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तुर्की से कम रिक्टर स्केल का भूकंप भी हरियाणा में बरपा सकता है कहर, डेंजर जोन में इतने जिले

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Published : Feb 9, 2023, 9:12 PM IST

सोमवार, 6 फरवरी की सुबह में तुर्की और सीरिया में 7.8, 7.6 और 6.0 तीव्रता के साथ लगातार तीन विनाशकारी भूकंप आए. तुर्की और सीरिया में आए इस भूकंप से बहुत भारी जनहानि और तबाही हुई है. आखिर भूकंप के झटके क्यों आते हैं, हरियाणा के कौन-कौन से जिले भूकंप के लिहाज से डेंजर जोन में आते हैं इस पर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में भू भौतिकी विज्ञान के प्रोफेसर डॉ. भगवान सिंह चौहान ईटीवी भारत से खास बातचीत की.

Professor Dr Bhagwan Singh Chauhan on Earthquake in haryana
uहरियाणा के कौन-कौन से जिले डेंजर जोन में आते हैं जानिए.
हरियाणा के कौन-कौन से जिले डेंजर जोन में आते हैं जानिए.

करनाल: तुर्की और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप में मरने वालों की संख्या 19,000 के पार पहुंच चुकी है. अभी भी कई देशों की टीमें तुर्की और सीरिया में राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं. इस भूकंप से कई देशों में डर का माहौल है. अब भारत में भी इस मुद्दे पर चर्चा होने लगी है कि भूकंप को लेकर किस प्रदेश में क्या स्थिति है. और कौन सा राज्य किस जोन में आता है.

हाल ही में तुर्की में भूकंप ने काफी तबाही मचाई है. बताया जाता है कि ऐसा ही एक भूकंप 1960 में हरियाणा में भी आया था, जिसने हरियाणा में काफी तबाही मचाई थी. तब भूकंप के झटके दिल्ली तक महसूस किए गए थे और इस भूंकप में सैकड़ों घर तबाह हो गए थे. ऐसे में यह जानना बेहद जरूरी है कि हरियाणा के कौन-कौन से जिले सेंसेटिव जोन में आते हैं.

भूकंप कैसे और क्‍यों आता है?: ईटीवी भारत से खास बातचीत में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में भू भौतिकी विज्ञान के प्रोफेसर डॉ. भगवान सिंह चौहान ने बताया कि इसे वैज्ञानिक रूप से समझने के लिए हमें पृथ्‍वी की संरचना को समझना होगा. दरअसल ये पृथ्‍वी टैक्टोनिक प्लेटों पर स्थित है. इसके नीचे तरल पदार्थ लावा है. ये प्लेट्स जो लगातार तैरती रहती हैं और कई बार आपस में टकरा जाती हैं. बार-बार टकराने से कई बार प्लेट्स के कोने मुड़ जाते हैं और ज्‍यादा दबाव पड़ने पर ये प्‍लेट्स टूटने लगती हैं. ऐसे में नीचे से निकली ऊर्जा बाहर की ओर निकलने का रास्‍ता खोजती है और इस डिस्‍टर्बेंस के बाद भूकंप आता है और अगर भूकंप की तीव्रता 6 रिएक्टर से ज्यादा हो तो बहुत भारी तबाही लाता है. अगर 6 या इसे ज्यादा तीव्रता का भूकंप आता है तो इसके झटके करीब 200 किलोमीटर तक नुकसान पहुंचा सकते हैं.

Professor of Geophysics at Kurukshetra University Dr. Bhagwan Singh Chauhan
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में भू भौतिकी विज्ञान के प्रोफेसर डॉ. भगवान सिंह चौहान

डॉ. बीएस चौहान ने बताया कि जैसा भूकंप हाल ही में तुर्की में आया है ऐसा ही भूकंप हरियाणा में 1960 में आया था, जिसने हरियाणा में भारी तबाही मचाई थी. उन्होंने कहा कि हरियाणा और आसपास के राज्यों में भी पिछले काफी समय से हल्के झटके महसूस होते हैं. उन्होंने बताया कि ऐसे हल्के झटकों से यह स्पष्ट होता है कि आने वाले साल में हरियाणा में कोई भी बड़ा भूकंप नहीं आएगा. जिसे हरियाणा वासी अपने आप को भूकंप सुरक्षित महसूस कर सकते हैं. वहां से चार-पांच साल पहले भी आए भूकंप 4.2 की तीव्रता रही थी. 1960 के बाद का सबसे ज्यादा तीव्रता वाला भूकंप था.

हरियाणा के ये जिले आते हैं डेंजर जोन में: प्रोफेसर ने कहा कि, हरियाणा के करीब 15 जिले ऐसे हैं जहां पर भूकंप ज्यादा आने की आशंका रहती है. इसमें गुरुग्राम, झज्जर, मेवात, फरीदाबाद, रेवाड़ी, सोनीपत, रोहतक, झज्जर, पानीपत, करनाल, कुरुक्षेत्र, अंबाला, यमुनानगर और पंचकूला जिले शामिल हैं. उन्होंने बताया कि हालांकि हरियाणा के साथ-साथ एनसीआर भी इसी के दायरे में आता है.

उन्होंने कहा कि पहाड़ी वाले क्षेत्र में भूकंप आने की ज्यादा आशंका रहती है. उन्होंने कहा कि जिस क्षेत्र में जितनी ज्यादा बिल्डिंग होती है, वह उतनी ही ज्यादा डेंजर जोन में आ जाता है. अगर उस क्षेत्र में जनसंख्या भी काफी जाता है तो वहां पर नुकसान होने के और ज्यादा आशंका बढ़ जाती है.

ये भी पढ़ें: Turkey Syria earthquake: तुर्की-सीरिया भूकंप में मरने वालों की संख्या 19000 के पार

हरियाणा के कौन-कौन से जिले डेंजर जोन में आते हैं जानिए.

करनाल: तुर्की और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप में मरने वालों की संख्या 19,000 के पार पहुंच चुकी है. अभी भी कई देशों की टीमें तुर्की और सीरिया में राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं. इस भूकंप से कई देशों में डर का माहौल है. अब भारत में भी इस मुद्दे पर चर्चा होने लगी है कि भूकंप को लेकर किस प्रदेश में क्या स्थिति है. और कौन सा राज्य किस जोन में आता है.

हाल ही में तुर्की में भूकंप ने काफी तबाही मचाई है. बताया जाता है कि ऐसा ही एक भूकंप 1960 में हरियाणा में भी आया था, जिसने हरियाणा में काफी तबाही मचाई थी. तब भूकंप के झटके दिल्ली तक महसूस किए गए थे और इस भूंकप में सैकड़ों घर तबाह हो गए थे. ऐसे में यह जानना बेहद जरूरी है कि हरियाणा के कौन-कौन से जिले सेंसेटिव जोन में आते हैं.

भूकंप कैसे और क्‍यों आता है?: ईटीवी भारत से खास बातचीत में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में भू भौतिकी विज्ञान के प्रोफेसर डॉ. भगवान सिंह चौहान ने बताया कि इसे वैज्ञानिक रूप से समझने के लिए हमें पृथ्‍वी की संरचना को समझना होगा. दरअसल ये पृथ्‍वी टैक्टोनिक प्लेटों पर स्थित है. इसके नीचे तरल पदार्थ लावा है. ये प्लेट्स जो लगातार तैरती रहती हैं और कई बार आपस में टकरा जाती हैं. बार-बार टकराने से कई बार प्लेट्स के कोने मुड़ जाते हैं और ज्‍यादा दबाव पड़ने पर ये प्‍लेट्स टूटने लगती हैं. ऐसे में नीचे से निकली ऊर्जा बाहर की ओर निकलने का रास्‍ता खोजती है और इस डिस्‍टर्बेंस के बाद भूकंप आता है और अगर भूकंप की तीव्रता 6 रिएक्टर से ज्यादा हो तो बहुत भारी तबाही लाता है. अगर 6 या इसे ज्यादा तीव्रता का भूकंप आता है तो इसके झटके करीब 200 किलोमीटर तक नुकसान पहुंचा सकते हैं.

Professor of Geophysics at Kurukshetra University Dr. Bhagwan Singh Chauhan
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में भू भौतिकी विज्ञान के प्रोफेसर डॉ. भगवान सिंह चौहान

डॉ. बीएस चौहान ने बताया कि जैसा भूकंप हाल ही में तुर्की में आया है ऐसा ही भूकंप हरियाणा में 1960 में आया था, जिसने हरियाणा में भारी तबाही मचाई थी. उन्होंने कहा कि हरियाणा और आसपास के राज्यों में भी पिछले काफी समय से हल्के झटके महसूस होते हैं. उन्होंने बताया कि ऐसे हल्के झटकों से यह स्पष्ट होता है कि आने वाले साल में हरियाणा में कोई भी बड़ा भूकंप नहीं आएगा. जिसे हरियाणा वासी अपने आप को भूकंप सुरक्षित महसूस कर सकते हैं. वहां से चार-पांच साल पहले भी आए भूकंप 4.2 की तीव्रता रही थी. 1960 के बाद का सबसे ज्यादा तीव्रता वाला भूकंप था.

हरियाणा के ये जिले आते हैं डेंजर जोन में: प्रोफेसर ने कहा कि, हरियाणा के करीब 15 जिले ऐसे हैं जहां पर भूकंप ज्यादा आने की आशंका रहती है. इसमें गुरुग्राम, झज्जर, मेवात, फरीदाबाद, रेवाड़ी, सोनीपत, रोहतक, झज्जर, पानीपत, करनाल, कुरुक्षेत्र, अंबाला, यमुनानगर और पंचकूला जिले शामिल हैं. उन्होंने बताया कि हालांकि हरियाणा के साथ-साथ एनसीआर भी इसी के दायरे में आता है.

उन्होंने कहा कि पहाड़ी वाले क्षेत्र में भूकंप आने की ज्यादा आशंका रहती है. उन्होंने कहा कि जिस क्षेत्र में जितनी ज्यादा बिल्डिंग होती है, वह उतनी ही ज्यादा डेंजर जोन में आ जाता है. अगर उस क्षेत्र में जनसंख्या भी काफी जाता है तो वहां पर नुकसान होने के और ज्यादा आशंका बढ़ जाती है.

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