करनाल: जिले में जिन लोगों का कोरोना टेस्ट किया गया है या जिन लोगों को एतिहातन क्वारंटाइन किया गया है. उनको अब सामाजिक बहिष्कार जैसे हालात का सामना करना पड़ रहा है. दूध और सब्जी वालों ने उन्हें सामान तक देना बंद कर दिया है.
बता दें कि पीड़ित परिवार का सदस्य चरणजीत महाराष्ट्र में स्थित नांदेड़ साहिब गुरुद्वारा से वापस आया था. वहां से आए कुछ लोगों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी. जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने चरणजीत को भी एतिहातन क्वारंटाइन कर दिया.
हालांकि परिवार के सदस्य की रिपोर्ट तीन बार नेगेटिव आ चुकी है. उसके बाद भी उन्हें सामाजिक बहिष्कार जैसी स्थिति का सामना करना पड़ रहा है. वार्ड के पार्षद को जब इस बात का पता चला तो उन्होंने पीड़ित परिजनों को मदद की.
पीड़ित परिजनों के मुताबिक 30 साल से दूधिया उनके घर दूध लेकर आता था. जब से उसे पता चला कि परिवार के सदस्य को क्वारंटाइन किया गया है. तब से उसने दूध देने से मना कर दिया. एक पहलू ये भी है कि आस-पास के लोगों ने भी दूधिया को चेतावनी दी कि अगर उसने चरणजीत के परिवार को दूध दिया तो बाकि लोग उससे दूध नहीं लेंगे. जिसकी वजह से दूधिया ने दूध देना बंद कर दिया.
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अभी भी लोगों में कोरोना वायरल को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई है. जिसकी वजह से क्वारंटाइन किए गए परिवारों को सामाजिक बहिष्कार जैसी स्थिति का सामना करना पड़ रहा है.