करनाल: हरियाणा में बड़े पैमाने पर कृषि की जाती है. कृषि कार्य के दौरान खेता, गांवों, मार्केट यार्ड या अन्य कहीं आने-जाने के दौरान दुर्घटना का शिकार होने पर हरियाणा में खेतिहर मजदूरों को मुख्यमंत्री किसान एवं खेतिहर जीवन सुरक्षा योजना के तहत पांच लाख रुपए तक आर्थिक सहायता देने का प्रावधान है.
खेतिहर मजदूरों और किसानों को लिए कारगर है ये योजान: दरअसल जब किसान या खेतिहर मजदूर खेती करते हैं तो उस दौरान किसान के साथ कोई दुर्घटना हो जाती है जिसमें कई बार किसान अपाहिज हो जाता है तो कई बार हादसा इतना बड़ा होता है कि उसमें उसकी जान चली जाती है. यह हादसे किसानों के साथ बिजली की वजह से, किसी कृषि वाहन या यंत्र की वजह से या फिर किसी कीटनाशक दवाई का छिड़काव करने के दौरान हो जाते हैं. जिसमें कई बार मरने के बाद किसान पीछे अपने छोटे-छोटे बच्चों को छोड़ जाता है.
उसके बाद परिवार में पालन पोषण करने वाला कोई नहीं होता जिससे किसान के परिवार की हालत और ज्यादा खराब हो जाती है. ऐसे में हरियाणा सरकार ने खेत में काम करने के दौरान किसानों के साथ दुर्घटना होने के बाद वित्तीय सहायता देने के लिए मुख्यमंत्री किसान एवं खेतिहर जीवन सुरक्षा योजना की शुरुआत की है. इस योजना के तहत अन्नदाताओं को 5 लाख रुपए तक की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है.
मुख्यमंत्री किसान एवं खेतिहर जीवन सुरक्षा योजनाछ करनाल के उपायुक्त अनीश यादव ने बताया कि हरियाणा राज्य में कृषि कार्यों के दौरान खेतों, गांवों, मार्केट यार्ड और ऐसे स्थानों से आते-जाते दुर्घटना का शिकार हुए पीड़ितों को मार्केट कमेटी द्वारा मुख्यमंत्री किसान एवं खेतिहर जीवन सुरक्षा योजना के माध्यम से वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है. उन्होंने बताया कि किसान एवं खेतिहर मजदूरों को खेत-खलिहानों में दिन-रात काम करना पड़ता है. इससे अनेक प्रकार की दुर्घटनाओं की संभावना बनी रहती है. इसके लिए सरकार द्वारा आर्थिक सहायता दी जाती है.
आर्थिक सहायता देने के लिए ये है कैटेगरी: इस योजना के तहत दुर्घटना के दौरान मृत्यु होने पर 5 लाख रुपए, रीढ़ की हड्डी टूटने या अन्यथा के कारण से स्थायी अशक्तता होने पर 2 लाख 50 हजार रुपए, दो अंग भंग होने पर या स्थायी गंभीर चोट लगने पर 1 लाख 87 हजार 500 रुपए, इसी प्रकार एक अंग-भंग होने या स्थायी चोट होने पर 1 लाख 25 हजार रुपए, पूरी उंगली कटने पर 75 हजार रुपए, आंशिक उंगली भंग होने पर 37 हजार रुपए सरकार अनुदान के रूप में मार्केट कमेटी के माध्यम से देती है.
ऐसे उठा सकते हैं योजना का लाभ: उपायुक्त ने बताया कि मुख्यमंत्री किसान एवं खेतिहर जीवन सुरक्षा योजना का लाभ लेने के लिए किसान को इसके लिए पुलिस रिपोर्ट और पोस्टमार्टम रिपोर्ट का होना जरूरी है. इसके अलावा अशक्तता की स्थिति में प्रमाण पत्र और अंग हानि होने की स्थिति में शेष बचे हुए अंग की फोटो दावे (क्लेम) के साथ जमा कराएं. आवेदक को दुर्घटना के दो महीने तक संबंधित मार्केट कमेटी के सचिव के पास आवेदन जमा कराना होगा. आवेदन जमा होने के बाद उसके सभी डॉक्यूमेंट विभाग की तरफ से वेरीफाई हो जाते हैं, जिसके बाद किसान को वित्तीय सहायता दी जाती है. कहीं ना कहीं किसानों के लिए है एक अच्छी योजना है, जिसमें दुर्घटना का शिकार हुए किसानों को थोड़ी राहत जरूर मिल जाती है.
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