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करनाल की मंडियों में शुरू हुई धान की खरीद, उठान को लेकर किसान परेशान

करनाल में रविवार से मंडियों में धान की खरीद शुरू हो गई है, लेकिन किसान उठान और सरकार द्वारा लगाए गए नए नियमों से परेशान हैं.

paddy purchase started in Karnal mandi
रविवार से करनाल की मंडियों में शुरू हुई धान की खरीद
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Published : Sep 27, 2020, 10:40 PM IST

करनाल: लंबे इंतजार के बाद आखिरकार मंडी में धान की खरीद शुरू हो गई है, लेकिन किसान और आढ़ती अभी भी मुश्किल हालात से गुजर रहे हैं. उनकी परेशानी इस बात की है कि अगर धान की खरीद हो भी गई तो इसे उठाएगा कौन, क्योंकि राइस मिलर्स की अभी भी सरकार से तानातानी चल रही है और इस खरीद में राइस मिलर्स साथ नहीं है.

ऐसे में अगर मंडी से दो दिनों में धान का उठाव नहीं हुआ तो धान काली पड़ जाएगी. उसके बाद राइस मिलर्स की तरफ से ये धान नहीं ली जाएगी और उसका ठीकरा किसान और आढ़ती पर ही पड़ेगा. जिसके चलते किसानों में भारी गुस्सा है.

रविवार से करनाल की मंडियों में शुरू हुई धान की खरीद

किसानों ने बताया कि मेरा ब्यौरा पोर्टल पर सरकार की तरफ से कहा गया है कि एक एकड़ से सिर्फ 27 से 28 क्विंटल ही धान खरीद करेंगे. जबकि औसतन एक एकड़ में धान की 32-35 क्विंटल निकल रही है बाकि धान किसान कहां लेकर जाए.

वहीं किसानों का कहना है कि राइस मिलर्स मंडी में कहीं दिखाई नहीं दे रहे हैं. जिसके चलते उनके धान का उठाव नहीं हो पाएगा. किसानों का कहना है कि अगर दो से तीन दिन तक धान को मंडी में ही छोड़ दिया गया तो धान काली पड़ जाएगी. जिसके चलते उनको घाटा सहना पड़ेगा.

वहीं आढ़तियों का कहना है कि धान की खरीद दो तरीकों से की जा रही है. पूरी तरह से सूखे धान की अलग रेट लग रही है. वहीं जिन धानों में थोड़ी नमी है. उसका अलग रेट लगाया जा रहा है. इसलिए उनकी किसानों से अपील है कि वो मंडी में सूखा धान लाएं.

ये भी पढ़ें: विपक्ष के विरोध के बीच राष्ट्रपति कोविंद ने किए कृषि बिलों पर हस्ताक्षर

करनाल: लंबे इंतजार के बाद आखिरकार मंडी में धान की खरीद शुरू हो गई है, लेकिन किसान और आढ़ती अभी भी मुश्किल हालात से गुजर रहे हैं. उनकी परेशानी इस बात की है कि अगर धान की खरीद हो भी गई तो इसे उठाएगा कौन, क्योंकि राइस मिलर्स की अभी भी सरकार से तानातानी चल रही है और इस खरीद में राइस मिलर्स साथ नहीं है.

ऐसे में अगर मंडी से दो दिनों में धान का उठाव नहीं हुआ तो धान काली पड़ जाएगी. उसके बाद राइस मिलर्स की तरफ से ये धान नहीं ली जाएगी और उसका ठीकरा किसान और आढ़ती पर ही पड़ेगा. जिसके चलते किसानों में भारी गुस्सा है.

रविवार से करनाल की मंडियों में शुरू हुई धान की खरीद

किसानों ने बताया कि मेरा ब्यौरा पोर्टल पर सरकार की तरफ से कहा गया है कि एक एकड़ से सिर्फ 27 से 28 क्विंटल ही धान खरीद करेंगे. जबकि औसतन एक एकड़ में धान की 32-35 क्विंटल निकल रही है बाकि धान किसान कहां लेकर जाए.

वहीं किसानों का कहना है कि राइस मिलर्स मंडी में कहीं दिखाई नहीं दे रहे हैं. जिसके चलते उनके धान का उठाव नहीं हो पाएगा. किसानों का कहना है कि अगर दो से तीन दिन तक धान को मंडी में ही छोड़ दिया गया तो धान काली पड़ जाएगी. जिसके चलते उनको घाटा सहना पड़ेगा.

वहीं आढ़तियों का कहना है कि धान की खरीद दो तरीकों से की जा रही है. पूरी तरह से सूखे धान की अलग रेट लग रही है. वहीं जिन धानों में थोड़ी नमी है. उसका अलग रेट लगाया जा रहा है. इसलिए उनकी किसानों से अपील है कि वो मंडी में सूखा धान लाएं.

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