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करनाल: मनरेगा मजदूरों ने खोला मोर्चा, 20 सूत्रीय मांगो को लेकर SDM को सौंपा ज्ञापन

करनाल में मनरेगा मजदूरों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. साथ ही सरकार को चेतावनी दी है अगर उनकी मांग पूरी नहीं की तो रोड़ पर उतरकर सरकार का विरोध करेंगे.

प्रदर्शन करते मनरेगा मजदूर
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Published : Jul 24, 2019, 9:47 AM IST

करनाल: इंद्री, कुंजपुरा और करनाल ब्लाक के हजारों की संख्या में मनरेगा मजदूरों इन्द्री एसडीएम कार्यालय पहुंच गए. यहां मजदूरों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. साथ ही कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री के नाम मांगों को लेकर SDM को ज्ञापन सौंपा.

प्रदर्शन करते मनरेगा मजदूर

इस प्रदर्शन में अधिकतर महिलाओं ने हिस्सा लिया. ये महिलाएं इंद्री की अनाज मंडी में एकत्रित हुई. यहां से रणनीति बनाकर जुलूस निकालते हुए प्रदर्शनकारी एसडीएम कार्यालय पहुंची.

मनरेगा मजदूरों की मांग

  • मजदूरों ने आरोप लगाया कि मनरेगा मजदूरों को 2005 के कानून के अनुसार काम नहीं दिया जा रहा है.
  • अगले वर्ष में मजदूरों को सौ दिन के रोजगार की गारंटी दी जाए.
  • मजदूरों के जॉब कार्ड बनवाए जाएं.
  • मजदूरों का न्यूनतम वेतन डीसी रेट के अनुसार 550 रूपए प्रतिदिन निशचित किया जाए.
  • मनरेगा कानून के तहत मजदूरों को औजार मुहैया करवाए जाएं.
  • लोगों को सौ-सौ गज के प्लाट दिलवाए जाएं.
  • मजदूरों को मजदूरी मनरेगा कानून के तहत पैमाईश के हिसाब से दी जाए नाकि दिहाड़ी के हिसाब से.
  • मनरेगा मजदूरों से मजदूरी रात में ना करवाई जाए.
  • सौ दिन के गारंटी रोजगार को बढ़ाकर दो सौ दिन का किया जाए.
  • कार्य करते समय अगर किसी मजदूर के साथ कोई दुर्घटना हो जाती है ओर वो स्थाई विकंलाग हो जाता है तो उसकों कम से कम दो लाख रूपयों का मुआवजा दिया जाए.
  • मनरेगा मजदूरों को 2014-19 की राज्य सरकार में कोई भी सरकारी आवायीय योजना के तहत घर बनाने और घर-घर शौचालय बनाने के लिये कोई ग्रांट दी जाए.

करनाल: इंद्री, कुंजपुरा और करनाल ब्लाक के हजारों की संख्या में मनरेगा मजदूरों इन्द्री एसडीएम कार्यालय पहुंच गए. यहां मजदूरों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. साथ ही कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री के नाम मांगों को लेकर SDM को ज्ञापन सौंपा.

प्रदर्शन करते मनरेगा मजदूर

इस प्रदर्शन में अधिकतर महिलाओं ने हिस्सा लिया. ये महिलाएं इंद्री की अनाज मंडी में एकत्रित हुई. यहां से रणनीति बनाकर जुलूस निकालते हुए प्रदर्शनकारी एसडीएम कार्यालय पहुंची.

मनरेगा मजदूरों की मांग

  • मजदूरों ने आरोप लगाया कि मनरेगा मजदूरों को 2005 के कानून के अनुसार काम नहीं दिया जा रहा है.
  • अगले वर्ष में मजदूरों को सौ दिन के रोजगार की गारंटी दी जाए.
  • मजदूरों के जॉब कार्ड बनवाए जाएं.
  • मजदूरों का न्यूनतम वेतन डीसी रेट के अनुसार 550 रूपए प्रतिदिन निशचित किया जाए.
  • मनरेगा कानून के तहत मजदूरों को औजार मुहैया करवाए जाएं.
  • लोगों को सौ-सौ गज के प्लाट दिलवाए जाएं.
  • मजदूरों को मजदूरी मनरेगा कानून के तहत पैमाईश के हिसाब से दी जाए नाकि दिहाड़ी के हिसाब से.
  • मनरेगा मजदूरों से मजदूरी रात में ना करवाई जाए.
  • सौ दिन के गारंटी रोजगार को बढ़ाकर दो सौ दिन का किया जाए.
  • कार्य करते समय अगर किसी मजदूर के साथ कोई दुर्घटना हो जाती है ओर वो स्थाई विकंलाग हो जाता है तो उसकों कम से कम दो लाख रूपयों का मुआवजा दिया जाए.
  • मनरेगा मजदूरों को 2014-19 की राज्य सरकार में कोई भी सरकारी आवायीय योजना के तहत घर बनाने और घर-घर शौचालय बनाने के लिये कोई ग्रांट दी जाए.
Intro:कुंजपुरा व करनाल ब्लाक के हजारों की संख्या में मनरेगा मजदूरों ने अपनी मुख्य मांगो को लेकर करनाल के इन्द्री में एसडीएम कार्यालय पर सरकार के खिलाफ जम कर नारेबाजी करते हुए किया प्रदर्शन, मनरेगा मजदूरों ने प्रदर्शन करते हुए एसडीएम को अपनी मांगों को लेकर सौपा ज्ञापन। , Body:राजीव गांधी पंचायती राज प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष ड़ा. सुनील पंवार व महिला नेत्री ड़ा. नवजोत कौर कश्यप के नेतृत्व में करनाल के इन्द्री, कुंजपुरा व करनाल ब्लाक के हजारों की संख्या में मनरेगा मजदूरों ने इन्द्री में एसडीएम कार्यालय पर सरकार के खिलाफ जम कर नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। हरियाणा के मुख्यमंत्री के नाम अपनी मांगों का एक मांग पत्र इन्द्री के एसड़ीएम सुमित सिहाग को सौंपा। मांग पत्र देने से पहले सभी मनरेगा मौजूद जिनमें ज्यादातर संख्या महिलाओं की रही ने इन्द्री की अनाज मंड़ी में एकत्र होकर अपनी रणनीति बनाई ओर फिर उसके बाद एक जलूस की शकल में नारेबाजी करते हुये एसड़ीएम कार्यालय पहुंचें।
Conclusion:वीओ-- ड़ा. सुनील पंवार ने कहा कि मनरेगा मजदूरों को 2005 के कानून के अनुसार काम नहीं दिया जा रहा है। अगले वर्ष में मजदूरों को सौ दिन के रोजगार की गांरटी दी जाए। ज्यादातर मजदूरों के जाब काडऱ् नहीं बने हुए है उन्हें बनवाया जाएं। मजदूरों का न्यूनतम वेतन डीसी रेट के अनुसार 550 रूपए प्रतिदिन निशचित किया जाए। मनरेगा कानून के तहत मजदूरों को औजार मुहैया करवाये जाए। जिन लोगों को सौ सौ गज के प्लाट नहीं मिले है उन्हें प्लाट दिलवाये जाए। मजदूरों को मजदूरी मनरेगा कानून के तहत पैमाईश के हिसाब से दी जाए नाकि दिहाड़ी के हिसाब से। मनरेगा मजदूरों से मजदूरी रात में ना करवाई जाएं। सौ दिन के गांरटी रोजगार को बढ़ाकर दो सौ दिन का किया जाए। कार्य करते समय अगर किसी मजदूर के साथ कोई दुर्घटना हो जाती है ओर वो स्थाई विकंलाग हो जाता है तो उसकों कम से कम दो लाख रूपयों का मुआवजा दिया जाये। मनरेगा मजदूरों को 2014-19 की राज्य सरकार में कोई भी सरकारी आवायीय योजना के तहत घर बनाने व घर घर शौचालय बनाने के लिये कोई ग्रांट नही मिली है।

वीओ - पंवार ने कहा कि सरकार ने श्रमिक कार्ड के लिये 90 दिन का रोजगार अनिवार्य किया है जिसके तहत 4.5 लाख श्रमिक कार्ड काट दिये गये है। जबकि 90 दिन का काम किसी भी गांव में नहीं दिया गया है। अत: इस शर्त को काटकर श्रमिको के कार्ड बहाल किये जाए। मनेरगा श्रमिकों को बुढ़ापा पैंशन 50 साल की उम्र से लागू की जाये तथा मनरेगा मजदूरों का पांच लाख का जीवन बीमा किया जाए। पंवार ने कहा कि खट्टर सरकार ने जो वायदे किये थे उनकों पूरा नहीं किया है। वहीं एसड़ीएम सुमित सिहाग ने कहा कि मनरेगा मजदूरों ने अपना एक मांग पत्र मुख्यमंत्री महोदय के नाम दिया है जिनमें उन्होंने अपनी मागों को रखा है। उनका यह मांग पत्र मुख्यमंत्री महोदय तक पहुंचा दिया जायेगा।

बाइट- 2- सुनील पंवार राजीव गांधी पंचायती राज प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष
बाइट- 3- मनरेगा मजदुर - विमला व् रानी
बाइट - 4- सुमित सिहाग एसडीएम इंद्री
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