करनाल: हरियाणा में गेंहू की फसलों की खरीद (wheat procurement in karnal) एक अप्रैल से शुरू हो गई थी. इस बीच मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने किसानों के हक में बड़ा फैसला लिया था कि किसानों को उनकी गेहूं की फसल का पैसा उनकी खाते के अंदर 72 घंटे के अंदर डाल दिया जाएगा. यदि किसी कारण किसानों का पैसा उनके फिक्स्ड डिपॉजिट में समय पर जमा नहीं किया जाता है, तो उन्होंने 9 प्रतिशत ब्याज के साथ भुगतान किया जायेगा. सरकार ने बनाया वादा तो किया, लेकिन 70% किसानों को अभी तक गेहूं के पैसे नहीं पहुंचे जबकि सीजन खत्म होने की कगार पर है.
किसान सुशील ने कहा कि उनको गेहूं बेचे हुए 1 सप्ताह का समय हो गया है. लेकिन अभी तक उनकी गेहूं के पैसे उनको नहीं मिले हालांकि सरकार ने दावा जरूर किया था. लेकिन दावे तो हर बार सरकार करती है, पर धरातल पर कोई भी अमल दिखाई नहीं देता है. गेहूं की फसल की पेमेंट के बारे में कमीशन एजेंट से बात की तो कमीशन एजेंट ने कहा कि अभी गेहूं का उठान नहीं हुआ गेहूं का उठान होने के बाद उनका पक्का पर्चा काट दिया जाएगा.
उसके बाद ही उनके पैसे खाते में आएंगे. सुशील ने कहा कि किसानों को गेहूं की फसल डाले हुए कई कई दिन हो गए है. सरकार व खरीद एजंसी के द्वारा गेहूं के उठाना करने के चलते किसानों को अभी तक उनकी गेहूं का पैसा नहीं मिला है. वहीं एक अन्य किसान भीम सिंह ने कहा कि उनको गेहूं बेचे हुए आज पूरे 10 दिन हो चुके हैं, लेकिन अभी तक उनके गेहूं का पैसा नहीं मिला है. सरकार पैसे देने में काफी देरी कर रही है. जबकि उनको आगे भी अपना हिसाब किताब करना है. इसलिए भीम सिंह ने सरकार से अपील की कि जल्दी से जल्दी इनका पैसा के खाते में डाल दिया जाए. जिससे उनकी और बाकि के किसानों की आर्थिक हालत ठीक हो सकें.
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