटने के इंतजामों की अनदेखी हो रही है । सूरत की घटना से भी सबक नहीं लिया जा रहा है ।




Conclusion:वीओ - वहीं कोचिंग सेंटर में पढ़ने वाले बच्चों ने बताया कि सेंटर संचालकों द्वारा मोटी फीस वसूलने के बाद फायर फाइटिंग की कोई भी व्यवस्था नहीं की जाती है । सैकड़ों बच्चों को कोचिंग दी जाती है लेकिन संचालक बच्चों की जिंदगियों से साथ खिलवाड़ करते हैं इस प्रकार के हादसे होने पर किस प्रकार बचा जाए ना तो यह बताया जाता ना ही कोई पुख्ता इंतजाम किए जाते हैं । प्रशासन द्वारा भी किसी प्रकार की चेकिंग नहीं की जाती है । इस प्रकार का बड़ा हादसा होने के बाद भी अग्निशमन विभाग और नगर निगम ने ढुलमुल रवैया अपनाया हुआ है । ढीली कार्रवाई में निगम द्वारा अभी तक सेंटर संचालकों को नोटिस दिया है । निगम डिप्टी कमिश्नर धीरज ने कहा है कि संचालक नोटिस देने के बाद भी बच्चों की जिंदगी खिलवाड़ करते हुए सभी मापदंडों को पूरा करने में कोताही बरतते हैं तो निगम उन पर बड़ी कार्रवाई करने में भी देर नहीं लगाएगा ।

बहरहाल यह तो वक्त ही बताएगा कि प्रशासन सूरत में हुए बड़े हादसे के बाद कितना सबक लेते हुए कार्यवाही को अमल में लाती है या यूं कहें कि हादसे होने के बाद फिर से अनसुना करके जिंदगीया यूं ही चलनी शुरू हो जाती है और फिर से एक बड़े हादसे का इंतजार करती है ।

1- ONE TO ONE WITH COUCHING CENTER STUDENTS


2- BYTE- DHIRAJ KUMAR- DEPUTY
COMMISSIONER NAGAR NIGAM

3- BYTE- RAM KUMAR _ AGNISHAMAN INCHARG
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