करनाल: केंद्र सरकार और राज्य सरकार ने मिलकर देश और प्रदेश के किसानों को आर्थिक तंगी से उभारने के लिए काफी योजनाएं चलाई हुई हैं. ताकि प्रदेश और देश का किसान उन्नति कर सके और कृषि के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित कर सके. इसी कड़ी में केंद्र सरकार की ओर से किसानों के लिए राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत फसल विविधीकरण योजनाएं चलाई गई है, जिसमें किसानों को फसल लगाने पर प्रोत्साहन राशि दी जाती है. प्रोत्साहन राशि देने का मुख्य उद्देश्य यही है कि किसान को घाटे से उबारा जा सके और इन फसलों को लगाकर उसका क्षेत्रफल बढ़ाया जाए.
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क्या कहते हैं कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उप निदेशक?: कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उप निदेशक डॉ. आदित्य प्रताप डबास ने बताया कि, करनाल जिले के जो किसानों मक्का, मूंग, उड़द और अरहर फसल की बिजाई करेंगे, उन सभी किसानों को केंद्र के राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत फसल विविधीकरण को बढ़ावा देने के लिए विभाग की तरफ से किसान के खाते में सीधे प्रोत्साहन राशि भेजी जाएगी. प्रोत्साहन राशि भेजने से पहले कृषि विभाग के द्वारा किसान की फसल की भौतिक सत्यापन करने के बाद ही प्रोत्साहन राशि दी जाएगी.
अलग-अलग फसलों पर अलग-अलग प्रोत्साहन राशि: कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उपनिदेशक ने कहा कि, इसमें मुख्य रूप से दलहन में 4 फसलों को शामिल किया गया है. लेकिन, इन चार फसलों के अतिरिक्त कुछ अन्य फसलें हैं जिनके ऊपर सरकार इस योजना के तहत किसानों को प्रोत्साहन राशि दे रही है. उन्होंने बताया कि, करनाल जिले के जिन किसानों के द्वारा मक्का फसल की बिजाई की जाएगी. उनको भी विभाग की और केंद्र सरकार के द्वारा मक्का की बिजाई करने पर 2400 रुपये प्रति एकड़ दिए जाने का प्रावधान है. हालांकि, इस योजना का लाभ लेने के लिए कृषि विभाग के द्वारा कुछ टारगेट निश्चित किया गया है, उस टारगेट तक ही किसानों को इसका लाभ मिलेगा. मक्का की फसल लगाने के लिए जिले में 60 एकड़ का लक्ष्य दिया गया है.
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इसी तरह वैकल्पिक दाल वाली फसलें जैसे मूंग, उड़द, अरहर फसल की बिजाई करने पर 3600 रुपये प्रति एकड़ दिए जाने का प्रावधान रखा गया है. जिसमें जिले को 40 एकड़ का लक्ष्य दिया गया है. इसमें एक यह नियम भी बनाया गया है कि किसानों को फसलीकरण कृषि वानिकी के तहत गेंहू फसल की बिजाई करने पर 2000 रुपये प्रति एकड़ दिए जाने का प्रावधान रखा गया है. इसके लिए करनाल जिले को 1500 एकड़ का लक्ष्य दिया गया है.
फसल विविधीकरण को बढ़ावा देने का प्रयास: कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उपनिदेशक ने बताया कि, इस योजना के तहत किसानों को सभी फसलें लगाने पर ही प्रोत्साहन राशि नहीं दी जाती, बल्कि कृषि यंत्र के रूप में पावर स्प्रे पंप खरीदने पर भी 3000 प्रति स्प्रे पंप अनुदान दिया जाएगा. इस योजना का लाभ लेने के लिए करनाल जिले को 50 पावर स्प्रे पंप का लक्ष्य दिया गया है. उन्होंने कहा कि कई किसानों को इस योजना की जानकारी नहीं होती. ऐसे में किसानों तक इस योजना की जानकारी पहुंचाने के लिए और फसल विविधीकरण को बढ़ावा देने के लिए विभाग की ओर से किसान मेले का आयोजन भी किया जाएगा. ताकि सभी किसानों तक इस योजना की जानकारी पहुंचे और वह इस योजना का लाभ उठा सकें.
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योजना का लाभ लेने के लिए ऐसे करें आवेदन: उन्होंने बताया कि, जो किसान मेरा पानी मेरी-विरासत योजना का लाभ नहीं ले पाए हैं, वह भी इस योजना में भाग ले सकते हैं और इसका लाभ उठा सकते हैं. योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को 31 अगस्त तक www.agriharyana.gov.in वेबसाइट पर पंजीकरण करवाना होगा.
एक किसान को 5 एकड़ तक का लाभ: इसके लिए खास नियम यह बनाया गया है कि इस योजना का लाभ लेने के लिए एक किसान 5 एकड़ तक का लाभ ले सकता है. इस संबंध में अधिक जानकारी के लिए कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के टोल फ्री नंबर 1800-180-2117 या अपने गांव के कृषि विकास अधिकारी या खंड कृषि अधिकारी या उप मंडल कृषि अधिकारी या उप कृषि निदेशक कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं. साथ ही इस योजना का लाभ ले सकते हैं.