करनाल: सूरत में कोचिंग सेंटर में हुए हादसे से देश अभी तक उबरा नहीं है. देश भर में लाखों की संख्या में रोज छात्र-छात्राएं कोचिंग करने के लिए जाते हैं. हर शहर में बड़ी संख्या में कोचिंग सेंटर बने हुए हैं. देश में हर जगह कोचिंग के लिए बनी बड़ी-बड़ी इमारतों के लिए प्रशासन ने कुछ नियम बना रखे हैं, ज्यादातर कोचिंग संस्थान इन नियमों का पालन नहीं करते. शायद यही वजह है कि गुजरात के सूरत में कोचिंग सेंटर में लगी आग में 20 से ज्यादा छात्रों ने अपनी जान गवां दी.
इन सभी बातों का जायजा लेने के लिए ईटीवी भारत की टीम आज करनाल की उन गलियों में पहुंची जहां कोचिंग सेंटर चलते हैं. यहां छात्रों से बात की. छात्रों ने कोचिंग संस्थानों को लेकर बड़े-बड़े खुलासे किए. छात्रों ने ईटीवी भारत की टीम को बताया कि उनसे मोटी फीस वसूली जाती है लेकिन उनकी सुरक्षा के नाम पर कोचिंग संस्थानों के पास कुछ भी नहीं है. इमरजेंसी की स्थिति से निपटने के लिए भी कोचिंग सेंटर के पास कोई इंतजाम नहीं हैं.