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करनाल में मुरझाए किसानों के चेहरे, कम रेट पर हो रही बारीक धान की बिक्री

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Published : Nov 2, 2019, 8:18 PM IST

मंडी में आजकल धान-बाजरे की फसल की आवक खूब देखी जा सकती है लेकिन हमेशा की तरह किसान इस साल भी परेशानी में हैं, क्योंकि उन्हें उनकी फसल का उचित दाम नहीं मिल रहा है.

करनाल में मुरझाए किसानों के चेहरे, कम रेट में बिक रही बारीक धान

करनाल: इंद्री की अनाज मंडी में बारीक धान के भाव कम होने से किसानों में भारी रोष है. किसानों की माने तो पिछले साल बारीक धान का रेट 3000 से 3600 रुपए प्रति क्विंटल था, जबकि इस बार ये रेट 2200 से लेकर 2600 प्रति क्विंटल हो गया है. जिससे उन्हें 15 से 20 हजार रुपये प्रति एकड़ का नुकसान हो रहा है.

बारीक धान के रेट में गिरावट
किसानों ने कहा कि वो अपनी बारीक धान मंडी में लेकर पहुंचते हैं तो उनकी धान के खरीददार नहीं मिलते. जो खरीदार आते भी हैं वो मनमाने दाम पर उनकी फसल को खरीदने के बात करते हैं, इतना ही नहीं हर रोज किसानों की बारीक धान का रेट गिर रहा है. जिस कारण किसानों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है.

क्लिक कर देखें रिपोर्ट

किसानों ने सरकार पर लगाया आरोप
किसानों ने आरोप लगाया कि बारीक धान को व्यापारी जानबूझकर कम रेट पर खरीद रहे हैं, क्योंकि सरकार किसानों की इस पीड़ा को सुनने को भी तैयार नहीं है. उधर अनाज मंडी में आढ़तियों का कहना है अनाज मंडी में बारीक जीरी की कीमतें पिछले साल की तुलना में कम मिलने से किसानों और आढ़तियों दोनों को आर्थिक नुकसान पहुंचा रही है.

रोहतक मंडी में परेशान किसान, अधिकारियों पर लगाए मिलीभगत के आरोप

वहीं दूसरी तरफ खरीदारों का कहना है कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में चावल की कीमत कम होने की वजह से बारीक धान के भाव में कमी आई है ,जबकि आढ़ती और किसान सरकार की गलत नीतियों को बारीक धान की कम कीमतों का जिम्मेदार मान रहे हैं.

करनाल: इंद्री की अनाज मंडी में बारीक धान के भाव कम होने से किसानों में भारी रोष है. किसानों की माने तो पिछले साल बारीक धान का रेट 3000 से 3600 रुपए प्रति क्विंटल था, जबकि इस बार ये रेट 2200 से लेकर 2600 प्रति क्विंटल हो गया है. जिससे उन्हें 15 से 20 हजार रुपये प्रति एकड़ का नुकसान हो रहा है.

बारीक धान के रेट में गिरावट
किसानों ने कहा कि वो अपनी बारीक धान मंडी में लेकर पहुंचते हैं तो उनकी धान के खरीददार नहीं मिलते. जो खरीदार आते भी हैं वो मनमाने दाम पर उनकी फसल को खरीदने के बात करते हैं, इतना ही नहीं हर रोज किसानों की बारीक धान का रेट गिर रहा है. जिस कारण किसानों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है.

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किसानों ने सरकार पर लगाया आरोप
किसानों ने आरोप लगाया कि बारीक धान को व्यापारी जानबूझकर कम रेट पर खरीद रहे हैं, क्योंकि सरकार किसानों की इस पीड़ा को सुनने को भी तैयार नहीं है. उधर अनाज मंडी में आढ़तियों का कहना है अनाज मंडी में बारीक जीरी की कीमतें पिछले साल की तुलना में कम मिलने से किसानों और आढ़तियों दोनों को आर्थिक नुकसान पहुंचा रही है.

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वहीं दूसरी तरफ खरीदारों का कहना है कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में चावल की कीमत कम होने की वजह से बारीक धान के भाव में कमी आई है ,जबकि आढ़ती और किसान सरकार की गलत नीतियों को बारीक धान की कम कीमतों का जिम्मेदार मान रहे हैं.

Intro:करनाल अनाज मंडी में बारीक धान के भाव कम होने से किसानों में भारी रोष , किसानो का आरोप पिछले वर्ष की तुलना में  इस बार  बारीक धान के कम रेट मिलने से 15 से 20 हज़ार प्रति एकड़ का नुकसान, इस बार किसान को न केवल रेट कम मिलने की मार झेलनी पड़ रही  बल्कि किसान की उपज भी कम निकल रही , किसानों ने कम भाव मिलने के पीछे सरकार की गलत नीतियां , किसानों ने सरकार पर इस मामले में कोई भी ठोस कदम ना उठाने के लगाए आरोप।  



Body:करनाल के इंद्री स्तिथ अनाज मंडी में बारीक धान के भाव कम होने से किसानों में भारी रोष है।  पिछले वर्ष की तुलना में  इस बार  बारीक धान के कम रेट मिलने से किसानों को 15 से 20 हज़ार प्रति एकड़ का नुकसान हो रहा है।  इस बार किसान को न केवल रेट कम मिलने की मार झेलनी पड़ रही है बल्कि किसान की उपज भी कम निकल रही है।  किसानों ने कम भाव मिलने के पीछे कारण सरकार की गलत नीतियों को दोषी माना है।  किसानों ने सरकार पर इस मामले में कोई भी ठोस कदम ना उठाने के आरोप लगाए है। अनाज मंडी में बारीक धान लेकर पहुंचे किसानों का कहना है कि पिछले वर्ष बारिक धान की जिन किसानों के रेट 3000 से 3600 रुपए प्रति क्विंटल मिल रहे थे, उसी किस्म की धान के इस वर्ष रेट 2200  से लेकर 2600 प्रति क्विंटल मिल रहे रहे हैं। किसानों ने बारीक धान की कम कीमत मिलने से किसानों में भारी नाराजगी है।  किसानों का कहना है कि वह अपनी बारीक धान मंडी में लेकर पहुंचते हैं तो उनकी धान के खरीददार नहीं मिलते जो खरीदार आते भी हैं वह मनमाने दाम पर उनकी फसल को खरीदने के बात करते हैं , इतना ही नहीं हर रोज किसानों की बारीक धान का रेट गिर रहा है जिस कारण किसानों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है , किसान मंडी में हो रही इस लुटाई से परेशान है और सरकार उनकी कोई सुध नहीं ले रही है।  किसानों का आरोप है कि किसानों की बारीक दान को व्यापारी जानबूझकर कम रेट पर खरीद रहे हैं क्योंकि सरकार किसानों की इस पीड़ा को सुनने को भी तैयार नहीं है। उधर अनाज मंडी में आढ़तियों का कहना है कि इस बार मुच्छल धान की कीमत  2300 रुपए चल रही है जबकि पिछले वर्ष 3300 रूपये प्रति क्विंटल थी 1121 किशन की बारीक जीरी के उत्तम दाम 2700 रूपय प्रति क्विंटल चल रहे हैं जबकि पिछले वर्ष इसी किस्म के धान की कीमत 3600रूपये  प्रति क्विंटल थी बासमती की धाम की कीमत इस वर्ष 3400 रूपये प्रति क्विंटल है जबकि पिछले वर्ष इसी किस्म की धान की कीमत 4200 रूपये से ऊपर चल रही थी। इसी तरह दूसरी बार एक किस्म की धान की कीमत मैं भी यही अंतर चल रहा है। उनका कहना है कि अनाज मंडी में बारीक जीरी कीकीमतें पिछले वर्ष की अपेक्षा कम मिलने से किसानों व आढ़तियों को आर्थिक रूप से नुकसान हो रहा है।  आढ़तियों का यह भी कहना है कि बारीक धान का खरीदार कम मिल रहे हैं जिस कारण इस धान के रेट भी कम मिल रहे हैं।  दूसरी तरफ खरीदारों का कहना है कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में चावल की कीमत कम होने के कारण बारीक धान के भाव में कमी आई है ,जबकि आढती और किसान सरकार की गलत नीतियों को बारीक धान की कम कीमतों का जिम्मेदार मान रहे हैं Conclusion:इंद्री अनाज मंडी आढ़ती एसोसिएशन के प्रधान हरपाल सिंह ने बताया कि बारीक धान के रेट पिछले वर्ष की अपेक्षा कम मिलने से किसानों को भारी नुकसान हो रहा है।  यह सरकार की गलत नीतियों की वजह से हो रहा है।  सरकार को इस दिशा में सख्त कदम उठाने चाहिए ताकि सरकार द्वारा किसानों की आय दोगुनी करने के दावा को साकार किया जा सके। 

बाइट :मंडी प्रधान हरपाल सिंह 
बाइट :आढ़ती सुभाष 
बाइट ;किसान रामपाल 
बाइट :किसान महिंदर 
बाइट :किसान रमेश  
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