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करनाल में किसान और जवान होंगे आमने-सामने! प्रदर्शन से पहले RAF की टुकड़ी पहुंची

करनाल में मंगलवार को किसानों ने महापंचायत (Karnal Kisan Mahapanchayat) के साथ-साथ जिला सचिवालय के घेराव का भी ऐलान किया है. जिसे देखते हुए जिला प्रशासन ने रैपिड एक्शन फोर्स (karnal rapid action force) की एक टुकड़ी को बुलाया है.

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Published : Sep 6, 2021, 3:51 PM IST

karnal farmer protest Rapid action force
karnal farmer protest Rapid action force

करनाल: मंगलवार यानि 7 सितम्बर को करनाल में किसान महापंचायत होने (Karnal Kisan Mahapanchayat) वाली है. इसको लेकर जिला प्रशासन अलर्ट पर है. जिले में धारा-144 भी लगाई गई है. वहीं किसानों ने जिला सचिवालय के घेराव का भी ऐलान किया है जिस देखते हुए जिला प्रशासन ने रैपिड एक्शन फोर्स (karnal rapid action force) की एक टुकड़ी को भी बुलाया है जो सचिवालय में पहुंच चुकी है.

लगभग 620 जवान एक टुकड़ी में शामिल हैं. सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि आसपास के कई जिले के एसपी और हजारों की संख्या में पुलिस कर्मचारियों को भी करनाल में सचिवालय घेराव के कारण बुलाया गया है. सोमवार को किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी समेत कई किसान नेताओं की प्रशासन के साथ एक मीटिंग भी हुई, लेकिन उसमें कोई हल नहीं निकला. जिसके बाद किसानों ने साफ तौर पर चेतावनी दी है कि किसान कल सचिवालय का घेराव जरूर करेंगे. जिसमें प्रदेश से ही नहीं दूसरे राज्यों से भी किसान करनाल में पहुंचेंगे.

karnal farmer protest Rapid action force
करनाल पहुंची रैपिड एक्शन फोर्स की टुकड़ी

ये भी पढ़ें- 7 सितम्बर को करनाल में किसानों की महापंचायत, दिल्ली-चंडीगढ़ नेशनल हाईवे का रूट डायवर्ट

बता दें कि, बीते दिनों करनाल के बसताड़ा टोल प्लाजा पर किसानों पर पुलिस के लाठीचार्ज के बाद से ही किसान और सरकार आमने-सामने है. किसानों ने सरकार के सामने तीन मांगें रखी हैं. पहली मांग ये है कि एसडीएम सहित जिन सरकारी अधिकारियों ने लाठीचार्ज में गलत किया है, इन सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो. दूसरी मांग ये है कि जिस किसान की मौत हुई है, उसके परिवार को 25 लाख का मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाए.

karnal farmer protest Rapid action force
करनाल पहुंची रैपिड एक्शन फोर्स की टुकड़ी

तीसरी मांग ये है कि पुलिस की लाठीचार्ज से घायल हुए सभी किसानों को दो-दो लाख रुपये की सहायता राशि प्रदान की जाए. इन तीनों मांगों को मानने के लिए किसानों ने सरकार को 6 सितंबर तक का अल्टीमेटम दिया हुआ है. अगर 6 सितंबर तक सरकार ने बात नहीं मानी तो 7 सितंबर को पूरे हरियाणा के किसान करनाल में पहुंचेंगे और लघु सचिवालय का अनिश्चितकालीन घेराव करेंगे.

ये भी पढ़ें- करनाल डीसी के साथ किसानों की वार्ता विफल, कल से होगा लघु सचिवालय का घेराव, धारा 144 लागू

करनाल: मंगलवार यानि 7 सितम्बर को करनाल में किसान महापंचायत होने (Karnal Kisan Mahapanchayat) वाली है. इसको लेकर जिला प्रशासन अलर्ट पर है. जिले में धारा-144 भी लगाई गई है. वहीं किसानों ने जिला सचिवालय के घेराव का भी ऐलान किया है जिस देखते हुए जिला प्रशासन ने रैपिड एक्शन फोर्स (karnal rapid action force) की एक टुकड़ी को भी बुलाया है जो सचिवालय में पहुंच चुकी है.

लगभग 620 जवान एक टुकड़ी में शामिल हैं. सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि आसपास के कई जिले के एसपी और हजारों की संख्या में पुलिस कर्मचारियों को भी करनाल में सचिवालय घेराव के कारण बुलाया गया है. सोमवार को किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी समेत कई किसान नेताओं की प्रशासन के साथ एक मीटिंग भी हुई, लेकिन उसमें कोई हल नहीं निकला. जिसके बाद किसानों ने साफ तौर पर चेतावनी दी है कि किसान कल सचिवालय का घेराव जरूर करेंगे. जिसमें प्रदेश से ही नहीं दूसरे राज्यों से भी किसान करनाल में पहुंचेंगे.

karnal farmer protest Rapid action force
करनाल पहुंची रैपिड एक्शन फोर्स की टुकड़ी

ये भी पढ़ें- 7 सितम्बर को करनाल में किसानों की महापंचायत, दिल्ली-चंडीगढ़ नेशनल हाईवे का रूट डायवर्ट

बता दें कि, बीते दिनों करनाल के बसताड़ा टोल प्लाजा पर किसानों पर पुलिस के लाठीचार्ज के बाद से ही किसान और सरकार आमने-सामने है. किसानों ने सरकार के सामने तीन मांगें रखी हैं. पहली मांग ये है कि एसडीएम सहित जिन सरकारी अधिकारियों ने लाठीचार्ज में गलत किया है, इन सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो. दूसरी मांग ये है कि जिस किसान की मौत हुई है, उसके परिवार को 25 लाख का मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाए.

karnal farmer protest Rapid action force
करनाल पहुंची रैपिड एक्शन फोर्स की टुकड़ी

तीसरी मांग ये है कि पुलिस की लाठीचार्ज से घायल हुए सभी किसानों को दो-दो लाख रुपये की सहायता राशि प्रदान की जाए. इन तीनों मांगों को मानने के लिए किसानों ने सरकार को 6 सितंबर तक का अल्टीमेटम दिया हुआ है. अगर 6 सितंबर तक सरकार ने बात नहीं मानी तो 7 सितंबर को पूरे हरियाणा के किसान करनाल में पहुंचेंगे और लघु सचिवालय का अनिश्चितकालीन घेराव करेंगे.

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