ETV Bharat / state

बुरे दौर में हरियाणा का डेयरी उद्योग, पशुपालक बोले- नहीं पता कैसे मिलेगा केन्द्र के पैकेज का फायदा

करनाल के पशुपालक इस बात को लेकर असमंजस में हैं कि किस तरीके से उन्हें केंद्र सरकार के रहत पैकेज का फायदा मिलेगा. ये फायदा मिलेगा भी या नहीं? पढ़ें पूरी खबर...

cattle ranchers in Karnal
cattle ranchers in Karnal
author img

By

Published : May 17, 2020, 5:20 PM IST

Updated : May 17, 2020, 6:51 PM IST

करनाल: केंद्र सरकार ने कृषि और डेयरी उद्योगों को ऊपर उठाने के लिए राहत पैकेज का ऐलान किया है. इस ऐलान के करनाल के पशुपालक असमंजस की स्थिति में दिखाई दिए. उन्होंने एक तरफ केंद्र सरकार के पैकेज को अच्छा बताया तो दूसरी तरफ आर्थिक संकट की लकीरें उनके चेहरे पर साफ दौर पर देखने को मिली.

ईटीवी भारत हरियाणा से बातचीत में पशुपालकों ने कहा कि केंद्र सरकार के पैकेज के ऐलान से उन्हें उम्मीद जगी है कि सब सामान्य हो जाएगा. इसके लिए जरूरी है कि केंद्र सरकार ने राहत पैकेज का जो ऐलान किया है वो सही तरीके से हमतक पहुंचे. पशुपालक इस बात को लेकर भी असमंजस में हैं कि किस तरीके से उन्हें इस पैकेज का फायदा मिलेगा. ये फायदा मिलेगा भी या नहीं?

सरकार के राहत पैकेज पर जानें क्यों असमंजस में हैं पशुपालक?

वहीं राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान के निदेश डॉक्टर मनमोहन चौहान ने केंद्र सरकार के इस पैकेज को किसानों और डेयरी सेक्टर के लिए बुस्टर बताया है. उन्होंने ये भी बताया कि कैसे किसान इस पैकेज के जरिए नुकसान की भरपाई कर सकते हैं. मनमोहन चौहान ने बताया कि पशुपालक दूध की दही या लस्सी बनाकर ज्यादा पैसा कमा सकते हैं. उन्होंने पशुपालकों को बकरी पालने की भी सलाह दी.

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने खुरपका और मुंहपका जैसे रोगों के लिए राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम शुरू करने की बात कही है. इसके अलावा डेयरी प्रोसेसिंग को बढ़ावा देने और कैटल फीड, खाद प्रोडक्शन के निर्यात में के लिए 15000 करोड रुपये का फंड अलग से निर्धारित किया है.

ये भी पढ़ें- लॉकडाउन में मंदा पड़ा गाड़ियों का धंधा, एजेंसी मालिकों को करोड़ों का नुकसान

केंद्र सरकार के कृषि और डेयरी उद्योग को ऊपर उठाने के पैकेज से पशु पालकों में व्यापार को दोबारा से खड़े करने की उम्मीद तो जगी है, लेकिन उनके मन में अभी भी ये संशय जरूर है कि ये पैकेज उनतक पहुंचेगा भी या नहीं.

बता दें कि हरियाणा की पशुधन आबादी 98.97 लाख है. दूध और दूध उत्पाद आहार हरियाणा का एक अनिवार्य हिस्सा है. प्रति व्यक्ति 660 ग्राम दूध की उपलब्धता के साथ हरियाणा देश में 232 ग्राम के राष्ट्रीय औसत के मुकाबले दूसरे नंबर पर है. करनाल में राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान, और हिसार में केंद्रीय इंस्टीट्यूट फॉर रिसर्च ऑन बफेलो भ्रूण स्थानांतरण तकनीक के माध्यम से मवेशियों की नई नस्लों के विकास और इन नस्लों के प्रसार में सहायक हैं. भैंस की मुर्राह नस्ल हरियाणा दूध उत्पादन के लिए विश्व प्रसिद्ध है.

करनाल: केंद्र सरकार ने कृषि और डेयरी उद्योगों को ऊपर उठाने के लिए राहत पैकेज का ऐलान किया है. इस ऐलान के करनाल के पशुपालक असमंजस की स्थिति में दिखाई दिए. उन्होंने एक तरफ केंद्र सरकार के पैकेज को अच्छा बताया तो दूसरी तरफ आर्थिक संकट की लकीरें उनके चेहरे पर साफ दौर पर देखने को मिली.

ईटीवी भारत हरियाणा से बातचीत में पशुपालकों ने कहा कि केंद्र सरकार के पैकेज के ऐलान से उन्हें उम्मीद जगी है कि सब सामान्य हो जाएगा. इसके लिए जरूरी है कि केंद्र सरकार ने राहत पैकेज का जो ऐलान किया है वो सही तरीके से हमतक पहुंचे. पशुपालक इस बात को लेकर भी असमंजस में हैं कि किस तरीके से उन्हें इस पैकेज का फायदा मिलेगा. ये फायदा मिलेगा भी या नहीं?

सरकार के राहत पैकेज पर जानें क्यों असमंजस में हैं पशुपालक?

वहीं राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान के निदेश डॉक्टर मनमोहन चौहान ने केंद्र सरकार के इस पैकेज को किसानों और डेयरी सेक्टर के लिए बुस्टर बताया है. उन्होंने ये भी बताया कि कैसे किसान इस पैकेज के जरिए नुकसान की भरपाई कर सकते हैं. मनमोहन चौहान ने बताया कि पशुपालक दूध की दही या लस्सी बनाकर ज्यादा पैसा कमा सकते हैं. उन्होंने पशुपालकों को बकरी पालने की भी सलाह दी.

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने खुरपका और मुंहपका जैसे रोगों के लिए राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम शुरू करने की बात कही है. इसके अलावा डेयरी प्रोसेसिंग को बढ़ावा देने और कैटल फीड, खाद प्रोडक्शन के निर्यात में के लिए 15000 करोड रुपये का फंड अलग से निर्धारित किया है.

ये भी पढ़ें- लॉकडाउन में मंदा पड़ा गाड़ियों का धंधा, एजेंसी मालिकों को करोड़ों का नुकसान

केंद्र सरकार के कृषि और डेयरी उद्योग को ऊपर उठाने के पैकेज से पशु पालकों में व्यापार को दोबारा से खड़े करने की उम्मीद तो जगी है, लेकिन उनके मन में अभी भी ये संशय जरूर है कि ये पैकेज उनतक पहुंचेगा भी या नहीं.

बता दें कि हरियाणा की पशुधन आबादी 98.97 लाख है. दूध और दूध उत्पाद आहार हरियाणा का एक अनिवार्य हिस्सा है. प्रति व्यक्ति 660 ग्राम दूध की उपलब्धता के साथ हरियाणा देश में 232 ग्राम के राष्ट्रीय औसत के मुकाबले दूसरे नंबर पर है. करनाल में राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान, और हिसार में केंद्रीय इंस्टीट्यूट फॉर रिसर्च ऑन बफेलो भ्रूण स्थानांतरण तकनीक के माध्यम से मवेशियों की नई नस्लों के विकास और इन नस्लों के प्रसार में सहायक हैं. भैंस की मुर्राह नस्ल हरियाणा दूध उत्पादन के लिए विश्व प्रसिद्ध है.

Last Updated : May 17, 2020, 6:51 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.