करनाल: जिस स्कूल के प्रधानाचार्य पर पेपर लीक करवाने का आरोप हो. जो एक दिन हवालात की हवा खा चुका हो और जो बेल पर बाहर मौज काट रहा हो. अगर उसी प्रधानाचार्य को दोबारा स्कूल की कमान दे दी जाए. तो ऐसे में उस स्कूल के बच्चों की शिक्षा पर क्या असर पड़ेगा ये आप भी अच्छे से जानते हैं. दरअसल हम बात कर रहे हैं बीईओ राजीव भूटानी की जिन पर हाईप्रोफाइल नायब तहसीलदार परीक्षा के प्रश्न पत्र को लीक करने का आरोप है. बावजूद इसके भूटानी को बर्खास्त करने की जगह दोबारा प्रधानाचार्य का पदभार दे दिया गया है.
दोषी प्रधानाचार्य ने ज्वाइन की ड्यूटी
बता दें कि मई में नायब तहसीलदार परीक्षा के प्रश्न पत्र को लीक करने की कोशिश की गई थी. प्रशासन की मुस्तैदी से पेपर लीक होने से बचा लिया गया, लेकिन इस हाई प्रोफाइल कांड में करनाल के निसिंग खंड के कार्यकारी डीईओ राजीव भूटानी की गिरफ्तारी की गई. रेवाड़ी की अदालत में उन्हें प्राथमिक दृष्टि से दोषी करार देते हुए जेल की सजा सुनाई. बाद में भूटानी जेल से बेल पर बाहर आए और अब उन्होंने 1 सितबंर से प्रधानाचार्य का पदभार संभाल लिया है.
क्यों राजीव भूटानी को नहीं किया गया बर्खास्त ?
हरियाणा सरकार के नियमों के मुताबिक जो सरकारी कर्मचारी 24 घंटे जेल में रह लेता है और जबतक उसपर अपराधिक मुकदमा चलता है तब तक उसे बर्खास्त कर दिया जाता है, लेकिन राजीव भूटानी पर प्रशासनिक या विभागीय स्तर पर कोई भी कार्रवाई नहीं की गई. यहां तक की वो अपनी प्रधानाचार्य की ड्यूटी भी जॉइन कर सरकारी नौकरी की मौज ले रहे हैं.
बर्खास्तगी में क्यों बरती जा रही देरी ?
जिला शिक्षा अधिकारी रविंद्र कुमार चौधरी ने बताया की इस मामले को उच्च अधिकारियों के संज्ञान में डाला जा चुका है. लेकिन अभी तक आरोपी राजीव भूटानी को निलंबित करने के निर्देश नहीं मिले है.
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क्या है पूरा मामला ?
- 26 मई को नायब तहसीलदार की परीक्षा होनी थी
- पेपर लीक होता इससे पहले ही पुलिस ने छापेमारी कर आरोपियों को पकड़ लिया
- पेपर शुरू होते ही पुलिस ने रेवाड़ी जैन गर्ल्स स्कूल और माउंट लिट्राजी स्कूल से पांच आरोपियों को आंसर-की के साथ गिरफ्तार किया
- तीन आरोपी गुरुग्राम और एक आरोपी को करनाल से गिरफ्तार किए गए.
- ठीक एक दिन बाद पेपर लीक कर आरोपियों तक पहुंचाने वाले करनाल स्थित एसएस इंटरनेशल स्कूल में तैनात परीक्षा वाले दिन केंद्र अधीक्षक जसबीर को गिरफ्तार किया गया.
- रिमांड के दौरान आरोपियों ने बताया कि उन्होंने दो लाख रुपये में सौदा किया था
- दो लाख रुपये में पेपर लाकर देने की जिम्मेदारी बीईओ राजीव भूटानी ने ली थी, जिसमें एक लाख एडवांस में दे दिए गए थे.