करनाल: मंगलवार यानि 7 सितम्बर को करनाल में किसान महापंचायत होने (Karnal Kisan Mahapanchayat) वाली है. इसको लेकर जिला प्रशासन अलर्ट पर है. जिले में धारा-144 भी लगाई गई है. वहीं किसानों ने जिला सचिवालय के घेराव का भी ऐलान किया है जिस देखते हुए जिला प्रशासन ने रैपिड एक्शन फोर्स (karnal rapid action force) की एक टुकड़ी को भी बुलाया है जो सचिवालय में पहुंच चुकी है.
लगभग 620 जवान एक टुकड़ी में शामिल हैं. सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि आसपास के कई जिले के एसपी और हजारों की संख्या में पुलिस कर्मचारियों को भी करनाल में सचिवालय घेराव के कारण बुलाया गया है. सोमवार को किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी समेत कई किसान नेताओं की प्रशासन के साथ एक मीटिंग भी हुई, लेकिन उसमें कोई हल नहीं निकला. जिसके बाद किसानों ने साफ तौर पर चेतावनी दी है कि किसान कल सचिवालय का घेराव जरूर करेंगे. जिसमें प्रदेश से ही नहीं दूसरे राज्यों से भी किसान करनाल में पहुंचेंगे.
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बता दें कि, बीते दिनों करनाल के बसताड़ा टोल प्लाजा पर किसानों पर पुलिस के लाठीचार्ज के बाद से ही किसान और सरकार आमने-सामने है. किसानों ने सरकार के सामने तीन मांगें रखी हैं. पहली मांग ये है कि एसडीएम सहित जिन सरकारी अधिकारियों ने लाठीचार्ज में गलत किया है, इन सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो. दूसरी मांग ये है कि जिस किसान की मौत हुई है, उसके परिवार को 25 लाख का मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाए.
तीसरी मांग ये है कि पुलिस की लाठीचार्ज से घायल हुए सभी किसानों को दो-दो लाख रुपये की सहायता राशि प्रदान की जाए. इन तीनों मांगों को मानने के लिए किसानों ने सरकार को 6 सितंबर तक का अल्टीमेटम दिया हुआ है. अगर 6 सितंबर तक सरकार ने बात नहीं मानी तो 7 सितंबर को पूरे हरियाणा के किसान करनाल में पहुंचेंगे और लघु सचिवालय का अनिश्चितकालीन घेराव करेंगे.
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