करनाल: हरियाणा को मेडल की खान कहा जाता है. क्योंकि खेल प्रतियोगिता कोई भी हो. हरियाणा के खिलाड़ियों के मेडल देश के बाकी राज्यों से ज्यादा होते हैं. सबसे ज्यादा हरियाणा में कुश्ती और बॉक्सिंग को पसंद किया जाता है. बात हरियाणा के करनाल जिले की करें तो यहां बड़े स्तर पर खिलाड़ी रोजाना बॉक्सिंग की प्रैक्टिस करते हैं. अर्जुन अवॉर्डी और कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीतकर देश का नाम रोशन करने वाले अंतरराष्ट्रीय स्तर के बॉक्सर मनोज कुमार (boxer manoj kumar) खिलाड़ियों को ट्रेनिंग दे रहे हैं.
बॉक्सर मनोज कुमार अभी रेलवे में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इसके साथ वो 'मनोज कुमार बॉक्सिंग एकेडमी' (manoj kumar boxing academy karnal) के नाम से अपनी बॉक्सिंग अकेडमी चला रहे हैं. जिसमें वो बच्चों को बॉक्सिंग के गुर सिखा रहे हैं. मनोज के कोच राजेश कुमार भी उनका पूरा सहयोग करते हैं. कोच राजेश कुमार मनोज के बड़े भाई हैं. जो खुद अच्छे बॉक्सर रह चुके हैं. राजेश कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी में कोच के पद पर तैनात हैं और वहां के खिलाड़ियों को कोचिंग के गुर सिखा रहे हैं.
मनोज कुमार बॉक्सिंग एकेडमी करनाल में लगभग 70 खिलाड़ी कोचिंग ले रहे हैं. मनोज कुमार (boxer manoj kumar) ने कहा कि उन्होंने खुद अपने पैसों से इस बॉक्सिंग एकेडमी को तैयार किया है. उन्होंने दावा किया कि दिल्ली से लेकर चंडीगढ़ तक ये एकमात्र ऐसी एकेडमी है. जिसमें सबसे ज्यादा बच्चे कोचिंग लेने के लिए आते हैं. मनोज कुमार ने कहा कि जैसे उन्होंने बॉक्सिंग में अपने देश का नाम रोशन किया है.

वैसे ही उनके सिखाए (boxer manoj kumar give training to children) खिलाड़ी भारत का नाम रोशन करें. उनके तीन खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेल चुके हैं. जो भारत को मेडल दिला चुके हैं. मनोज कुमार (boxer manoj kumar) का लक्ष्य है कि उनकी अकेडमी में जो भी खिलाड़ी खेल रहे हैं. वो सभी देश के लिए कॉमनवेल्थ और ओलंपिक में मेडल जीतकर आए.

बॉक्सर मनोज कुमार की उपलब्धियां: मनोज कुमार ने सबसे पहले साल 2010 के कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीता था. इसके बाद मनोज ने साल 2011 में हुई अमेटर बॉक्सिंग चैंपियनशिप में क्वार्टर फाइनल तक का सफर तय किया. लंदन में हुए 2012 के ओलंपिक खेल में भी मनोज ने हिस्सा लिया था. जिसमें उन्हें उस समय के नंबर वन बॉक्सर से राउंड 16 में हार का सामना करना पड़ा था. साल 2014 के कॉमनवेल्थ गेम्स में भी मनोज ने हिस्सा लिया था. इसके बाद साल 2016 में साउथ एशियन गेम्स में मनोज ने अपनी कैटेगरी में गोल्ड मेडल जीता था. साल 2018 में भारत में हुए इंडियन ओपन इंटरनेशनल बॉक्सिंग टूर्नामेंट में मनोज कुमार ने कांस्य पदक जीता था. साल 2014 में मनोज कुमार को अर्जुन अवॉर्ड से नवाजा गया. मनोज की एकेडमी में तीन सहायक और हैं जो वहां पर खिलाड़ियों को बॉक्सिंग के गुर सिखा रहे हैं.