करनाल: बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ओपी धनखड़ ने कैमला गांव में हुए किसानों के प्रदर्शन पर कहा कि लोकतंत्र में हर किसी को अपनी बात कहने का अधिकार है. किसानों का इस तरह से विरोध प्रदर्शन करना ठीक नहीं हैं. बता दें कि ओम प्रकाश धनखड़ मुख्यमंत्री मनोहर लाल की किसान महापंचायत में पहुंचे थे, लेकिन किसानों के विरोध को देखते हुए वो समय रहते ही निकल गए.
दरअसल हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को रविवार को करनाल जिले के कैमला गांव में किसान महापंचायत रैली में आना था. इस महापंचायत को लेकर किसान नेता गुरनाम चढूनी ने 7 जनवरी को सिंघु बॉर्डर से वीडियो जारी कर किसानों से अपील की थी कि वो मुख्यमंत्री मनोहर लाल की मरोड़ निकाल दें.
गुरनाम चढूनी ने की थी विरोध की अपील
गुरनाम चढूनी ने कहा था कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल का महापंचायत में इतना विरोध कर दो कि ये प्रोग्राम रद्द हो जाए. इसके बाद 8 जनवरी को किसानों ने घरौंडा टोल प्लाजा पर किसान महापंचायत के विरोध की रणनीति बनाई. इस बीच करनाल प्रशसान ने किसानों से बातचीत की और उनसे शांतिपूर्व प्रदर्शन की अपील की.
किसानों के आगे बेबस दिखा प्रशासन
लेकिन रविवार को प्रशासन किसानों के आगे बेबस नजर आया. मुख्यमंत्री की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों और स्थानीय पुलिस ने किसानों को समझा-बुझाकर उन्हें तितर बितर करना चाहा. लेकिन किसान नहीं माने. यहां पर स्थिति बिगड़ने पर पुलिस ने किसानों पर लाठीचार्ज किया और आंसू के गोले दागे.
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खबर ये भी है कि पुलिस ने किसानों पर वाटर कैनन का भी इस्तेमाल किया. लेकिन सभी इंतजामों को धता बताते हुए सैकड़ों किसान खट्टर की रैली स्थल तक पहुंच गए. किसानों ने कार्यक्रम स्थल पर जमकर तोडफोड़ की. कुर्सियां, माइक और मंच सब तहस-नहस कर दिया. नाराज किसानों ने हेलीपैड को कस्सियों से खोद दिया, फिर रैली स्थल पर पहुंचकर वहां मंच पर तोड़फोड़ की. नतीजा ये हुआ कि मुख्यमंत्री का दौरा रद्द करना पड़ा.