करनाल: अपने छत पर शौकिया लोग छोटे पैमाने पर पेड़ पौधे उगाते हैं लेकिन प्रगतिशील किसान रामविलास ने अपने छत पर जिस तरह व्यवस्थित ढंग से खेती की है वह काबिलेतारीफ है. उन्होंने इसे न केवल अपनी आमदनी का जरिया बनाया बल्कि कई लोगों को राह भी दिखायी है.
छत पर खेती का आइडिया: प्रगतिशील किसान रामविलास ने इस मुहावरे को साबित कर दिया कि जहां चाह वहां राह. रामविलास का कहना है कि अगर खेती करने की इच्छा है तो छत पर भी खेती की जा सकती है. हमें यह नहीं सोचना है कि अगर हमारे पास जमीन होती तो हम भी खेती करते. रामविलास का कहना है कि अब तो मात्र 10 प्रतिशत लोगों के पास ही जमीन है. जमीन नहीं होने पर भी लोग खेती करने की अपनी इच्छा को पूरा कर सकते हैं. बस आवश्यकता है दृढ़ इच्छा शक्ति की और सही प्लानिंग की.
किन -किन चीजों की करते हैं खेती?: रामविलास अपने छत पर फल, फूल, सब्जी और यहां तक की औषधीय पौधे भी उगाते हैं. उनके छत पर लगने वाली सामान्य सब्जियों में भिंडी, गोभी, टमाटर, हरी मिर्च, पत्तागोभी, बीन्स, करेला, तोरई, कुंदरू, बैंगन, लौकी आदि सब्जी सीजन के मुताबिक मिल जाती है. वे अलग -अलग किस्म की सब्जियां लगाते हैं. फलों में उनके यहां नींबू, ड्रैगन फ्रूट, अमरुद, बेर, अनार, सेव और चीकू तक मिल जाते हैं.
आमदनी का भी है जरिया: रामविलास जैविक खाद का ही इस्तेमाल करते हैं. सिर्फ जैविक खाद के उपयोग के कारण इनके उत्पादों की क्वालिटी बहुत अच्छी होती है. रामविलास फल-फूल, सब्जियों के पौधे और बीज पूरे देश भर में उपलब्ध कराते हैं. रामविलास 25 साल से यह काम कर रहे हैं. पहले उन्होंने शौकिया इसकी शरुआत की बाद में यह उनके आजीविका का जरिया बन गया. रामविलास का अपना यू ट्यूब चैनल भी है जिस पर वह खेती के आधुनिक तौर तरीके के बारे में बताते हैं. यू टयूब पर वे किसानों के लिए फ्री क्लास लेते हैं.
ट्रेनिंग के लिए आते हैं लोग: रामविलास की प्रसद्धि अब विदेशों तक पहुंच गयी है. रामविलास बताते हैं कि अमेरिका से लोग उनसे मिलने आते हैं और जानकारी लेते हैं. महाराष्ट्र, गुजरात और अन्य राज्यों से भी किसान उनके पास आते हैं. दो तीन दिन रूक कर खेती की नवीनतम तकनीकों के बारे में ट्रेनिंग लेते है.
किसानों को सलाह: रामविलास का कहना है कि खेती अब पुराने ढर्रे पर नहीं होनी चाहिए. खेती का मतलब सिर्फ गेहूं और धान की खेती से नहीं है बल्कि आधुनिक तौर तरीके से खेती कर किसान परम्परागत खेती से ज्यादा लाभ कमा सकते हैं. रामविलास यहां तक कहते हैं कि एक छोटा किसान जिसके पास एक एकड़ जमीन है वह सही ढंग से खेती करे तो वह उसमें से तीन एकड़ की फसल ले सकता है. रामविलास उदाहरण के साथ बताते हैं कि ऐसे फल का बाग लगा दें जो छोटे से फल देना शुरू कर दे. उनके बीच जो जगह बची है उसमें हल्दी, अदरख, अरवी, औषधीय पौधे लगा सकते हैं. यानि मल्टीलेयर फार्मिंग कर के किसान तीन गुना लाभ ले सकते हैं.