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पीएम केयर्स फंड से करनाल को मिला था ऑक्सीजन प्लांट, बीते एक हफ्ते से है बंद - pm cares karnal oxygen plant

पीएम केयर्स फंड से करनाल के नागरिक अस्पताल में स्थापित ऑक्सीजन प्लांट एक हफ्ते से बंद पड़ा है. संबंधित अधिकारी दावा कर रहे हैं आने वाले एक-दो दिनों में प्लांट फिर से सुचारू रूप से चलने लगेगा.

oxygen plant
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Published : May 20, 2021, 11:49 AM IST

करनाल: बीती 4 मई को करनाल के नागरिक अस्पताल में पीएम केयर्स फंड के तहत ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना हुई. ये ऑक्सीजन प्लांट एक हफ्ते से बंद पड़ा है. अस्पताल अधिकारियों का कहना है कि स्थापना के दौरान कुछ तकनीकि खामियों के चलते संयंत्र में दिक्कत आ रही थी. इसके समाधान के लिए एजेंसी को बताया दिया गया था.

ऑक्सीजन प्लांट की मशीनरी को सोनीपत के एक विशेषज्ञ प्रो. जोगिंदर सिंह द्वारा कार्यात्मक बनाया गया था. केंद्र द्वारा किराए पर ली गई एजेंसी के इंजीनियर लॉकडाउन के कारण मुंबई और बाद में दिल्ली में फंसे रहे. संयंत्र में प्राकृतिक हवा की मदद से प्रति मिनट लगभग 200 लीटर ऑक्सीजन उत्पन्न करने की क्षमता है.

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प्रधान चिकित्सा अधिकारी डॉ. पीयूष शर्मा ने कहा अक्सर संयंत्र का कम्प्रेशर गर्म हो जाता है और ये खतरनाक हो सकता है, इसलिए हमने इसे बंद कर दिया है. एजेंसी ने इस पर काम करना शुरू कर दिया है. एक दो दिनों में संयंत्र के फिर से शुरू होने की उम्मीद है.

उपायुक्त निशांत कुमार यादव के अनुसार प्रशासन के पास अभी तक ऑक्सीजन की पर्याप्त आपूर्ति थी. उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में संबंधित अधिकारियों से संयंत्र को जल्द से जल्द चालू करने को कहा है.

वहीं प्रो. जोगिंदर सिंह ने दावा किया कि स्थापना के दौरान कोई तकनीकी खामी नहीं थी. संयंत्र में जगह की कमी के कारण हीटिंग की समस्या आ रही है. अधिकारियों से सुविधा में हैवी ड्यूटी एग्जॉस्ट पंखे लगाने के लिए कहा गया था.

ये भी पढ़ें- हवा में कोरोना को मारेगा ये एयर प्यूरीफायर, चंडीगढ़ पीजीआई को मिले 100 यूनिट

करनाल: बीती 4 मई को करनाल के नागरिक अस्पताल में पीएम केयर्स फंड के तहत ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना हुई. ये ऑक्सीजन प्लांट एक हफ्ते से बंद पड़ा है. अस्पताल अधिकारियों का कहना है कि स्थापना के दौरान कुछ तकनीकि खामियों के चलते संयंत्र में दिक्कत आ रही थी. इसके समाधान के लिए एजेंसी को बताया दिया गया था.

ऑक्सीजन प्लांट की मशीनरी को सोनीपत के एक विशेषज्ञ प्रो. जोगिंदर सिंह द्वारा कार्यात्मक बनाया गया था. केंद्र द्वारा किराए पर ली गई एजेंसी के इंजीनियर लॉकडाउन के कारण मुंबई और बाद में दिल्ली में फंसे रहे. संयंत्र में प्राकृतिक हवा की मदद से प्रति मिनट लगभग 200 लीटर ऑक्सीजन उत्पन्न करने की क्षमता है.

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प्रधान चिकित्सा अधिकारी डॉ. पीयूष शर्मा ने कहा अक्सर संयंत्र का कम्प्रेशर गर्म हो जाता है और ये खतरनाक हो सकता है, इसलिए हमने इसे बंद कर दिया है. एजेंसी ने इस पर काम करना शुरू कर दिया है. एक दो दिनों में संयंत्र के फिर से शुरू होने की उम्मीद है.

उपायुक्त निशांत कुमार यादव के अनुसार प्रशासन के पास अभी तक ऑक्सीजन की पर्याप्त आपूर्ति थी. उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में संबंधित अधिकारियों से संयंत्र को जल्द से जल्द चालू करने को कहा है.

वहीं प्रो. जोगिंदर सिंह ने दावा किया कि स्थापना के दौरान कोई तकनीकी खामी नहीं थी. संयंत्र में जगह की कमी के कारण हीटिंग की समस्या आ रही है. अधिकारियों से सुविधा में हैवी ड्यूटी एग्जॉस्ट पंखे लगाने के लिए कहा गया था.

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