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नायब तहसीलदार पेपर लीक कांड: जेल जाने के बाद भी नहीं हुई मुख्य आरोपी पर कार्रवाई, फिर बना प्रधानाचार्य

नायब तहसीलदार पेपर लीक कांड से जुड़ा बड़ा मामला सामने आया है. मामले के मुख्य आरोपी पर लगता है बड़े हुक्मरान और अफसर मेहरबान हैं. 3 महीने बाद जेल में रहने के बाद भी बीईओ राजीव भूटानी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई. बल्कि वो फिर से उसने नौकरी ज्वाइन कर ली.

paper leak
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Published : Sep 19, 2019, 12:05 AM IST

Updated : Sep 19, 2019, 8:18 PM IST

करनाल: जिस स्कूल के प्रधानाचार्य पर पेपर लीक करवाने का आरोप हो. जो एक दिन हवालात की हवा खा चुका हो और जो बेल पर बाहर मौज काट रहा हो. अगर उसी प्रधानाचार्य को दोबारा स्कूल की कमान दे दी जाए. तो ऐसे में उस स्कूल के बच्चों की शिक्षा पर क्या असर पड़ेगा ये आप भी अच्छे से जानते हैं. दरअसल हम बात कर रहे हैं बीईओ राजीव भूटानी की जिन पर हाईप्रोफाइल नायब तहसीलदार परीक्षा के प्रश्न पत्र को लीक करने का आरोप है. बावजूद इसके भूटानी को बर्खास्त करने की जगह दोबारा प्रधानाचार्य का पदभार दे दिया गया है.

दोषी प्रधानाचार्य ने ज्वाइन की ड्यूटी
बता दें कि मई में नायब तहसीलदार परीक्षा के प्रश्न पत्र को लीक करने की कोशिश की गई थी. प्रशासन की मुस्तैदी से पेपर लीक होने से बचा लिया गया, लेकिन इस हाई प्रोफाइल कांड में करनाल के निसिंग खंड के कार्यकारी डीईओ राजीव भूटानी की गिरफ्तारी की गई. रेवाड़ी की अदालत में उन्हें प्राथमिक दृष्टि से दोषी करार देते हुए जेल की सजा सुनाई. बाद में भूटानी जेल से बेल पर बाहर आए और अब उन्होंने 1 सितबंर से प्रधानाचार्य का पदभार संभाल लिया है.

नायब तहसीलदार पेपरलीक कांड का मुख्य आरोपी जमानत पर रिहा होकर फिर बहाल हुआ

क्यों राजीव भूटानी को नहीं किया गया बर्खास्त ?
हरियाणा सरकार के नियमों के मुताबिक जो सरकारी कर्मचारी 24 घंटे जेल में रह लेता है और जबतक उसपर अपराधिक मुकदमा चलता है तब तक उसे बर्खास्त कर दिया जाता है, लेकिन राजीव भूटानी पर प्रशासनिक या विभागीय स्तर पर कोई भी कार्रवाई नहीं की गई. यहां तक की वो अपनी प्रधानाचार्य की ड्यूटी भी जॉइन कर सरकारी नौकरी की मौज ले रहे हैं.

बर्खास्तगी में क्यों बरती जा रही देरी ?
जिला शिक्षा अधिकारी रविंद्र कुमार चौधरी ने बताया की इस मामले को उच्च अधिकारियों के संज्ञान में डाला जा चुका है. लेकिन अभी तक आरोपी राजीव भूटानी को निलंबित करने के निर्देश नहीं मिले है.

ये भी पढ़िये- बाबू ने ही लीक किया था नायब तहसीलदार का पेपर, STF ने किया गिरफ्तार

क्या है पूरा मामला ?

  • 26 मई को नायब तहसीलदार की परीक्षा होनी थी
  • पेपर लीक होता इससे पहले ही पुलिस ने छापेमारी कर आरोपियों को पकड़ लिया
  • पेपर शुरू होते ही पुलिस ने रेवाड़ी जैन गर्ल्स स्कूल और माउंट लिट्राजी स्कूल से पांच आरोपियों को आंसर-की के साथ गिरफ्तार किया
  • तीन आरोपी गुरुग्राम और एक आरोपी को करनाल से गिरफ्तार किए गए.
  • ठीक एक दिन बाद पेपर लीक कर आरोपियों तक पहुंचाने वाले करनाल स्थित एसएस इंटरनेशल स्कूल में तैनात परीक्षा वाले दिन केंद्र अधीक्षक जसबीर को गिरफ्तार किया गया.
  • रिमांड के दौरान आरोपियों ने बताया कि उन्होंने दो लाख रुपये में सौदा किया था
  • दो लाख रुपये में पेपर लाकर देने की जिम्मेदारी बीईओ राजीव भूटानी ने ली थी, जिसमें एक लाख एडवांस में दे दिए गए थे.

करनाल: जिस स्कूल के प्रधानाचार्य पर पेपर लीक करवाने का आरोप हो. जो एक दिन हवालात की हवा खा चुका हो और जो बेल पर बाहर मौज काट रहा हो. अगर उसी प्रधानाचार्य को दोबारा स्कूल की कमान दे दी जाए. तो ऐसे में उस स्कूल के बच्चों की शिक्षा पर क्या असर पड़ेगा ये आप भी अच्छे से जानते हैं. दरअसल हम बात कर रहे हैं बीईओ राजीव भूटानी की जिन पर हाईप्रोफाइल नायब तहसीलदार परीक्षा के प्रश्न पत्र को लीक करने का आरोप है. बावजूद इसके भूटानी को बर्खास्त करने की जगह दोबारा प्रधानाचार्य का पदभार दे दिया गया है.

दोषी प्रधानाचार्य ने ज्वाइन की ड्यूटी
बता दें कि मई में नायब तहसीलदार परीक्षा के प्रश्न पत्र को लीक करने की कोशिश की गई थी. प्रशासन की मुस्तैदी से पेपर लीक होने से बचा लिया गया, लेकिन इस हाई प्रोफाइल कांड में करनाल के निसिंग खंड के कार्यकारी डीईओ राजीव भूटानी की गिरफ्तारी की गई. रेवाड़ी की अदालत में उन्हें प्राथमिक दृष्टि से दोषी करार देते हुए जेल की सजा सुनाई. बाद में भूटानी जेल से बेल पर बाहर आए और अब उन्होंने 1 सितबंर से प्रधानाचार्य का पदभार संभाल लिया है.

नायब तहसीलदार पेपरलीक कांड का मुख्य आरोपी जमानत पर रिहा होकर फिर बहाल हुआ

क्यों राजीव भूटानी को नहीं किया गया बर्खास्त ?
हरियाणा सरकार के नियमों के मुताबिक जो सरकारी कर्मचारी 24 घंटे जेल में रह लेता है और जबतक उसपर अपराधिक मुकदमा चलता है तब तक उसे बर्खास्त कर दिया जाता है, लेकिन राजीव भूटानी पर प्रशासनिक या विभागीय स्तर पर कोई भी कार्रवाई नहीं की गई. यहां तक की वो अपनी प्रधानाचार्य की ड्यूटी भी जॉइन कर सरकारी नौकरी की मौज ले रहे हैं.

बर्खास्तगी में क्यों बरती जा रही देरी ?
जिला शिक्षा अधिकारी रविंद्र कुमार चौधरी ने बताया की इस मामले को उच्च अधिकारियों के संज्ञान में डाला जा चुका है. लेकिन अभी तक आरोपी राजीव भूटानी को निलंबित करने के निर्देश नहीं मिले है.

ये भी पढ़िये- बाबू ने ही लीक किया था नायब तहसीलदार का पेपर, STF ने किया गिरफ्तार

क्या है पूरा मामला ?

  • 26 मई को नायब तहसीलदार की परीक्षा होनी थी
  • पेपर लीक होता इससे पहले ही पुलिस ने छापेमारी कर आरोपियों को पकड़ लिया
  • पेपर शुरू होते ही पुलिस ने रेवाड़ी जैन गर्ल्स स्कूल और माउंट लिट्राजी स्कूल से पांच आरोपियों को आंसर-की के साथ गिरफ्तार किया
  • तीन आरोपी गुरुग्राम और एक आरोपी को करनाल से गिरफ्तार किए गए.
  • ठीक एक दिन बाद पेपर लीक कर आरोपियों तक पहुंचाने वाले करनाल स्थित एसएस इंटरनेशल स्कूल में तैनात परीक्षा वाले दिन केंद्र अधीक्षक जसबीर को गिरफ्तार किया गया.
  • रिमांड के दौरान आरोपियों ने बताया कि उन्होंने दो लाख रुपये में सौदा किया था
  • दो लाख रुपये में पेपर लाकर देने की जिम्मेदारी बीईओ राजीव भूटानी ने ली थी, जिसमें एक लाख एडवांस में दे दिए गए थे.
Intro:
नायब तहसीलदार पेपर लीक कांड का आरोपी ले रहा सरकारी नौकरी की मौज, जेल जाने के बावजूद विभाग ने नहीं की कोई भी कार्यवाही, आरोपी को बचाने में पेपर माफिया की संलिप्तता शक के घेरे में ।

Body:हरियाणा में प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रश्न पत्रों को लीक करने की घटनाएं आम है । गत मई में भी नायब तहसीलदार परीक्षा के प्रश्न पत्र को लीक करने का प्रयास किया गया था । प्रशासन की मुस्तैदी से पेपर लीक होने से बचा लिया गया पर इस हाई प्रोफाइल कांड में करनाल के निसिंग खंड के कार्यकारी डीईओ राजीव भूटानी की गिरफ्तारी की गई । रेवाड़ी की अदालत में उन्हें प्राथमिक दृष्टि से दोषी करार देते हुए जेल की सजा सुनाई ।उपरोक्त अधिकारी अब जमानत पर जेल से बाहर है और मजे से अपनी सरकारी नौकरी की मौज ले रहा है । हरियाणा सरकार के नियमों के मुताबिक जो सरकारी कर्मचारी 24 घंटे जेल में रह लेता है उसे अपराधिक मुकदमा चलते रहने के दौरान बर्खास्त कर दिया जाता है । परंतु उपरोक्त अधिकारी के बारे में प्रशासनिक या विभागीय स्तर पर कोई भी कार्यवाही अभी तक अमल में नहीं लाई गई है और वह अपनी प्रधानाचार्य की ड्यूटी जॉइन कर सरकारी नौकरी की मौज ले रहा है । गोरतलब है कि पहले भी उपरोक्त अधिकारी की सेंटर्स में सेटिंग कर पेपर पास करवाने तक के कई मामलों में संलिप्तता
पाई जाने की शिकायतें शिक्षा विभाग को मिली है ।

विभाग द्वारा इस बड़े मामले को जिस तरह से अनदेखा किया जा रहा है । उससे ऐसा प्रतीत होता है कि इस मामले में हरियाणा सरकार के और बड़े अधिकारी भी जुड़े हो सकते हैं । उनके संरक्षण मिलने के कारण ही आरोपी राजीव भूटानी द्वारा करनाल वतस्ली गांव के राजकीय स्कूल में प्रधानाचार्य की ड्यूटी जोआइन कर ली है ।अब इस सारे मामले को मुख्यमंत्री के संज्ञान में डाल जाएगा और जांच के बाद ही इस बात का पता चल सकता है कि कहीं बड़े अधिकारी भी तो इस पूरे कांड में शामिल तो नहीं ।

Conclusion:वीओ - जिला शिक्षा अधिकारी रविंद्र कुमार चौधरी ने बताया की इस मामले को उच्च अधिकारियों के संज्ञान में डाला जा चुका है लेकिन अभीतक आरोपी राजीव भूटानी को निलंबित करने के निर्देश नहीं मिले है। जिसके लिए आज भी फोनीकली चंडीगढ़ उच्च अधिकारियों से बात की है जैसे ही आदेश आएंगे कार्यवाही की जायेगी।

बाईट - बलविंदर सिंह - डीडी
बाईट - रवींद्र चौधरी - जिला शिक्षा अधिकारी
बाईट - गुलाब सिंह - स्कूल मैनेजमेंट कमेटी प्रेजिडेंट
Last Updated : Sep 19, 2019, 8:18 PM IST
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