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करनाल मंडी में पैदावार से ज्यादा हो रही धान की खरीद, जांच में जुटे अधिकारी - karnal rice mill

करनाल मंडी में उपज से ज्यादा धान की खरीद हो चुकी है. सरकार ने इस घोटाले को जांचने के लिए पुलिस की तैनाती की है. आरोप ये है कि मिलर्स कम दाम में बाहर से धान खरीद कर यहां ऊंचे दामों मे बेच रहे हैं.

paddy scam investigation in karnal
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Published : Nov 22, 2019, 4:29 PM IST

करनाल: जिले में 1.70 लाख हेक्टेयर रकबे में करीब 5 लाख 86 हजार मीट्रिक टन धान उत्पादन होता है, जबकि करीब 17 लाख 5270 मीट्रिक टन धान की आवक हो चुकी है. बाकी धान किस राज्य से आया और किस किसान का है. इसका जवाब किसी के पास नहीं.

मंडियों में देश का कोई भी किसान अपनी उपज कहीं भी बेच सकता है. इसकी आड़ में कुछ व्यापारी दूसरे राज्यों से धान लाकर यहां बेचते हैं. आशंका जताई जाती है कि सस्ता धान लाकर उसे बढ़े हुए दामों पर बेचा जाता है.

करनाल धान घोटाले की जांच करती पुलिस, देखें वीडियो

कुल उपज से धान की खरीद हो रही ज्यादा
राइस मिलों में पारदर्शिता से जांच में ही पता चलेगा कि अनाज मंडियों से गेट पास कटवाकर कितनी मात्रा में धान लाया गया. राइस मिलर्स को दिए गए धान के स्टॉक की जांच के लिए सरकार और प्रशासन हरकत में हैं. करनाल जिले में 316 राइस मिलों को 16 लाख 22 हजार 154 मीट्रिक टन धान दिया गया है. इसके एवज में सरकार 67 प्रतिशत चावल लेगी.

मिलों की जांच में जुटी सरकार
साथ ही मिलिंग के बदले राइस मिल को उसका मेहनताना देगी. अनाज मंडियों से राइस मिलों में धान जाने के बाद सरकार जांच में जुटी है, लेकिन इसमें क्या सामने आएगा? ये खुलासा प्रशासनिक अधिकारी जांच के बाद ही कर सकेंगे. जिले के चार एसडीएम के अधीन जांच चल रही है.

अनाज मंडी में कुल आवक का रिकॉर्ड
अनाज मंडी में धान की कुल आवक का रिकॉर्ड और गेट पास से पता चल सकता है कि धान किस किसान का है और किस एजेंसी के मार्फत राइस मिल में गया है. राइस मिल में मौजूदा स्टॉक कितना है. मंडी से गेट पास के मिलान के अलावा यदि और धान मिल में है, उसका रिकॉर्ड जांचा जा रहा है.

ये भी पढे़ं:-फतेहाबाद: बाल संरक्षण टीम ने बच्चों से चोरी करने के आरोप में पांच महिलाओं को किया गिरफ्तार

साथ ही ये भी जांचा जा रहा है कि मार्केट कमेटी की फीस दी गई है या नहीं. किस आढ़ती की फर्म की मार्फत किसान से धान खरीदा गया. मार्केट कमेटी ने गेट पास काटा या नहीं. उसका कंप्यूटर पर रिकार्ड चढ़ा या नहीं. राइस मिलों में बोरियों के चट्टे गिनकर अनुमान लगाने से घपला नहीं पकड़ा जा सकता.

जांच में जुटी पुलिस
कई राइस मिलो के आगे पुलिस के जवान खड़े कर दिए हैं. ना कोई माल अंदर आ सकता है और नाम बाहर जा सकता है, अंदर अधिकारी जांच कर रहे हैं. इसी को लेकर निस्सिंग के एसएचओ सुरेंद्र सिंह संधू ने बताया कि उच्च अधिकारियों के आदेश पर यहां पर भी जांच चल रही है. पुलिस के जवान लगाए हुए हैं और पूरी तरह से निगरानी कर रहे हैं.

करनाल: जिले में 1.70 लाख हेक्टेयर रकबे में करीब 5 लाख 86 हजार मीट्रिक टन धान उत्पादन होता है, जबकि करीब 17 लाख 5270 मीट्रिक टन धान की आवक हो चुकी है. बाकी धान किस राज्य से आया और किस किसान का है. इसका जवाब किसी के पास नहीं.

मंडियों में देश का कोई भी किसान अपनी उपज कहीं भी बेच सकता है. इसकी आड़ में कुछ व्यापारी दूसरे राज्यों से धान लाकर यहां बेचते हैं. आशंका जताई जाती है कि सस्ता धान लाकर उसे बढ़े हुए दामों पर बेचा जाता है.

करनाल धान घोटाले की जांच करती पुलिस, देखें वीडियो

कुल उपज से धान की खरीद हो रही ज्यादा
राइस मिलों में पारदर्शिता से जांच में ही पता चलेगा कि अनाज मंडियों से गेट पास कटवाकर कितनी मात्रा में धान लाया गया. राइस मिलर्स को दिए गए धान के स्टॉक की जांच के लिए सरकार और प्रशासन हरकत में हैं. करनाल जिले में 316 राइस मिलों को 16 लाख 22 हजार 154 मीट्रिक टन धान दिया गया है. इसके एवज में सरकार 67 प्रतिशत चावल लेगी.

मिलों की जांच में जुटी सरकार
साथ ही मिलिंग के बदले राइस मिल को उसका मेहनताना देगी. अनाज मंडियों से राइस मिलों में धान जाने के बाद सरकार जांच में जुटी है, लेकिन इसमें क्या सामने आएगा? ये खुलासा प्रशासनिक अधिकारी जांच के बाद ही कर सकेंगे. जिले के चार एसडीएम के अधीन जांच चल रही है.

अनाज मंडी में कुल आवक का रिकॉर्ड
अनाज मंडी में धान की कुल आवक का रिकॉर्ड और गेट पास से पता चल सकता है कि धान किस किसान का है और किस एजेंसी के मार्फत राइस मिल में गया है. राइस मिल में मौजूदा स्टॉक कितना है. मंडी से गेट पास के मिलान के अलावा यदि और धान मिल में है, उसका रिकॉर्ड जांचा जा रहा है.

ये भी पढे़ं:-फतेहाबाद: बाल संरक्षण टीम ने बच्चों से चोरी करने के आरोप में पांच महिलाओं को किया गिरफ्तार

साथ ही ये भी जांचा जा रहा है कि मार्केट कमेटी की फीस दी गई है या नहीं. किस आढ़ती की फर्म की मार्फत किसान से धान खरीदा गया. मार्केट कमेटी ने गेट पास काटा या नहीं. उसका कंप्यूटर पर रिकार्ड चढ़ा या नहीं. राइस मिलों में बोरियों के चट्टे गिनकर अनुमान लगाने से घपला नहीं पकड़ा जा सकता.

जांच में जुटी पुलिस
कई राइस मिलो के आगे पुलिस के जवान खड़े कर दिए हैं. ना कोई माल अंदर आ सकता है और नाम बाहर जा सकता है, अंदर अधिकारी जांच कर रहे हैं. इसी को लेकर निस्सिंग के एसएचओ सुरेंद्र सिंह संधू ने बताया कि उच्च अधिकारियों के आदेश पर यहां पर भी जांच चल रही है. पुलिस के जवान लगाए हुए हैं और पूरी तरह से निगरानी कर रहे हैं.

Intro:प्रदेश भर में जहां धान घोटाले को लेकर चल रही है जांच उसी कड़ी में करनाल के तरावड़ी, निसिंग और कुंजपुरा में भी हो रही है जांच , कई राइस मिलो के आगे पुलिस ने अपने जवान तैनात ,किसी प्रकार का समान अंदर बाहर नहीं जा सकता ,अधिकारी कर रहे है जांच , निस्सिंग के एसएचओ सुरेंद्र सिंह संधू ने बताया कि उच्च अधिकारियों के आदेशा अनुसार हो रही है कार्यवाही, पुलिस के जवान कर रहे है  निगरानी। 
Body:जिले में 1.70 लाख हेक्टेयर रकबे में करीब 5 लाख 86 हजार मीट्रिक टन धान उत्पादन होता है, जबकि करीब 17 लाख 5270 मीट्रिक टन धान की आवक हो चुकी है। बाकी धान किस राज्य से आया और किस किसान का है इसका जवाब किसी के पास नहीं। मंडियों में देश का कोई भी किसान अपनी उपज कहीं भी बेच सकता है। इसकी आड़ में कुछ व्यापारी दूसरे राज्यों से धान लाकर यहां बेचते हैं। आशंका जताई जाती है कि सस्ता धान लाकर उसका एमएसपी लिया जाता है। राइस मिलों में पारदर्शिता से जांच में ही पता चलेगा कि अनाज मंडियों से गेट पास कटवाकर कितनी मात्रा में धान लाया गया। राइस मिलर्स को दिए गए धान के स्टॉक की जांच के लिए सरकार व प्रशासन हरकत में हैं। करनाल जिले में 316 राइस मिलों को मिलिंग के लिए 16 लाख 22 हजार 154 मीट्रिक टन धान दिया गया है। इसके एवज में सरकार 67 प्रतिशत चावल लेगी। साथ ही मिलिंग के बदले राइस मिल को उसका मेहनताना देगी। अनाज मंडियों से राइस मिलों में धान जाने के बाद सरकार जांच में जुटी है, लेकिन इसमें क्या सामने आएगा यह खुलासा प्रशासनिक अधिकारी जांच के बाद ही कर सकेंगे। जिले के चार एसडीएम के अधीन जांच चल रही है। बुधवार को किसी भी एसडीएम ने इस संदर्भ में कोई बात नहीं की। 
अनाज मंडी में धान की कुल आवक का रिकार्ड व गेट पास से पता चल सकता है कि धान किस किसान का है और किस एजेंसी के मार्फत राइस मिल में गया है। राइस मिल में मौजूदा स्टॉक कितना है। मंडी से गेट पास के मिलान के अलावा यदि और धान मिल में है तो उसका रिकार्ड जांचा जाए कि वह कहां से लाया गया। उसकी मार्केट कमेटी फीस दी गई है या नहीं। किस आढ़ती की फर्म की मार्फत किसान से धान खरीदा गया। मार्केट कमेटी ने गेट पास काटा या नहीं। उसका कंप्यूटर पर रिकार्ड चढ़ा या नहीं। राइस मिलों में बोरियों के चट्टे गिनकर अनुमान लगाने से घपला नहीं पकड़ा जा सकता। 
Conclusion:कई राइस मिलो  के आगे पुलिस के जवान खड़े कर दिये हैं और  ना कोई माल अंदर आ सकता है और नाम बाहर जा सकता है ,अंदर अधिकारी जांच कर रहे है।  इसी को लेकर निस्सिंग के एसएचओ सुरेंद्र सिंह संधू ने बताया कि उच्च अधिकारियों के आदेश पर यहां पर भी जांच चल रही है।  पुलिस के जवान लगाए हुए हैं और पूरी तरह से निगरानी कर रहे है। 

बाईट - एसएचओ सुरेंद्र सिंह संधू - निसिंग थाना 
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