करनाल: तीन कृषि कानून को लेकर किसान करीब चार महीनों से दिल्ली से लगती सीमाओं पर डटे हैं. इस आंदोलन की वजह से हरियाणा सरकार बैकफुट पर नजर आ रही है. शायद यही वजह कि अब मनोहर सरकार किसानों को रिझाने में लगी है. दरअसल हरियाणा में 1 अप्रैल से गेहूं की सरकारी खरीद शुरू होगी.
किसान आंदोलन को देखते हुए हरियाणा सरकार ने फैसला किया है कि इस बार गेहूं खरीद की पेमेंट आढ़तियों के खाते में नहीं बल्कि सीधा किसानों के खाते में जाएगी. सरकार के इस फैसले पर अब राजनीतिक और किसान नेताओं की प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गई हैं.
एक तरफ विपक्ष सरकार के इस फैसले का विरोध कर रहा है. दो दूसरी तरफ किसान नेता राकेश टिकैत ने भी इस फैसले पर विरोध जताया है. करनाल में राकैश टिकैत ने कहा कि ये आढ़तियों को भी मारेंगे और दुकानदारों को भी मारेंगे. अगर सरकार किसानों के खातों में सीधी पेंमट दे देती है तो कोई बड़ी बात नहीं.
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने किसानों की पेमेंट पर कहा था कि किसानों की फसल की पेमेंट में देरी ना हो, ये सुनिश्चित किया जाएगा. पेमेंट प्रक्रिया को लेकर एक सॉफ्टवेयर तैयार किया जा रहा है. जिसकी मदद से इस बार हरियाणा के किसानों के पेमेंट सीधा उनके खातों में जाएगी.
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सीएम ने कहा कि इस बार आढ़ती के पास पेमेंट नहीं जाएगी. आढ़ती का सारा खर्च और उनकी फीस उनको मिलती रहेगी, लेकिन पेमेंट सीधा किसानों के खाते में होगी. मंडी में जितना काम जो है वो आढ़ती का है और आढ़ती को ही करना है. सीएम ने कहा कि किसान और आढ़ती के बीच का लेन-देन उनका विषय है. इसका सरकार से कोई लेना देना नहीं है.