करनालः जिले में खड़ी धान की फसल पत्ता लपेट सुंडी की चपेट में आ रही है. सुंडी के कारण (Leaf wrapper in paddy in karnal) धान के हरे खेत सफेद होने लगे हैं और किसानों के चेहरे चिंता में पीले पड़ने लगे हैं. सुंडी धान के पत्तों को खा रही है जिसके कारण पत्ते सुख रहे हैं. बरसात की कमी के कारण पत्ता लपेट सुंडी की बीमारी धान की फसल में आई है. अगर फसल को बीमारी से नहीं बचाया गया तो ये पूरे धान के खेत को चट कर जाएगी जिससे किसानों को भारी नुक्सान होगा.
बीमारी से बचाव का उपाय: कृषि विभाग के उप निदेशक डाॅक्टर करमचंद ने कहा कि किसानों का फसल में मोनोक्रोटोफ़ास का स्प्रे (spray of monocrotophos in paddy) करना चाहिए. 500 ग्राम मोनोक्रोटोफ़ास 200 से 250 लीटर पानी मे डाल कर एक एकड़ में स्प्रे करें. इसके छिड़काव से पत्ता लपेट सुंडी मर जाएगी. पत्ता लपेट सुंडी के खात्मे के लिए देसी उपाय भी है. एक लंबी रस्सी लेकर उसमें 2-3 जगह पत्थर बांध दें और 2 व्यक्ति उसे धान के खेत में एक छोर से दूसरे छोर तक घूमायें. ऐसा करने से सुंड़ी पत्तों से झड़ कर पानी में गिर कर मर जाएगी. अगर बरसात अच्छी हो जाती है तो बीमारी की खतरा टल जाएगा.
बीमारी के महीने: पत्ता लपेट सुंडी का खतरा अगस्त व सितंबर महीने में रहता है क्योंकि (Agriculture Department karnal) इन महीनों में दिन में अधिक गर्मी से धान की गोभ में सुंडी पैदा हो जाती है. ये गोभ में अंडे देती है और फिर धीरे धीरे सुंडी पूरे पौधे को खाने लग जाती है. सुंडी तने में छेद कर देती है जिससे पौधे सुखने लग जाते हैं. समय रहते कीटनाशक दवाई के छिड़काव से बीमारी से छुटकारा पाया जा सकता है. अगर धान में तना छेदक रोग भी लगा है तो 5 किलोग्राम चलदान दवाई खेत मे डालें जो तना छेदक और पत्ती लपेटा कीट पर दोनों को खत्म कर देगी.