करनाल: 2003 से लंबित पड़े डेयरी शिफ्टिंग के मामले को लेकर करनाल नगर निगम सख्त हो गया है. करनाल शहर में डेयरी से फैलने वाली गंदगी को दूर करने के लिए नगर निगम लगातार डेयरी शिफ्टिंग का काम कर रहा है. इसको लेकर नगर निगम ने डेयरी संचालकों पर कार्रवाई शुरू कर दी है. मंगलवार को नगर निगम की टीम ने डेयरी संचालकों के चालान किए. साथ ही जिन लोगों ने चालान नहीं भरे उनके पशुओं को नगर निगम के अधिकारी अपने साथ ले गए और डेयरियों को सील कर दिया.
नगर निगम ने की है डेयरी शिफ्टिंग की व्यवस्था
शहर से गंदगी को दूर करने के लिए नगर निगम ने सर्वे कर 185 डेयरियों को चिन्हित किया था. नगर निगम ने इन डेयरी संचालकों से डेयरी शिफ्ट करने के लिए 188 प्लॉटों के आवेदन मांगे थे, जिनमें से मात्र 48 आवेदन ही नगर निगम को मिले. नगर निगम ने डेयरी शिफ्टिंग के लिए ग्राम पिंगली में साढ़े तीन करोड़ रुपये खर्च किए हैं. जिसका ब्यौरा निम्नलिखित है-
- 131 बीघा जमीन पर 1.09 करोड़ रुपये
- रजिस्ट्रेशन फीस पर 6.59 लाख रुपये
- सीवरेज और सड़कों पर 52.85 लाख रुपये
- सिविल वर्क पर 43.19 लाख रुपये
- बिजली निगम पर 10.10 लाख रुपये
- इंटरलॉकिंग टाइल पर 93.44 लाख रुपये
- दो कमरों पर 17.78 लाख रुपये
नवंबर 2017 में निगम ने 37 डेयरी संचालकों को प्लॉट अलॉट किए थे. पिंगली गांव में डेयरी संचालकों और अधिकारियों की मौजूदगी में पूरी प्रक्रिया चली, लेकिन बाद में सामने आया कि कुछ संचालक पशुओं की संख्या अधिक दिखाकर बड़े प्लॉट ले गए, इसलिए इसे रद्द कर दिया गया. साल 2003 में शहरी नगर निकाय मंत्री ने पशु डेयरियों को शहर से शिफ्ट करने की घोषणा की थी.
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नगर निगम अधिकारी गगनदीप सिंह का कहना है कि डेयरी से जुड़े लोगों को कई बार समझा दिया गया है, लेकिन फिर भी वो सुनने को तैयार नहीं है. उनकी तरफ से जो पशु जब्त किए गए हैं, उनके हर पशु पर 5 हजार रुपये का जुर्माना रखा गया है. साथ ही नगर निगम की ओर से लोगों को दो दिन का वक्त दिया गया है. अब देखना ये होगा कि शहर से दूर पिंगली रोड पर डेयरी शिफ्ट करने के लिए जो जगह निर्धारित की गई है, उसको कब तक सही तरीके से अमलीजामा पहनाया जाएगा.