करनाल: सीएम सिटी के लोग सबसे ज्यादा पार्किंग की समस्या से परेशान हैं. पिछले 3 सालों से पार्किंग की समस्या के समाधान पर पहले नगर निगम और अब करनाल स्मार्ट सिटी लिमिटेड काम कर रही है, लेकिन ये काम अब तक सिर्फ कागजों तक सिमटा ही नजर आ रहा है.
अगर बात करें करनाल के मिनी सचिवालय की, जहां तमाम सरकारी कार्यालय हैं. और प्राइवेट कंपनियां भी मौजूद हैं. इसके बावजूद भी यहां पार्किंग का हाल बुरा है. सरकारी अफसरों की गाड़ियां तो जिला सचिवालय के अंदर बनी पार्किंग में लग जाती हैं. बची कुची जगह पर सरकारी कर्मचारियों की गाड़ियां खड़ी हो जाती है. अब सैकड़ों की संख्या में जो लोगों अपने काम के सिलसिले में मिनी सचिवालय आते हैं, उन्हें पार्किंग की समस्या से दो-दो हाथ होना पड़ता है.
पुलिस से होती है कहासुनी
9 बजे के बाद जब सैकड़ों लोग काम के सिलसिले में मिनी सचिवालय पहुंचे हैं तो यहां सिर्फ जाम की ही स्थिति पैदा नहीं होती, बल्कि हालात बेकाबू होने पर पार्किंग को लेकर लोगों और पुलिस के बीच कहासुनी तक हो जाती है.
पार्किंग की समस्या से जूझते लोग
अधिवक्ता मन्निदर सिंह पुनिया ने कहा कि रोज उन्हें पार्किंग के लिए परेशानी होती है. कभी-कभी तो कई घंटों तक उन्हें पार्किंग नहीं मिलती. ऐसे में उन्हें मजबूर होकर सड़क किनारे गाड़ी पार्क करनी पड़ती है. वो ऐसा करना नहीं चाहते हैं, लेकिन उनके पास इसके अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं बचता है.
अधिवक्ता शक्ति सिंह ने कहा कि करनाल प्रशासन की ओर से महीने भर का सड़क सुरक्षा अभियान चलाया जा रहा है, लेकिन इससे पहले प्रशासन को पार्किंग की समस्या पर ध्यान देने की जरूरत है.
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जब इस बारे में अतिरिक्त उपायुक्त और आरटीओ विना हुड्डा ने बात की गई तो उन्होंने कहा कि प्रशासन द्वारा मल्टी स्टोरी पार्किंग प्रोजेक्ट को लेकर काम चल रहा है. बहुत ही जल्द लोगों को पार्किंग की सुविधा मुहैया करवाई जाएगी.