करनाल: सीगड़ा नानकसर गुरुद्वारा में बाबा राम सिंह के अंतिम दर्शन के लिए पंजाब सरकार के कैबिनट मंत्री भी गुरुवार रात करनाल पहुंचे. वहीं दिनभर आम संगत के साथ-साथ पंजाब, हरियाणा सरकार में वर्तमान और पूर्व में रहे मंत्रियों और नेताओं का तांता लगा रहा.
बाबा राम सिंह का आज यानि शुक्रवार को अंतिम संस्कार किया जाएगा. अंतिम दर्शन के लिए नानकसर गुरुद्वारे में उनका पार्थिव शरीर रखा गया है. उनके अंतिम दर्शन करने के लिए पंजाब सरकार के दो कैबिनेट मंत्री गुरप्रीत सिंह कांगड़ और तृप्त राजेन्द्र सिंह बाजवा भी करनाल पहुंचे.
उन्होंने बाबा राम सिंह के अंतिम दर्शन किए और उन्हें श्रद्धांजलि दी. गुरप्रीत सिंह कांगड़ ने कहा कि बाबा जी का जाना एक बहुत बड़ी क्षति है जिसे भर पाना मुश्किल है. कांगड़ ने कहा कि बाबा राम सिंह जी बहुत बड़ी कुर्बानी दे गए हैं.
ये भी पढ़ें- संत बाबा राम सिंह के अंतिम दर्शन के लिए करनाल पहुंचे सांसद दीपेंद्र हुड्डा
वहीं सरकार को घेरते हुए उन्होंने कहा कि मोदी सरकार अहंकारी सरकार है. पता नहीं मोदी का कितना सा दिल है. मैं कहता हूं पत्थर दिल हैं वो, लेकिन परमात्मा सब देख रहा है और उनके दिन पास आ गए हैं. बस अब सजा मिलेगी.
कांगड़ ने ये भी कहा कि हरियाणा सरकार के मंत्री एसवाईएल पर बातचीत करके मुद्दे को डाइवर्ट करने में लगे हुए हैं. किसान की जो बात है वो आज काले कानून को रद्द करने की है. वहीं तृप्त राजेन्द्र सिंह बाजवा ने भी सरकार को कोसा और कहा कि कभी किसी ने सोचा नहीं था कि ऐसा होगा.
बाजवा ने कहा कि हालात बिगड़ते जा रहे हैं. केंद्र सरकार अपनी जिद को छोड़े और जो किसानों को नुकसान करने का काम किया है उसे ठीक करे. सरकार को राजहठ छोड़कर फैसला करना चाहिए और समाधान हर बात का होता है बस मन चाहिए, लेकिन राजहठ नहीं चाहिए.
ये भी पढ़ें- 'बाबा राम सिंह का बलिदान नहीं जाएगा व्यर्थ, किसानों की मांगें जल्द माने सरकार'
कौन हैं संत बाबा राम सिंह?
सिंघु बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ बीते बुधवार को करनाल के संत बाबा राम सिंह ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी. संत राम सिंह के पास से सुसाइड नोट भी मिला. संत राम सिंह करनाल के सिंगडा गांव के गुरुद्वारे में रहते थे.
गोली लगने के बाद संत राम सिंह को पानीपत के पार्क अस्पताल में इलाज के लिए लाया गया. जहां डॉक्टर्स ने संत रामसिंह को मृत घोषित कर दिया. सोनीपत पुलिस को संत के पास से सुसाइट नोट भी मिला है.
संत ने सुसाइड नोट में क्या लिखा?
किसानों का दुख देखा, अपने हक के लिए सड़कों पर बैठे हैं. बहुत दिल दुखा है. सरकार न्याय नहीं दे रही, जुल्म है. जुल्म करना पाप है, जुल्म सहना भी पाप है. किसी ने किसानों के हक में और जुल्म के खिलाफ कुछ किया, कुछ नहीं किया. कइयों ने सम्मान वापस किये, पुरुस्कार वापस करके रोष जताया. मैं किसानों के हक के लिए और सरकार के जुल्म के खिलाफ आत्महत्या करता हूं. ये जुल्म के खिलाफ आवाज है. ये कीर्ति किसानों के हक में आवाज है. वाहे गुरू जी का खालसा. वाहे गुरू जी की फतेह.